तुलसी (Basil)
तुलसी औषधीय गुणों से भरपूर पौधा है, तभी तो हमारे देश में सर्दी-खांसी होने पर अक्सर तुलसी की पत्तियों का काढ़ा पीने की सलाह दी जाती है। तुलसी का पौधा कई तरह का होता है। तुलसी इम्यून सिस्टम को मजबूत करके वायरल इंफेक्शन से लड़ने में मदद करता है। इसके अलावा ब्लड ग्लूकोज लेवल (blood glucose level), ब्लड प्रेशर (blood pressure) और लिपीड प्रोफाइल (lipid profile) को सामान्य रखने में प्रभावी है।
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सौंफ (Fennel)
सौंफ का इस्तेमाल तकरीबन हर भारतीय किचन में होता है। यह बहुत खुशबूदार होता है और कई तरह के वायरस से लड़ने में शरीर की मदद करता है। सौंफ का अर्क (fennel extract) हर्पीस वायरस (herpes viruses) और पैराइन्फ्लुएंजा टाइप-3 (parainfluenza type-3) जो जानवरों में रेस्पिरेट्री इंफेक्शन (respiratory infection) का कारण है, से लड़ने में मदद करता है। सौंफ इम्यून सिस्टम (immune system) को मजबूत बनाकर सूजन कम करता है जिससे वायरल इंफेक्शन से लड़ने में मदद मिलती है।
लहसुन (Garlic)
लहसुन कई बीमारियों जिसमें वायरल इंफेक्शन भी शामिल है, की कारगर घरेलू दवा (natural remedy) है। कुछ अध्ययन में दावा किया गया है कि लहसुन एन्फ्लूएंजा ए और बी, , HIV, HSV-1, वायरल निमोनिया (pneumonia) और सर्दी के लिए जिम्मेदार राइनोवायस (rhinovirus) के प्रति असरदार है। हालांकि इस संबंध में बहुत अधिक रिसर्च नहीं हुई है। हालांकि आर्युवेद में लहसुन को इसके एंटीफंगल और एंटीवायरल गुण (antiviral property)के कारण ही महत्वपूर्ण औषधि माना गया है और इम्यून सिस्टम को मजबूत करने से लेकर शरीर से विषाक्त पदार्थों (harmful toxin) को निकालने में उपयोगी माना गया है।
लेमन ग्रास (Lemon balm)
लेमन ग्रास खास तरह का पत्ता होता है जिसका इस्तेमाल चाय बनाने में किया जाता है। इसमें कई औषधीय गुण होते हैं। एक अध्ययन के मुताबिक, लेमनग्रास ऑयल में यीस्ट, मोल्ड्स, और डर्माटोफाइट्स के साथ ही एचएसवी-1 (HSV-1) के खिलाफ एंटीवायरल एक्टिविटी होती है। इसके अलावा इसे हर्पीस वायरस और बच्चों में संक्रमण के लिए जिम्मेदार एंट्रोवायरस (enterovirus) के प्रति भी असरदार माना गया है।