जर्नलिंग (Creative Writing) शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक रूप से आपके लिए अच्छा है। हम में से कई लोग अपने बारे में लिखने से कतराते हैं तो जितना आपको पहली बार में समझ आए उतना ही लिखें और आज ही इसे अपनी आदतों में शामिल करें। यह ना केवल आपको मानसिक रुप से एक्टिव करता है बल्कि यह आदत आपके जीवन में एक पॉजिटिव बदलाव लेकर आती है।
डायरी लिखना अकेलेपन को करता है दूर
अगर आप डायरी लिखते हैं तो इससे आपका अकेलापन भी दूर होता है। आमतौर पर आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में किसी के लिए भी दूसरों के लिए टाइम निकालना मुश्किल होता है। ऐसी स्थिति में डायरी लिखना आपके लिए बहुत फायदेमंद होता है। डायरी के अंदर जब आप अपनी भावनाओं को लिखते हैं, तो आपको ऐसा महसूस होता है कि आप अपने फ्रेंड को यह सब बता रहे हैं। जिससे आपका अकेलापन अपने आप दूर हो जाता है और दिमाग हल्का हो जाता है।
डायरी हो सकती है आपकी बेस्ट फ्रेंड
जब आप दुखी होते हैं या बहुत ज्यादा खुश होते हैं तो अपने सबसे करीबी दोस्त को जाकर बताते हैं कि आप कैसा महसूस कर रहे हैं। डायरी में भी आप अपनी खुशी और गम दोनों को लिखते हैं। मतलब यह आपके दोस्त की तरह होती है और इसमें लिखने के बाद आपको ऐसा लगेगा जैसे कि आप अपने मन की बात अपने दोस्त से कह रहे हैं। यकीन मानिए कि जब आप बहुत दुखी हों, तो आपको अपना दुख डायरी में लिखने से अच्छा महसूस होगा।
हीलिंग में सहायक है डायरी लिखना
भावनात्मक, शारीरिक और मनोवैज्ञानिक रूप से एक्सप्रेसिव राइटिंग हीलिंग का एक रास्ता है। राइटिंग टू हील के लेखक डॉ जेम्स पेनेबेकर ने पाया कि लेखन अभ्यास के प्रतिभागियों में बेहतर इम्यून फंक्शन होता है। तनाव अक्सर भावनात्मक रुकावटों और काल्पनिक चीजों के बारे में बार-बार सोचने से होता है। डॉ जेम्स पेनेबेकर बताते हैं, “जब हम किसी अनुभव के बारे में बोलने के बजाय लिखते हैं, तो यह लोगों को ज्यादा आसान लगता है और ऐसा करते हुए वे मानसिक रूप से ट्रॉमा में फंसने से खुद को बचा सकते हैं।
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