क्रॉनिक ब्रॉन्कायटिस ब्रोन्कियल ट्यूब्स (Bronchial tubes) की इंफ्लामेशन या सूजन है। ब्रोन्कियल ट्यूब्स एयर को फेफड़ों के अंदर और बाहर ले जाने का काम करती हैं। जिन लोगों को ब्रॉन्कायटिस की समस्या होती है, उन्हें कफ की समस्या से भी गुजरना पड़ता है। पेशेंट को आमतौर पर थिक और गहरे रंग के कफ की समस्या से गुजरना पड़ता है। जिन लोगों को क्रॉनिक ब्रॉन्कायटिस की समस्या होती है, उन्हें आमतौर पर सांस लेने में समस्या, छाती में दर्द और सांस लेने में घरघराहट की आवाज महसूस होती है। ब्रॉन्कायटिस की समस्या एक्यूट और क्रॉनिक हो सकती है। एक्यूट ब्रॉन्कायटिस की समस्या कुछ समसय बाद ठीक हो जाती है। इसमें व्यक्ति को सर्दी और सांस संबंधित संक्रमण का सामना करना पड़ता है, जो कुछ दिनों बाद ठीक हो जाता है। जबकि क्रॉनिक ब्रॉन्कायटिस की समस्या सीरियस कंडीशन के रूप में सामने आती है। इस आर्टिकल के माध्यम से जानिए कि आखिर क्यों क्रॉनिक ब्रॉन्कायटिस की समस्याका सामना करना पड़ता है और इससे कैसे बचा जा सकता है। जानिए क्रॉनिक ब्रॉन्कायटिस के कारण के बारे में।
और पढ़ें: सर्दियों में सांस की समस्या न बढ़ जाए, इसलिए आजमाएं यह तरीके, रहें हेल्दी
क्रॉनिक ब्रॉन्कायटिस (Chronic Bronchitis) किस कारण से होता है?
ब्रोन्कियल ट्यूब्स (Bronchial tubes) में लंबे समय तक सूजन रहने के कारण एयरवेज में स्टिकी म्यूकस का फॉर्मेशन होने लगता है। इस कारण से फेफड़ों के अंदर और बाहर एयर नहीं जा पाती है। अगर समय के साथ बीमारी का इलाज नहीं कराया जाता है, तो स्थिति अधिक बदतर हो जाती है। इस कारण से सांस लेने में समस्या के साथ ही म्यूकस का फॉर्मेशन बढ़ता जाता है। जिन लोगों को क्रॉनिक ब्रॉन्कायटिस की समस्या होती है, उनमें एम्फसीमा (Emphysema) डेवलप होने लगता है, जो कि लंग डिजीज का प्रकार है। एक साथ दो कंडीशन क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (Chronic obstructive pulmonary disease) को जन्म देती है। इसे सीओपीडी (COPD) के नाम से भी जाना जाता है। अमेरिकन एसोसिएशन के अनुसार, करीब 11 मिलियन लोग सीओपीडी (COPD) से ग्रसित हैं। ऐसे लोगों की संख्या भी अधिक होगी, जिन्हें इस बीमारी के बारे में जानकारी नहीं है। बीमारी से बचाव नहीं किया जा सकता है लेकिन बीमारी के लक्षणों को नियंत्रित किया जा सकता है। जानिए क्रॉनिक ब्रॉन्कायटिस होने पर क्या लक्षण दिखाई पड़ते हैं।
इंफ्लामेशन के कारण सीलिया (Cilia) भी डैमेज हो जाता है। सीलिया हेयर की तरह दिखने वाला स्ट्रक्चर होता है, जो एयर पैसेज में जर्म्स और अन्य इरिटेंट को निकलने के लिए जगह देता है। जब सीलिया प्रॉपर काम नहीं कर पाता है, तो बैक्टीरिया और वायरस का खतरा बढ़ने लगता है। संक्रमण जलन और सूजन को ट्रिगर करता है और ये क्रॉनिक ब्रॉन्कायटिस का कारण बनता है। क्रॉनिक ब्रॉन्कायटिस की समस्या सिगरेट पीने के कारण हो सकती है। स्मोकिंग के कारण सीलिया को नुकसान पहुंचता है। सेकेंड हैंड स्मोक भी इसका कारण बन सकता है। इस बीमारी के लिए वायु प्रदूषण भी जिम्मेदार हो सकता है।