आजकल नींद न आने की समस्या से हर दूसरा व्यक्ति पीड़ित है। इस समस्या से लोग इतने परेशान हैं कि कुछ तो नींद की गोलियों तक का भी सेवन करते हैं। फिलहाल यहां हम महिलाओं में इंसोम्निया के बारे में बात करेंगे। नेशनल स्लीप फाउंडेशन (NSF) की मानें तो “महिलाओं में इंसोम्निया पुरुषों की तुलना में ज्यादा देखने को मिलता है। पीरियड्स, गर्भावस्था और मेनोपॉज के दौरान सभी महिलाओं को नींद की समस्या का सामना करना पड़ता है। शरीर में होने वाले ये बायोलॉजिकल बदलाव कभी-कभी नींद को बाधित करते हैं लेकिन, फिर नींद की ये खराब आदतें एक पैटर्न बना लेती हैं।’ क्रोनिक इंसोम्निया की समस्या से दैनिक कार्य करने की क्षमता प्रभावित हो सकती है।