शकरकंद को पकाना बेहद ही आसान होता है। शकरकंद को भारतीय समाज में फूड के तौर पर काफी पसंद किया जाता है। देश के अलग-अलग हिस्सों में इसे विभिन्न तरीकों से पकाया जाता है। पुराने जमाने में इसे चूल्हे में पकाया जाता था। वहीं, आज के दौर में इसे पकाने के तरीके बदल चुके हैं। लेकिन, इसे पकाते वक्त आप कुछ ऐसी गलतियां करते हैं जो इसकी क्वॉलिटी को प्रभावित करती है। आज हम इस आर्टिकल में कुछ ऐसी ही गलतियों के बारे में बताएंगे।
1.शकरकंद को माइक्रोवेव में पकाना (Cooking them in a microwave)
शकरकंद को पकाने के लिए अक्सर आप माइक्रोवेव का इस्तेमाल करते हैं। हालांकि, माइक्रोव से किसी भी खाने की वस्तु को पकाना बेहद ही आसान है। पुराने तरीकों में शकरकंद को पकाने में काफी समय लगता है। कई बार माइक्रोवेव से शकरकंद पूरी तरह से पकती नहीं है और यह कच्ची रह जाती है। इसकी वजह से शकरकंद में आपको कई जगह पर गांठ दिखती हैं। खाने में यह उतनी लजीज भी नहीं लगती है।
2.शकरकंद को उबालने के बाद फ्रिज में स्टोर करना (Storing them in the fridge)
फ्रिज में किसी भी फूड प्रोडक्ट को रखने से उसकी शेल्फ लाइफ बढ़ जाती है। साथ ही उसमें बैक्टीरिया भी नहीं पहुंचता है। दूसरी तरफ शकरकंद को फ्रिज में रखने से इसके सेल स्ट्रक्चर में बदलाव आ जाता है। इसकी वजह से यह बीच के हिस्से से कड़ी हो जाती है। इसका स्वाद भी अजीब सा लगता है। इससे बचने का उपाय है कि आप इसे बेहतर जगह पर स्टोर करें। इसके लिए आप शकरकंद को ठंडे, डार्क और ऐसी जगह रख सकते हैं जहां पर हवा का आवगमन हो।
3.शकरकंद को पकाने से पहले साफ न करना (not cleaning the skin)
बहुत सारे लोग शकरकंद लाते हैं और सीधा बरतन में उबलने के लिए रख देते हैं। उन्हें लगता है गर्म पानी में यह खुद साफ हो जाएगी। लेकिन यह सही तरीका नहीं होता है। शकरकंद को पकाने से पहले हमेशा उसे सब्जी साफ करने वाले ब्रश से अच्छे से साफ करें। वैसे तो हर सब्जी को पकाने से पहले साफ करना चाहिए, लेकिन जो सब्जियां जमीन के अंदर उगती हैं उनमें कई सारे डर्ट पार्टिकल्स होते हैं जिन्हें साफ करना जरूरी होता है। तो अगली बार इसे हल्के में नहीं लेना।
4.ठंडे पानी में स्टोर ना करना (storing cut sweet potato in cold water)
साबुत शकरकंद को कभी भी फ्रिज में स्टोर नहीं करना चाहिए। कटी हुई शकरकंद को फ्रिज में स्टोर किया जा सकता है। लेकिन, इसे आपको ठंडे पानी में रखना होगा। बिना ठंडे पानी के कटी हुई शकरकंद को स्टोर ना करें। ऐसा करने से यह अगले इस्तेमाल तक सूख जाएगी और आपके किसी भी काम की नहीं रहेगी।
5.शकरकंद को अधिक देर तक पकाना (Cook for long time)
आमतौर पर शकरकंद को पकने में 45 मिनट का समय लगता है। हालांकि, हर मामले में यह समय आदर्श नहीं हो सकता है। शकरकंद को पकाने का समय उसके साइज और मोटाई पर निर्भर करता है। इसलिए आपको 45 मिनट के समय पर निर्भर नहीं रहना है। अपनी सहुलियत के अनुसार आप इसे किसी स्टिक से चेक कर सकते हैं। यदि यह सख्त होती है तो यह पूरी तरह से पकी नहीं है। यदि स्टिक शकरकंद के भीतर आसानी से चली जाती है तो यह पक चुकी है।
6.शकरकंद के छिलके को उतारना (Peeling off the skin)
आपको जानकर हैरानी होगी कि शकरकंद का छिलका भी सेब और अमरूद की तरह खाने योग्य होता है। शकरकंद के छिलके को हेल्दी माना जाता है। लोग इसकी स्किन को उतारकर इसे पकाते हैं, लेकिन अगली बार इसे छिलके के साथ बनाने की कोशिश करें। इसके छिलके में अधिक मात्रा में न्युट्रिएंट्स होते हैं।
7.शकरकंद में बिना छेद किए पकाना (Baking them without poking holes)
शकरकंद में फोर्क से बिना छेद किए उबालना एक बड़ी गलती है। शकरकंद को उबालते वक्त इसके भीतर भारी दबाव बनता है, जिसकी वजह से अक्सर यह उबालते वक्त फट जाती है। इस स्थिति से बचने के लिए आपको हमेशा शकरकंद को पकाने से पहले इसमें फोर्क से छेद करने हैं। दबाव बनने पर वह इन छिद्रों के माध्यम से बाहर निकल जाएगा।
इन टिप्स को शेयर करने के बाद हम यही कहेंगे कि अगली बार शकरकंद को पकाते वक्त आपको इन बातों का ध्यान रखना चाहिए। इससे ना सिर्फ शकरकंद का टेस्ट बढ़ेगा बल्कि उसकी क्वॉलिटी भी अच्छी रहेगी। शकरकंद को पकाना तो आप सीख ही गए होंगे, अब जानते हैं शकरकंद के फायदों के बारे में…
फाइबर, विटामिन और मिनिरल्स से भरपूर स्वीट पोटेटो को न्युट्रिएंट्स की खान बताया जाता है। 200 ग्राम स्किन के साथ स्वीट पोटेटो में 180 कैलोरी, 41.4 ग्राम कार्ब्स, 4 ग्राम प्रोटीन, 0.3 ग्राम फैट, 6.6 ग्राम फाइबर होता है। इसके अलावा स्वीट पोटेटो एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं, जो फ्री रेडिकल्स से निजात दिलाने में मदद करते हैं।
डायजेस्टिव सिस्टम को दुरुस्त रखने में मददगार (Helpful in maintaining digestive system)
शकरकंद में उच्च मात्रा में फाइबर होता है जो डायजेस्टिव सिस्टम को दुरुस्त रखने में मदद करता है। कई शोध के अनुसार, यह डायजेस्टिव सिस्टम में होने वाली कई परेशानियां जैसे गैस्ट्रिक अल्सर, फैटी एसिड आदि से बचाव में मदद करता है।
दिल को स्वस्थ रखता है (Keeps the heart healthy)
शकरकंद का सेवन कई बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करता है। इसमें फाइबर होता है जो शरीर से खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करता है। इसमें पोटेशियम पाया जाता है जो उच्च रक्तचाप को नियंत्रित रखता है।
आंखों के लिए फायदेमंद (Beneficial for the eyes)
शकरकंद का सेवन करने से आंखों के स्वास्थ्य का ख्याल रखा जा सकता है। इसमें विटामिन ए, बीटा कैरोटीन होते है, जो आंखों की रोश्नी को बढ़ाने में मदद करते हैं।
टाइप 2 डायबिटीज के लिए फायदेमंद (Beneficial for type 2 Diabetes patients)
2004 में वियाना यूनिवर्सिटी द्वारा की गई एक स्टडी के अनुसार, टाइप 2 डायबिटीज से ग्रसित पेशेंट्स की डायट में स्वीट पोटेटो शामिल करने से अच्छे परिणाम देखने को मिले थे। पेशेंट्स के ब्लड ग्लूकोज लेवल में तो कमी आई साथ ही ओवरऑल ग्लूकोज कंट्रोल में भी सुधार देखने को मिला।
उम्मीद करते हैं आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा। हैलो हेल्थ के इस आर्टिकल में शकरकंद को पकाने से जुड़ी जानकारी दी गई है। यदि इस लेख से जुड़ा आपका कोई सवाल है तो आप कमेंट सेक्शन में पूछ सकते हैं।
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