कमजोर हड्डियां (Osteoporosis)
समय के साथ, असामान्य बैक्टीरिया के विकास से आपकी आंत को नुकसान, कैल्शियम के खराब अवशोषण का कारण बनता है। इससे अंत में हड्डियों की बीमारियों जैसे ऑस्टियोपोरोसिस हो सकता है।
गुर्दे की पथरी (Kidney Stone)
कैल्शियम के अवशोषण में आखिर में गुर्दे की पथरी हो सकती है।

SIBO का निदान (Diagnosis of SIBO)
SIBO के लक्षण कुछ अन्य स्थितियों की तरह हो सकते हैं। ऐसे में आपको कुछ चीजों का ध्यान अवश्य रखना चाहिए। अगर आपको कुछ ऐसे लक्षण नजर आते हैं, तो तुरंत आपको डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। डॉक्टर आपके लक्षणों के आधार पर आपको अन्य टेस्ट्स की सलाह दे सकते हैं, जैसे:
- इमेजिंग टेस्ट (Imaging Test) : जैसे एक्स-रे (X -Ray), सिटी स्कैन (CT Scan) , मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग(Magnetic resonance imaging)
- ब्लड टेस्ट्स (Blood Test) : एनीमिया या विटामिन की कमी के लिए ब्लड टेस्ट्स
- स्टूल टेस्ट्स (Stool Tests) : स्टूल टेस्ट आपका शरीर में कितनी वसा अवशोषित हो रही है। इस को जांचने के लिए किया जाता है।
- स्माल इंटेस्टाइन एस्पिरट और फ्लूइड कल्चर (Small Intestine Aspirate and Fluid Culture.)
- लैक्टुलोज ब्रेथ टेस्ट (Lactulose Breath Test)
Quiz : गैस दर्द का क्या है कारण? क्विज से जानें गैस को दूर करने के टिप्स
SIBO का उपचार क्या है? (Treatment for SIBO)
SIBO का उपचार एंटीबायोटिक दवाओं और डायट चेंज के संयोजन के साथ किया जा सकता है। यह उपचार इस प्रकार है:
एंटीबायोटिक दवाइयां (Antibiotic Medicine)
इस उपचार के लिए सबसे पहले आपको बैक्टीरिया को कंट्रोल में लाना जरूरी है। यह आमतौर पर एंटीबायोटिक दवाओं के साथ किया जाता है, जैसे कि सिप्रोफ्लॉक्सासिन (Ciprofloxacin), मेट्रोनिडाजोल (Metronidazole ) या रिफाक्सीमिन (Rifaximin)। अगर आपको कुपोषण या डिहाइड्रेशन हुआ हो तो पोषण (Nutrition) और तरल पदार्थों के लिए आपको इंट्रावेनस (IV) ट्रीटमेंट की भी आवश्यकता हो सकती है
एंटीबायोटिक्स के कारण छोटी आंत में बैक्टीरिया की संख्या कम हो सकती है, लेकिन यह उस अंडरलाइंग समस्या का समाधान नहीं होता है। यदि, आपके डॉक्टर यह निर्धारित करता है कि आपमें SIBO का कारण अंडरलाइंग कंडीशन है, तो आपको उस स्थिति का उपचार भी शुरू करना होगा। आहार में बदलाव से भी आपको मदद मिल सकती है।
यह भी पढ़ें: पाचन तंत्र को करना है मजबूत तो अपनाइए आयुर्वेद के ये सरल नियम
बैक्टीरिया के रेजिस्टेंस को रोकने में मदद करने के लिए डॉक्टर आपको विभिन्न एंटीबायोटिक दवाओं का प्रयोग होता है। एंटीबायोटिक्स सामान्य और असामान्य दोनों तरह से अधिकांश आंतों के बैक्टीरिया को खत्म कर देते हैं।
SIBO और डायट (SIBO and Diet)
यह साबित करने के लिए कोई सबूत नहीं है कि संतुलित आहार से SIBO से राहत पाई जा सकती है। लेकिन, SIBO वाले कई लोगों ने एक विशेष आहार का पालन करने के बाद राहत पाई है। अपने आहार में कोई भी बदलाव करने से पहले अपने चिकित्सक के साथ बात करें। कुछ बदलाव होने पर आपको लाभ होगा जैसे :

- संतुलन और पौष्टिक आहार का सेवन
- कम मात्रा में आहार खाएं।
- अगर आपको सीलिएक रोग (Celiac Disease) है, तो ग्लूटेन उत्पादों से बचें।
यह भी पढ़ें: प्रोटीन का पाचन और अवशोषण शरीर में कैसे होता है? जानें प्रोटीन की कमी को दूर करना क्यों है जरूरी
कैसे करें SIBO की रोकथाम? (Prevention of SIBO)
कई लोग एंटीबायोटिक चिकित्सा को पूरा करने के महीनों बाद SIBO के लक्षणों की रिपोर्ट करते हैं। रोकथाम SIBO के प्रबंधन के लिए जरूरी है। छोटी आंत में अंडरलाइंग मेडिकल स्थिति या फिजिकल डिफेक्ट के कारण SIBO की समस्या हो सकती है। SIBO के मुख्य कारण को नियंत्रित करने से इस समस्या का फिर से होने की संभावना कम होती है। अपनी डायट और लाइफस्टाइल में बदलाव से भी आपको फिर से SIBO की समस्या कम होगी। अधिक से अधिक प्लांट बेस्ड फूड और प्रोसेस्ड और चीनी युक्त आहार से अनहेल्थफुल बैक्टीरिया के बढ़ने की समस्या कम होगी। इसके साथ ही रोजाना व्यायाम करने से भी शरीर के डाइजेस्टिव फंक्शन सही रहने में मदद मिलेगी।
आपके डॉक्टर आपको एलीमेंटल डायट की सलाह भी दे सकते हैं। इससे भी लोगों को फायदा होता है। हालांकि, इस पर भी अभी शोध करने की जरूरत है। किसी भी आहार या ट्रीटमेंट को शुरू करने से पहले डॉक्टर की सलाह लें। इसके साथ ही कोई भी लक्षण नजर आने पर भी तुरंत मेडिकल हेल्प लेना जरूरी है।