के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya
रिएक्टिव अर्थराइटिस (Reactive Arthritis) जोड़ों का दर्द होता है और इसकी वजह से शरीर के अन्य हिस्सों में संक्रमण के कारण सूजन आ जाती है। यह स्थिति सबसे ज्यादा आंतों, जननांगों या मूत्र पथ को प्रभावित करती है।
प्रतिक्रियाशील गठिया (रिएक्टिव अर्थराइटिस) आमतौर पर पैर के घुटनों और हाथों के टखनों और पैरों के जोड़ों को निशाना बनाता है। इसके कारण आपकी आंखों, त्वचा और मूत्रमार्ग में सूजन हो सकती है।
पहले, प्रतिक्रियाशील गठिया (रिएक्टिव अर्थराइटिस) को कभी-कभी रेइटर सिंड्रोम कहा जाता था, जो आंख और मूत्रमार्ग में हुए सूजन के लिए जानी जाती थी।
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रिएक्टिव अर्थराइटिस आम स्वास्थ्य स्थितियों में नहीं माना जाता है। ज्यादातर लोगों में इसके संकेत और लक्षण आते-जाते रहते हैं। आमतौर पर इसके लक्षण अपने आप 12 महीनों के भीतर गायब हो जाते हैं। प्रतिक्रियाशील गठिया किसी भी उम्र में हो सकता है, लेकिन यह 20 से 40 साल के बीच के युवा वयस्कों को सबसे अधिक प्रभावित करता है। इसका प्रभाव महिलाओं के मुकाबले पुरुषों में ज्यादा देखा जाता है।
जिन लोगों में एचएलए-बी27 (HLA-B27) नामक एक निश्चित जीन होता है, उन्हें इसका खतरा 50 गुना अधिक होता है। प्रतिक्रियाशील गठिया के बारे में अधिक जानकारी के लिए कृपया अपने चिकित्सक से चर्चा करें।
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रिएक्टिव अर्थराइटिस के लक्षणों में शामिल हैंः
इसके सभी लक्षण ऊपर नहीं बताएं गए हैं। अगर इससे जुड़े किसी भी संभावित लक्षणों के बारे में आपका कोई सवाल है, तो कृपया अपने डॉक्टर से बात करें।
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अगर पिछले एक महीने से आपके जोड़ों में दर्द, डायरिया या गुप्ताओं में इंफेक्शन है, तो आपको अपने डॉक्टर से परामर्श करनी चाहिए।
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कई बैक्टीरिया प्रतिक्रियाशील गठिया का कारण बन सकते हैं। जिनमें कुछ यौन संचारित हैं और अन्य खाद्य पदार्थों की वजह से भी हो सकते हैं:
रिएक्टिव अर्थराइटिस संक्रामक नहीं है। हालांकि, इसका कारण बनने वाले बैक्टीरिया यौन या दूषित भोजन से संचरित हो सकते हैं। इन जीवाणुओं के संपर्क में आने वाले कुछ ही लोगों में प्रतिक्रियाशील गठिया की समस्या हो सकती है।
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ऐसी कई स्थितिया हैं जो रिएक्टिव अर्थराइटिस के जोखिम को बढ़ा सकती हैंः
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यहां प्रदान की गई जानकारी को किसी भी मेडिकल सलाह के रूप ना समझें। अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
रिएक्टिव अर्थराइटिस का निदान करने के लिए रोगी के स्वास्थ्य स्थिति का आंकलन किया जाता है। अगर ऊपर बताए गए निम्न लक्षण उसमें एक महीने से बने हुए हैं, तो डॉक्टर उन्हें विभिन्न टेस्ट कराने की सलाह देते हैं।
प्रतिक्रियाशील गठिया के निदान के लिए कोई विशिष्ट परीक्षण नहीं है, लेकिन डॉक्टर यौन संचारित रोगों के लिए मूत्रमार्ग की जांच करते हैं। संक्रमण के संकेतों के लिए मल के नमूनों का परीक्षण भी किया जाता है। इसके लिए ब्लड टेस्ट भी किया जाता है। साथ ही, कुछ स्थितियों में एक्स-रे भी किया जाता है।
बैक्टीरियल इंफेक्शन, जैसे क्लैमाइडिया का इलाज एंटीबायोटिक दवाओं की मदद से किया जा सकता है। वहीं, सूजन का इलाज करने के लिए आमतौर पर नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स (एनएसएआईडी), जैसे कि नेप्रोक्सन, एस्पिरिन या आइबूप्रोफेन का इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा, त्वचा के फटने या आंखों की सूजन के इलाज के लिए स्टेरॉयड का इस्तेमाल किया जा सकता है।
इसके आलाव पुरानी गठिया के मरीजों को फिजिकल थेरेपी और नियमित रूप से व्यायाम करने की सलाह दी जाती है।
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निम्नलिखित जीवनशैली में बदलाव लाने और घरेलू उपायों से आप रिएक्टिव अर्थराइटिस के खतरे को कम कर सकते हैंः
ऊपर बताइ गई सभी एक्सरसाइज को ट्रेनर के मदद से ही करें, वरना आपको समस्या हो सकती है।
इस आर्टिकल में हमने आपको रिएक्टिव अर्थराइटिस से संबंधित जरूरी बातों को बताने की कोशिश की है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस बीमारी से जुड़े किसी अन्य सवाल का जवाब जानना है, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्सर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे। अपना ध्यान रखिए और स्वस्थ रहिए।
अधिक जानकारी के लिए आप डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।
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