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बेबी फूड्स में पाए गए टॉक्सिक मैटल, बच्चों का आईक्यू हो सकता है कम

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr Sharayu Maknikar


Lucky Singh द्वारा लिखित · अपडेटेड 17/08/2020

बेबी फूड्स में पाए गए टॉक्सिक मैटल, बच्चों का आईक्यू हो सकता है कम

आज की इस भागदौड़ भरी जिंदगी में अधिकांश पेरेंट्स अपने बच्चों को पैक्ड बेबी फूड खिलाने के लिए मजबूर हैं। ऐसे में एक चौंकाने वाली रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि आप अपने बच्चे को जो बेबी फूड्स खिला रहे हैं, उसमें टॉक्सिक हैवी मैटल होने की आशंका है। बेबी फूड्स में पाया जाने वाला टॉक्सिक मैटल बच्चों के दिमाग को कमजोर बनाता है। शोधकर्ताओं ने अमेरिका में मिलने वाले 168 बेबी फूड्स का टेस्ट किया और पाया कि 95 प्रतिशत बेबी फूड्स में एक या एक से अधिक हानिकारक मैटल पाए गए। बीते दिनों आई एक रिपोर्ट पर हुए शोध से पता चला कि लगभग सभी बेबी फूड्स में टॉक्सिक मैटल है जो बच्चों के लिए नुकसानदायक हो सकता है।

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 बेबी फूड्स में पाए गए ये टॉक्सिक मैटल

अधिकांश बेबी फूड्स में से 94 प्रतिशत में शीशा (Lead), 75 प्रतिशत में कैडमियम (Cadmium), 73 प्रतिशत में आर्सेनिक (Arsenic) और 32 प्रतिशत में मरक्यूरी (Mercury) पाया गया। राईस बेस्ड बेबी फूड, गाजर, शकरकंद और फ्रूट जूस जैसे बेबी फूड्स में मैटल होने का खतरा ज्यादा होता है। बेबी फूड्स में पाए जाने वाले ये टॉक्सिक मैटल बच्चे की सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकते हैं।

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हेल्दी बेबीज ब्राइट फ्यूचर्स (HBBF) की रिपोर्ट के अनुसार, खाने में कम मात्रा में भी पाए जाने वाले ये दूषित पदार्थ (Toxic substance ) विकासशील मस्तिष्क (Developing Brain) यानि की बच्चों के दिमाग के विकास की गति पर असर डाल सकते हैं और बच्चे के आईक्यू पर प्रभाव डालते हैं। इन मैटल्स का असर बच्चे पर हर एक मील के साथ बढ़ता जाता है। ऊपर बताए गए सारे मैटल्स बच्चों के विकास पर असर डालते हैं और उनके दिमाग यानि की उनके आईक्यू लेवल को भी कम करते हैं।

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एचबीबीएफ के वैज्ञानिकों, संगठनों और डोनर्स का एक ग्रुप है, जो बच्चों में बढ़ने वाले न्यूरोटॉक्सिन का कारण बनने वाली कंपनियों के खिलाफ काम करता है। इस रिपोर्ट के लिए टीम ने शिशुओं और बच्चों द्वारा खाए जाने वाले 168 बेबी फूड्स का परीक्षण किया, जिनमें बीच-नट, अर्थ्स बेस्ट और गेरबर जैसे लोकप्रिय ब्रांड शामिल हैं।

एचबीबीएफ के शोधकर्ताओं ने चार टॉक्सिक हैवी मैटल्स के लिए जांच की। इनमें आर्सेनिक, कैडमियम, लैड और मरक्यूरी शामिल हैं। एचबीबीएफ के परीक्षण के बाद परिणामों से पता चला कि 168 बेबी फूड्स में से केवल नौ में कोई मैटल नहीं था बाकी सभी में टॉक्सिक मैटल मौजूद थे। शिशुओं के लिए सबसे जहरीले खाद्य पदार्थों में राइस स्नैक्स (Rice Snacks), बेबी राइस सीरीयल (Infant Rice Cereal), टीथींग बिस्किट (Teething Biscuit) और चावल के रस्क (Rice Rusk) थे। आर्सेनिक, कैडमियम, लैड और मरक्यूरी जैसे मैटल्स बच्चे के मस्तिष्क विकास के लिए नुकासनदायक होते हैं। 

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बच्चों के आईक्यू लेवल पर पड़ता है असर

रिपोर्ट में कहा गया है कि इन लोकप्रिय बेबी फूड्स में इनऑर्गेनिक आर्सेनिक (Inorganic Arsenic) सबसे ज्यादा पाया गया। यह अर्सेनिक का सबसे जहरीला रूप है। आर्सेनिक जमीन के नीचे पाया जाने वाला तत्व है और यह हवा, भोजन, मिट्टी और पानी में पाया जाता है। आर्सेनिक अपने अकार्बनिक रूप में बेहद जहरीला हो सकता है और यहां तक कि जानलेवा भी शामिल हो सकता है। पिछले अध्ययनों में सामने आया कि कम से कम मात्रा में आर्सेनिक के संपर्क में आने से बच्चों का आईक्यू अन्य बच्चों के मुकाबले कम हो सकता है।

2004 के एक अध्ययन में न्यूयॉर्क की कोलंबिया यूनिवर्सिटी ने बांग्लादेश के बच्चों पर अध्ययन में पाया कि जो लोग पीने के पानी में आर्सेनिक ले रहे थे उनके टेस्ट में अच्छे नंबर नहीं आए। बेबी फूड्स में इनऑर्गेनिक आर्सेनिक का होना उनके फूड को दूषित करता है और यह टॉक्सिक मैटेरियल हर एक मील के साथ बच्चों के अंदर जाता है। समय से इसपर ध्यान ना दिया जाए तो बच्चों को इससे बड़ा नुकसान हो सकता है। बेबी फूड्स देना आजकल ट्रेंड में हैं, बदलते समय के साथ आजकल की जेनेरेशन बेबी फूड्स पर निर्भर रहने लगी है।

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अन्य अनाजों की तुलना में चावल तेजी से मिट्टी और पानी से आर्सेनिक को सोखता है। रिपोर्ट के अनुसार, गाजर और शकरकंद जैसी जड़ वाली फसलें भी मिट्टी से अधिक आर्सेनिक सोखती हैं। कोई भी अनाज जो मिट्टी के अंदर होता है उसको देना बच्चों के लिए नुकसानदायक होता है।

बेबी फूड की जगह क्या हैं विकल्प

बेबी राइस सारीयल का उपयोग अक्सर बच्चे के पहले ठोस भोजन के रुप में किया जाता है क्योंकि यह स्वाद में हल्का, पचाने में आसान होता है और इसमें आयरन भी भी प्रचुर मात्रा होती है। रिपोर्ट के लेखकों ने ऐसे विकल्पों का सुझाव दिया, जिनमें आर्सेनिक की मात्रा कम हो जैसे ओटमील और मल्टीग्रेन सीरीयल। उन्होंने पफ स्नैक्स के बजाए चावल-मुक्त स्नैक्स इस्तेमाल करने का सुझाव दिया। फ्रूट जूस, जिसमें आर्सेनिक और शीशा होता है उसके बदले शोधकर्ताओं ने दूध और पानी के विकल्प बेहतर बताया। दूध जिसमें केमिकल ना हो या घर पर बना हुआ जूस भी बच्चे के लिए बेहतरीन फूड ऑप्शन हो सकता है।

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आसानी से मिलने वाले इंग्रीडिएंट्स से तैयार की जाने वाली सिंपल बेबी फूड रेसिपी

  • दलिया- कई बच्चों को दलिया बहुत पसंद होता है। दलिया में फाइबर अधिक मात्रा में होता है। यह बोन डेंसिटी और मसल बिल्डिंग के लिए गुणकारी होता है।
  • आप अपने बच्चे को चिकन या टमाटर का सूप बनाकर पिला सकते हैं।
  • बेबी को दाल खिलाएं। दाल में कार्ब्स और प्रोटीन होते हैं, जो बच्चे की ग्रोथ मे मदद करते हैं।
  • मटर को मैश करके खिलाएं। इसका सेवन करने से बच्चे को पोषण मिलता है। मटर में प्रोटीन, विटामिन और मिनरल उच्च मात्रा में होते हैं। इसे बनाने के लिए मटर को उबालें। जब मटर गल जाए उसमें से पानी को निकाल लें। उबले हुए मटर को फ्रेश पानी से मिलाकर पेस्ट तैयार कर लें। अब आप इस डिश को अपने बच्चे को परोस सकती हैं।
  • आप अपने बच्चे को केला खिला सकती हैं। पोटेशियम और फाइबर से भरपूर केला डायजेस्टिव सिस्टम के लिए बेहद फायदेमंद होता है।
  • अगर बच्चा केला खाने में आनाकानी करता है तो आप चाहे तो केले के साथ एवोकैडो को मिलाकर भी डिश तैयार कर सकते हैं। एवोकैडो भी पोषक तत्वों से भरपूर होता है। इसके लिए आधा कप केला, आधा कप एवोकैडो और आधा कप पानी ब्लैंड कर लो। बस रेसिपी तैयार है। आप अपने बच्चे को जितना केमिकल फ्री हेल्दी खाना खिलाएंगी उतना ही वो अंदर से स्ट्रॉन्ग बनेगा।

हमेशा बच्चे को खाना खिलाते समय इस बात का ध्यान रखें कि बच्चे को खाना ठंडा होने पर परोसें क्योंकि बच्चा खाने को देखते खाना शुरू कर सकता है। गर्म खाना खाने से बच्चे का मुंह जल सकता है। इसलिए हमेशा खाना नॉर्मल होने पर ही बच्चे को सर्व करें। उम्मीद करते हैं आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा। हैलो हेल्थ के इस आर्टिकल में बेबी फूड्स से जुड़ी जानकारी दी गई है। यदि आप इससे जुड़ी अन्य कोई जानकारी पाना चाहते हैं तो बेहतर होगा किसी विशेशज्ञ से कंसल्ट करें।

डिस्क्लेमर

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