बच्चों में डायजेस्टिव प्रॉब्लम्स (Digestive Problems in Children) में से इस समस्या के निदान के लिए डॉक्टर बच्चे की शारीरिक जांच करेंगे और हेल्थ हिस्ट्री के बारे में जानेंगे। इसके साथ ही कुछ टेस्ट्स के लिए भी कहा जा सकता है, जैसे:
- स्किन प्रिक टेस्ट (Skin Prick Test)
- ब्लड टेस्ट्स (Blood Tests)
- फूड चैलेंज टेस्ट (Food Challenge Test)
बच्चों में फूड एलर्जी के लिए कोई दवा मौजूद नहीं है। लेकिन, इसके उपचार का उद्देश्य होता है, उस आहार से दूर रहना जिसके कारण यह लक्षण पैदा हो रहे हैं। बच्चे के लिए उस खास आहार का सेवन न करना जरूरी है। इसके साथ ही इस स्थिति में यदि आपका बच्चा कुछ खाद्य पदार्थ खाने में असमर्थ है तो बच्चे को विटामिन देना महत्वपूर्ण हो सकता है। अपने बच्चे के डॉक्टर के साथ इस पर चर्चा करें। यदि आपके बच्चे को दूध से एलर्जी है, तो इस स्थिति में उसे सोया मिल्क दिया जा सकता है।
लैक्टोज इनटॉलेरेंस (Lactose Intolerance in Children)
लैक्टोज इनटॉलेरेंस तब होती है, जब शरीर आसानी से लैक्टोज को तोड़ या पचा नहीं पाता। लैक्टोज एक शुगर है, जो दूध और दूध उत्पादों में पाई जाती है। अगर आपके बच्चे को यह समस्या है, तो वो किसी भी मिल्क प्रोडक्ट को खाने या पीने के बाद बुरे लक्षणों का अनुभव कर सकते हैं। इसके लक्षण इस प्रकार हैं
- पेट में समस्या या जी मचलना (Upset Stomach or Nausea)
- क्रैम्प्स (Cramps)
- पेट में सूजन (Bloating)
- पेट में दर्द (Abdominal Pain)
- गैस (Gas)
- मल का लूज होना या डायरिया (Loose Stool or Diarrhea)
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लैक्टोज इनटॉलेरेंस के कारण (Causes of Lactose Intolerance)
लैक्टोज इनटॉलेरेंस की समस्या बच्चों और वयस्कों दोनों में हो सकती है। इसके सामान्य कारण इस प्रकार हैं:
- डायजेस्टिव रोग और इन्फेक्शन (Digestive Diseases or Infection)
- स्मॉल इंटेस्टाइन में चोट (Injury to the Small Intestine)
- फैमिली हिस्ट्री (Family History)
और पढ़ें : एंजाइम क्या है: एंजाइम का पाचन के साथ क्या संबंध है?
निदान और उपचार (Diagnosis and Treatment)
बच्चों में डायजेस्टिव प्रॉब्लम्स (Digestive Problems in Children) में लैक्टोज इनटॉलेरेंस के निदान के लिए डॉक्टर बच्चे की शारीरिक जांच करेंगे और हेल्दी हिस्ट्री के बारे में जानेंगे। इसके साथ ही कुछ टेस्ट भी कराए जा सकते हैं, जैसे
- लैक्टोज टॉलरेंस टेस्ट (Lactose Tolerance Test)
- हाइड्रोजन ब्रीद टेस्ट (Hydrogen Breath Test)
- स्टूल एसिडिटी टेस्ट (Stool Acidity Test)
इसका उपचार आपके बच्चे के लक्षणों, आयु और सामान्य स्वास्थ्य पर निर्भर करेगा। यह इस पर भी निर्भर करेगा कि बच्चे की हालत कितनी गंभीर है। लेकिन, कोई उपचार आपके बच्चे के शरीर में अधिक लैक्टोज बनाने में मदद नहीं करता है। लेकिन, आप अपने बच्चे में इसके लक्षणों को एक आहार के साथ प्रबंधित कर सकते हैं। बच्चे के आहार में लैक्टोज के प्रबंधन के लिए कुछ सुझाव इस प्रकार हैं:
इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम (Irritable Bowel Syndrome in Children)
इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम लक्षणों का एक समूह है, जो एक साथ होते हैं। इसमें लगातार पेट में दर्द और बॉवेल मूवमेंट में बदलाव आदि शामिल है, जो डायरिया, कब्ज या ये दोनों हो सकते हैं। इस समस्या के होने पर बच्चों में यह लक्षण नजर आ सकते हैं:
- पेट में दर्द (Pain in the Abdomen)
- बॉवेल मूवमेंट में बदलाव (Changes in Bowel Movements)
इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम के कारण (Causes of Irritable Bowel Syndrome)
इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम के सही कारण की जानकारी नहीं है। लेकिन, कुछ फैक्टर इस समस्या में योगदान दे सकते हैं। यह कारण इस प्रकार हैं:
- गंभीर इन्फेक्शन (Severe Infection)
- स्ट्रेस (Early life Stress)
- नर्वस सिस्टम का असामान्य होना (Abnormalities in the Nerves System)
- आंत में मांसपेशियों में संकुचन (Muscle contractions in the Intestine)
निदान और उपचार (Diagnosis and Treatment)
इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम (Irritable Bowel Syndrome) के निदान के लिए डॉक्टर इसके लक्षणों के साथ ही बच्चे की मेडिकल और फैमिली हिस्ट्री के बारे में जानेंगे। इसके साथ ही बच्चे की शारीरिक जांच भी की जा सकती है। कुछ मामलों में टेस्ट भी कराए जा सकते हैं। इस समस्या के उपचार के लिए डॉक्टर बच्चे के खानपान में बदलाव करने के लिए कह सकते हैं। इसके साथ ही थेरेपीस, प्रोबायोटिकस और दवाइयां भी दी जा सकती हैं।

बच्चों में डायजेस्टिव प्रॉब्लम्स का पता कैसे चल सकता है (How digestive Problems in Children detected)
बच्चे अक्सर छोटी-मोटी स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों को नजरअंदाज कर देते हैं। कई बार उन्हें खुद समझ में नहीं आता कि उन्हें क्या समस्या है या अगर आपका बच्चा छोटा है तो वो अपनी परेशानी को बता नहीं सकता। ऐसे में इन लक्षणों से समझ सकते हैं कि आपके बच्चे को कोई पाचन संबंधी समस्या है। जानिए कौन से हैं यह संकेत:
बच्चे अधिकतर यह नहीं बता पाते कि वो कैसा महसूस कर रहे हैं। इसलिए, कोई भी लक्षण नजर आने पर, चाहे वो हल्का हो या गंभीर। इंतजार न करें और तुरंत डॉक्टर की सलाह लें।
बच्चों में डायजेस्टिव प्रॉब्लम्स को मैनेज करने के लिए डायट और लाइफस्टाइल क्या परिवर्तन करने चाहिए (Diet and Lifestyle changes for Digestive Problems)
आप यह जानते ही हैं कि बच्चों में डायजेस्टिव प्रॉब्लम्स (Digestive Problems in Children) आम है। लेकिन डायट और लाइफस्टाइल में परिवर्तन से यह समस्या काफी हद तक राहत पाई जा सकती है। जानिए क्या बदलाव लाएं अपने बच्चे की डायट और लाइफस्टाइल में ताकि उन्हें पाचन संबंधी समस्याएं कम हो :
बच्चे को संतुलित आहार खाने को दें (Right Food): बच्चे को हमेशा घर का बना आहार ही खाने को दें। अधिक चीनी, तला-भुना, मसालेदार, जंक-फ़ूड उनके पेट के लिए हानिकारक है। इसके साथ ही अन्य हानिकारक पेय पदार्थों की जगह पानी और हेल्दी पेय पदार्थों को महत्व दें। ऐसा मीठा उन्हें न खाने को दें जिनमें फ्रुक्टोज और सोर्बिटोल होते हैं क्योंकि यह गैस का कारण बनते हैं।
खाना आराम से खाने के लिए कहें (Eat Food Comfortably) : बच्चे अधिकतर जल्दी में रहते हैं, ऐसे में वो खाना भी जल्दी में ही खाते हैं। यह भी बच्चों में डायजेस्टिव प्रॉब्लम्स (Digestive Problems in Children) का कारण बन सकता है। इसलिए बच्चे को धीरे-धीरे खाने और पीने के लिए कहें।
व्यायाम करने की सलाह दें (Advice your kid to exercise) : बच्चों को पेट या पाचन से जुड़ी परेशानियों के लिए ही नहीं, बल्कि सम्पूर्ण स्वास्थ्य के लिए व्यायाम करने के लिए कहें। कोई खेल, योगा, सैर, साइकिलिंग आदि से उसे फायदा होग
बच्चों में डायजेस्टिव प्रॉब्लम्स के लिए घरेलू उपाय (Home Remedies for Digestive Problems in Children)
बच्चों में डायजेस्टिव प्रॉब्लम्स (Digestive Problems in Children) से बचने के लिए बच्चे के खानपान का ध्यान रखना जरूरी है। लेकिन, आप बच्चों की पेट की समस्याओं को दूर करने के लिए घरेलू उपचारों के बारे में भी जानते ही होंगे, जिनका प्रयोग लंबे समय से हमारे घरों में किया जाता है। यह कुछ घरेलू उपाय इस प्रकार हैं:
- अदरक (Ginger): अदरक में एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल गुण होते हैं। यह खराब पाचन क्रिया को सही रखने में मददगार हो सकता है। हो सके, तो बच्चे को अदरक का काढ़ा बना कर पीने को दें। अन्यथा, आप अदरक के रस को शहद में मिला कर भी उसे खाने को दे सकते हैं।
- सौंफ (Fennel): सौंफ खाने से अपच, पेट में मरोड़ आदि की समस्या से छुटकारा मिल सकता है। बच्चों में डायजेस्टिव प्रॉब्लम्स (Digestive Problems in Children) को सही करने के लिए आप बच्चे को यह भी दे सकते हैं।
- हींग (Asafetida) : हींग में भी एंटीआक्सीडेंट होते हैं जो पेट के लिए अच्छे होते हैं। ब्लोटिंग, गैस, पेट दर्द आदि के लिए यह बहुत ही लाभदायक है। छोटे बच्चे के पाचन को सही रखने के लिए पानी में हींग मिला कर उसकी नाभि के आसपास रगड़ा जाता है।
- हल्दी (Turmeric) : हल्दी भी पेट के लिए बेहतरीन मानी जाती है। बच्चों में डायजेस्टिव प्रॉब्लम्स (Digestive Problems in Children) में यह काम आ सकती है। हल्दी को बच्चे को पानी में ड़ाल कर पीने को दे सकते हैं या किसी खाद्य पदार्थ के माध्यम से भी इसका सेवन करना बेहतरीन है।
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इन घरेलू उपायों का प्रयोग भी डॉक्टर की सलाह के बाद ही करना चाहिए। अगर आपके बच्चे को कोई भी पेट संबंधी समस्या हो रही है, तो तुरंत डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए। बच्चों में डायजेस्टिव प्रॉब्लम्स (Digestive Problems in Children) गंभीर भी हो सकती है। ऐसे में सही समय पर निदान से जल्दी उपचार में मदद मिल सकती है। स्वास्थ्य जीवनशैली भी आपके बच्चे को इन समस्याओं से छुटकारा पाने में मदद कर सकती है।