पैराबेन (parabens)
पैराबेन रसायनो का एक समूह है जो ज्यादातर कॉस्मेटिक और बॉडी केयर प्रोडक्ट्स में इस्तेमाल किया जाता है। इस पदार्थ का 1920 से लेकर आज तक 75 से 90 प्रतिशत हानिकारक बेबी प्रोडक्ट्स में इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि, यह पदार्थ बेबी प्रोडक्ट्स को बैक्टीरिया और मोल्ड से बचाने का काम करता है लेकिन बच्चों के लिए हानिकारक हो सकता है। अपने शिशु व स्वयं के लिए ऐसे कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स या चयन करें जो पैराबेन मुक्त हों।
परफ्यूम
कई माता-पिता अपने शिशु की सुगंध को बेहतर करने के लिए परफ्यूम का इस्तेमाल करते हैं। हालांकि, इस प्रोडक्ट की भी बच्चों को कोई आवश्यकता नहीं होती है क्योंकि आपके शिशु में पहले से ही उसकी खुद की एक अलग खुशबु होती है जो अपने में ही परफ्यूम से गई गुना बेहतर होती है। परफ्यूम में 3 से 5 प्रतिशत तक कई प्रकार के तेल मिलें होते हैं और 80 से 90 प्रतिशत तक अल्कोहल। अल्कोहल बेहद हानिकारक रसायन होता है जो शिशु की त्वचा को प्रभावित कर सकता है।
थैलेट
थैलेट एक ऐसा रसायन है जो मुख्य रूप से प्लास्टिक के प्रोडक्ट्स में लचीलापन, पारदर्शिता और टिकाऊपन बढ़ाने के लिए डाला जाता है। बच्चों के खिलौनों जैसे गुड्डे-गुड़िया, गाड़ियां और फोन सभी में थैलेट रसायन मिलाया जाता है। बच्चे अक्सर अपने खिलौनों को गलती से मुंह में लेते हैं जिनके कारण कई गंभीर स्थितियां उत्पन्न हो सकती हैं। लेकिन थैलेट के कारण यह जोखिम और भी अधिक बढ़ जाता है। थैलेट निगलने में बेहद हानिकारक होता है जिसके कारण शिशु को विकास संबंधी समस्याएं आ सकती है।
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फ्लेम रिटार्डेंट
फ्लेम रिटार्डेंट्स गाड़ियों की सीट से लेकर पजामों के निचले हिस्से व बच्चों के कई प्रोडक्ट्स में इस्तेमाल किया जाने वाला रसायन है। इस रसायन का इस्तेमाल इसलिए किया जाता है ताकि प्रोडक्ट में जल्दी आग न लगे। हालांकि, इस रसायन के संपर्क में आने से शिशुओं के मानसिक विकास पर प्रभाव पड़ सकता है। इसके अलावा इससे हाइपरएक्टिविटी (असामान्य रूप से गतिविधि करना) और ऑटोइम्यून डिसऑर्डर होने का खतरा भी बढ़ जाता है।
बेबी लोशन
क्या आपके शिशु को मॉइस्चराइजर की आवश्यकता है? कुछ शिशुओं की त्वचा सूखी होती है या उन्हें एक्जिमा जैसी गंभीर बीमारी हो सकती है। इन दोनों ही मामलों में आपको अपने शिशु के लिए ऐसे मॉइस्चराइजर की आवश्यकता पड़ सकती है जिनमें निम्न रसायन न हों :
- प्रोपलीन ग्लाइकोल
- ग्लाइसेरिल स्टीयरेट
- ओलिक एसिड
- स्टीयरिक एसिड
- आइसोप्रोपिल पामिटेट
- सॉर्बिटन स्टीयरेट
- बेंजीन अल्कोहल
- बेंजीन
- बीएचटी
- सोडियम हाइड्रोक्साइड
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बच्चे के लिए कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स के अन्य विकल्प क्या है?
हालांकि, ऐसा नहीं है कि बच्चों के लिए मार्केट में कोई भी कॉस्मेटिक उपलब्ध न हों। शिशु की देखभाल के लिए आप प्राकृतिक कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल कर सकते हैं। प्राकृतिक बेबी प्रोडक्ट्स के कोई साइड इफेक्ट्स भी नहीं होते हैं जिसके कारण यह आपके शिशु के लिए एक बेहतर विकल्प होता है। इसके अलावा यह मार्केट में ब्रांडेड कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स के मुकाबले बेहद सस्ते दामों पर उपलब्ध हैं।
केमिकल और गंभीर दुष्प्रभावों वाले हानिकारक बेबी प्रोडक्ट्स से बचने के लिए निम्न प्राकृतिक विकल्पों का चयन करें :
बच्चों के लिए बना खास बेबी पाउडर
बच्चों की त्वचा काफी नाजुक और मुलायम होती है जिसके कारण यह टॉक्सिक पदार्थो के संपर्क में आने से क्षतिग्रस्त हो सकती है। आपको अपने शिशु के लिए ऐसा पाउडर चुनना चाहिए जिसमें न तो खुशबु हो और नहीं टॉल्क रसायन।
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डाईपर रैश क्रीम की जगह करें नारियल तेल का इस्तेमाल
बच्चों के कूल्हों पर रैश होना एक सामान्य समस्या होती है। हालांकि, लोग अक्सर इसके इलाज के लिए डायपर रैश क्रीम का इस्तेमाल करते हैं जिसमें कई प्रकार के रसायन मौजूद होते हैं। डॉक्टर इस बात की सलाह देते हैं कि 3 वर्ष की आयु से कम वाले शिशुओं की त्वचा पर किसी भी प्रकार के केमिकल का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। ऐसे में डायपर रैश जैसी समस्या के इलाज के लिए आप चाहें तो नारियल तेल का विकल्प चुन सकते हैं।
नारियल तेल को आयुर्वेदिक औषधि भी माना जाता है। इस तेल में एंटीफंगल और एंटीमाइक्रोबियल गुण होते हैं जो शिशु की त्वचा पर हो रहे दानों को ठीक करने में मदद करते हैं।
शिशु की करें तेल से मालिश
शिशु की त्वचा की ही तरह उनके बाल भी बेहद नाजुक होते हैं जो बेहद आसानी से टूट सकते हैं। शिशु पर केमिकल युक्त तेल का इस्तेमाल बिलकुल नहीं करना चाहिए। इसकी जगह आप चाहें तो कुछ प्राकृतिक तेलों का इस्तेमाल कर सकते हैं। शिशु के बालों के लिए सबसे बेहतर नारियल तेल, जैतून का तेल और तिल का तेल माना जाता है। यदि शिशु के सिर पर कोई चोट लगी है तो इनमें से किसी एक तेल से उसके सिर की मालिश करें और समय के लिए तेल को प्रभावित हिस्से पर लगा रहने दें।
मॉइस्चराइजर फॉर किड्स
सच बताएं तो आपके शिशु को किसी प्रकार के मॉइस्चराइजर की कोई आवश्यकता नहीं होती है। हालांकि, स्नान के बात सूखी त्वचा व एक्जिमा के लक्षण दिखाई देने पर ऑलिव ऑयल, कोकोनट ऑयल या जोजोबा ऑयल का इस्तेमाल करना चाहिए।
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बेबी शैम्पू
अपने शिशु के बालों की एक्स्ट्रा केयर के लिए होममेड शैम्पू का इस्तेमाल करें। इसके लिए आपको कैस्टिल साबुन और लैवेंडर तेल व साफ पानी की आवश्यकता पड़ेगी। कैस्टिल साबुन कई प्रकार के प्राकृतिक तेलों से बना होता है। इसलिए मार्केट में इसे खरीदते समय बॉक्स पर लिखी सामग्री को ध्यान से पढ़ लें। आप चाहें तो लैवेंडर ऑयल के बिना भी इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।
बच्चों के लिए तेल
मार्केट में बच्चों के लिए मिलने वाले अधिकतर तेलों में मिनरल ऑयल होता है। यह शिशु की मुलायम त्वचा के लिए इर्रिटेटिंग हो सकता है। प्राकृतिक विकल्प के लिए आपको अपने शिशु के लिए ऑर्गेनिक नारियल तेल या कोल्ड प्रेस ऑलिव ऑयल का इस्तेमाल करना चाहिए।
बेबी प्रोडक्ट्स : डायपर
भारत में लोग बच्चों के लिए डायपर का बहुत इस्तेमाल करते हैं। हालांकि, कुछ अध्ययनों की माने तो कई ऐसे भी लोग हैं जो इनकी महंगी कीमत के कारण इन्हें अफोर्ड नहीं कर पाते हैं। आज हम आपको इन महंगे डायपर कॉस्मेटिक का एक घरेलू नुस्खा बताने जा रहे हैं जो सस्ते होते हैं। आप डाइपर की जगह चाहें तो पेपर टॉवल, कैस्टिल ऑयल और एलोवेरा जूस का इस्तेमाल कर सकते हैं। इन सभी सामग्री की मदद से शिशु की त्वचा भी सुरक्षित रहती है।
अपने शिशु की एक्स्ट्रा देखभाल के लिए हमेशा प्राकृतिक विकल्पों का ही चयन करें। मार्केट में उपलब्ध हानिकारक बेबी प्रोडक्ट्स न केवल महंगे होते हैं बल्कि उनके आपके शिशु पर कई साइड इफेक्ट्स भी पड़ सकते हैं। प्राकृतिक विकल्पों की मदद से आपके शिशु को बीमारियां भी कम होंगी और जिसकी वजह से उनके विकास में देरी नहीं आएगी।