के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr. Shruthi Shridhar
ओरिगैनो एक हर्ब है जिसे हिंदी में अजवायन की पत्ती कहते है। इसका इस्तेमाल सिर्फ इटेलियन डिशेज को बनाने के लिए ही नहीं, बल्कि कई दवाइयों में भी इस्तेमाल किया जाता है। औषधीय गुणों से भरपूर ओरिगैनो हमें कई गंभीर बीमारियों से कवच प्रदान करता है। यूनानी लोग इसका प्रयोग सदियों से कई बीमारियों के इलाज के लिए करते आ रहे हैं।
एंटीबैक्टीरियल प्रॉपर्टीज:
ओरिगैनो ऑयल में कार्वैक्रोल नामक एक आवश्यक तत्व होता है, जिसमें एंटीमाइक्रोबियल प्रोपर्टीज होती हैं। इसका इस्तेमाल इंटेस्टाइनल पैरासाइट, कई तरह की एलर्जी, साइनस में होने वाला दर्द, अर्थराइटिस, स्वाइन फ्लू, कानों में दर्द और थकान दूर करने के लिए किया जाता है।
ओरिगैनो ऑयल को स्किन संबंधित परेशानियां जैसे एक्ने, ऑयली स्किन, रूसी, दाद, सोरायसिस से निजात पाने के लिए भी अच्छा माना जाता है।
एंटी इंफ्लेमेटरी प्रोपर्टीज:
जर्मनी और स्विट्जरलैंड के वैज्ञानिकों ने ओरिगैनो की पत्तियों में कैरोफिलिन की पहचान की, जो ऑस्टियोपोरोसिस और आर्टीरोस्क्लेरोसिस के इलाज में मददगार है।
कैंसर से बचाव:
2013 में प्लस वन(PLoS ONE) में छपे एक जर्नल में बताया गया था कि ओरिगैनो में ऐसे तत्व होते हैं जो स्तन कैंसर को बढ़ने से रोकता है। दरअसल इसमें मौजूद एसेंशियल ऑयल की वजह से होता है।
इम्यून सिस्टम होता है स्ट्रांग:
ओरिगैनो में मौजूद दो सबसे महत्वपूर्ण तत्व रोसमेरेनिक एसिड (Rosmarinic acid) और थाइमोल (Thymol) अत्यधिक शक्तिशाली होते हैं जो तनाव को कम कर डायट को ठीक करने में मदद करते हैं। आहार बेहतर होने के कारण इम्यून सिस्टम स्ट्रॉन्ग होता है।
दिल को रखता है सुरक्षित:
इसमें मौजूद ओमेगा-3 फैटी एसिड कोलेस्ट्रॉल लेवल को बैलेंस रखने में मदद करता है। कोलेस्ट्रॉल लेवल ठीक रहने की वजह से दिल से संबंधित बीमारियों, हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा कम होता है। शरीर में कोलेस्ट्रॉल लेवल ठीक रहने से ब्लड सर्कुलेशन भी ठीक तरह से होता है। बेहतर ब्लड सर्कुलेशन से त्वचा हेल्दी होती है और बालों में ग्रोथ भी होती है।
इसका प्रयोग इन बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है:
ओरिगैनों में विटामिन ए, सी और ई के साथ जिंग, मैग्निशियम, आयरन, कैल्शियम, कॉपर, पौटेशियम और मैगनीज पाया जाता है। इसमें मौजूद एंटीबैक्टीरियल और एंटीऑक्सीडेंट प्रॉपर्टीज पाचन तंत्र को मजबूत करने के साथ दिल संबंधित परेशानियों को दूर करते हैं। इसमें कुछ ऐसे कैमिकल्स होते हैं जो खांसी और गले में ऐछन को कम करते हैं। इसके अलावा ये शरीर में मौजूद कुछ बैक्टीरिया, वायरस, फंगस और आंतों के कीड़ों की सफाई करने में मददगार है।
जर्नल ऑफ फूड एंड बायोकेमिस्ट्री में छपे एक शोध के अनुसार इसमें रोजमिनिक एसिड और थाइमोल होता है जो एंटीऑक्सीडेंट का काम करते हैं और हमारे शरीर में ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करते हैं।
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इसका उपयोग सुरक्षित है लेकिन, किसी भी खाद्य पदार्थ या हर्ब के अत्यधिक सेवन से शरीर पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। इसलिए इसका सेवन भी संतुलित करें और अगर इसके सेवन से कोई शारीरिक परेशानी या एलर्जी होती है, तो इसका सेवन न करें और जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करें।
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ओरिगैनो को लेने की सही खुराक क्या है ?
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यह निम्नलिखित रूपों में उपलब्ध है। जैसे-
इसका उपयोग कैसे किया जाता है?
इसका उपयोग निम्नलिखित तरह से किया जा सकता है। जैसे-
सलाद- सलाद में ताजे ओरिगैनो के पत्तों को मिलाकर सलाद के स्वाद को बढ़ाया जा सकता है। यह सेहत के लिए भी लाभकारी होता है।
सॉस- अगर आप सॉस खाने के शौकीन हैं तो सूखे ओरिगैनो (ड्रायड ओरिगैनो) को सॉस में मिलाकर खा सकते हैं।
मसाले- इसका प्रयोग रोस्टेड चिकेन, रोस्टेड पनीर या स्प्राउट्स में डालकर सेवन किया जा सकता है।
टॉपिंग- ओरिगैनो को बारीक-बारीक काटकर सूप अन्य खाद्य पदार्थों में डाल कर सेवन किया जा सकता है।
अगर आप ओरिगैनो से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।
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