मक्खन या जैतून का तेल यानी ऑलिव ऑयल (Olive oil) में थोड़ा गार्लिक, मशरूम और नमक डालकर धीमी आंच में कुछ समय के लिए पकाएं। जब मशरूम अच्छी तरह से पक जाए तो उसे पटैटो या फिर हरी सब्जियों के साथ मिलाकर बेबी को खाने के लिए दिया जा सकता है। बेबी आलू बड़े चाव से खाते हैं इसलिए उन्हें मशरूम को खाने में भी दिक्कत नहीं होगी।
राइस, मटर और मशरूम को मिलाकर भी आप बच्चे के लिए स्वादिष्ट डिश तैयार कर सकती हैं। आप चाहे तो मशरूम को बेबी के फेवरेट फूड में भी मिक्स कर सकती हैं। मशरूम आसानी से किसी भी डिश में मिक्स किया जा सकता है। इसका फ्लेवर भी ऐसा होता है कि बच्चों को ये खूब पसंद आता है। बच्चों को मशरूम सूप भी खूब भाता है। अब तो आप समझ ही गए होंगे कि किस तरह से मशरूम को बेबी के खाने में एड किया जा सकता है। अगर बच्चे को मशरूम की रेसिपी पसंद नहीं आ रही है, तो बेहतर होगा कि उसे जबरदस्ती न खिलाएं। आप चाहे तो कुछ दिनों बाद नई रेसिपी ट्राई कर सकते हैं। आप एक साल के बच्चे को मशरूम सूप दे सकते हैं और उससे अधिक उम्र के बच्चे को आप मशरूम की रेसिपी बनाकर खिला सकते हैं। दांत ठीक से न आ पाने के कारण बेबी को मशरूम की सॉलिड डिश खाने में दिक्कत हो सकती है। बेबी को समूचा मशरूम खिलाने की भूल न करें।
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मशरूम एक फायदे अनेक
- मशरूम में पर्याप्त मात्रा में आयरन (iron) पाया जाता है, जो नई बॉडी सेल्स के फॉर्मेशन में मदद करता है। बच्चों में आयरन की कमी को दूर करने के लिए मशरूम अच्छा विकल्प साबित हो सकता है।
- मशरूम इम्यून सिस्टम को भी मजबूत बनाता है। ग्रोइंड किड्स के लिए स्ट्रॉन्ग इम्यून सिस्टम बहुत जरूरी होता है ताकि बीमारियों से लड़ने में शरीर को समस्या न हो।
- मशरूम में एंटीऑक्सीडेंट की पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। एंटीऑक्सीडेंट स्किन हेल्थ को मेंटेन करने का भी काम करते हैं।
- मजबूत बोंस के लिए कैल्शियम बहुत जरूरी होता है। मशरूम में भी कैल्शियम की अच्छी मात्रा पाई जाती है। कैल्शियम से आयरन का अवशोषण भी होता है।
- मशरूम की थोड़ी सी मात्रा देने से बच्चों का पेट तुरंत भर जाता है। मशरूम मेटाबॉलिज्म रेट को बढ़ाने का काम करता है।
मशरूम खरीदते समय रखें इन बातों का ध्यान
- मशरूम खरीदते समय वाइल्ड मशरूम का चयन भूल कर भी न करें। आप लेबल चेक करके ही मशरूम खरीदें।
- ताजे मशरूम का चुनाव करें और मशरूम के रंग और उसकी बनावट को भी जांचे।
- मशरूम को बनाने से पहले उसे पानी से अच्छी तह से धुल लें। आप चाहे तो मशरूम को पानी में दस मिनट के लिए भिगो कर भी रख सकते हैं।
- अगर आपको मशरूम में कोई भी डैमेज पार्ट दिखे, तो उसे हटा जरूर दें।
- आप मशरूम को धोने के बाद भाप में पकाकर तक डिश तैयार कर सकते हैं।
- मशरूम को फ्रिश में कई दिनों तक रखने के बजाय उसे ताजा ही बनाएं। आप चाहे तो दो से तीन दिनों तक पेपर बैग में रैप कर फ्रिज में रख सकते हैं।
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बच्चों को छह माह के बाद क्या खिलाना चाहिए या फिर क्या नहीं, बेहतर होगा कि आप इस बारे में बच्चों के डॉक्टर से जरूर पूछ लें। कुछ लोगों को मशरूम से एलर्जी होती है। हो सकता है कि आपके बच्चे को भी मशरूम से एलर्जी है। अगर मशरूम खिलाने के बाद बच्चा असहज महसूस करता हो या फिर उसे वॉमिटिंग होती है, तो उसे मशरूम बिल्कुल न खिलाएं। आप इस बारे में डॉक्टर से जानकारी ले सकते हैं। हमें उम्मीद है कि आपको बेबी के लिए मशरूम के फायदे से संबंधित ये आर्टिकल पसंद आया होगा। आप स्वास्थ्य संबंधी अधिक जानकारी के लिए हैलो स्वास्थ्य की वेबसाइट विजिट कर सकते हैं। अगर आपके मन में कोई प्रश्न है, तो हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक पेज में आप कमेंट बॉक्स में प्रश्न पूछ सकते हैं और अन्य लोगों के साथ साझा कर सकते हैं।