भूख न लगने के कारण एक अनहेल्दी साइकिल (Unhealthy Cycle) शुरू हो सकता है। जैसे शरीर मसल्स को ब्रेक डाउन करके ईंधन का काम लेता है। क्योंकि, शरीर को पर्याप्त न्यूट्रिएंट नहीं मिल रहे होते हैं। मसल्स जिसमें ब्रीदिंग मसल्स भी शामिल हैं, वो कमजोर हो जाते हैं। इससे व्यक्ति को सांस लेने में समस्या होती है। जिस व्यक्ति की भूख कम हो जाती है वो पर्याप्त न्यूट्रिएंट्स भी प्राप्त नहीं कर पाता और उसका वजन कम होता जाता है।
हाय मेटाबॉलिक रेट (High Metabolic Rate)
वेट लॉस और COPD (Weight Loss and COPD) की समस्या को गंभीरता से लेना चाहिए। COPD से पीड़ित व्यक्ति को सांस लेने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है, जिससे मेटाबॉलिक रेट बढ़ता है। यह कम्बाइंड इफेक्ट अनचाहे वजन के कम होने का कारण बन सकता है।
मेंटल हेल्थ डिफीकल्टीज (Mental Health Difficulties)
क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (Chronic Obstructive Pulmonary Disease) से पीड़ित व्यक्ति उन लोगों के मुकाबले अधिक डिप्रेशन और एंग्जायटी का शिकार होते हैं, जिन्हें यह समस्या नहीं है। यानी जो व्यक्ति COPD और डिप्रेशन से पीड़ित है। वो इस वजह से भी अनचाहा वजन कम होने की समस्या को नोटिस कर सकता है। इस स्थिति में डॉक्टर की सलाह अवश्य लेनी चाहिए। इस स्थिति में जरूरी है अपने शरीर वजन को सही और हेल्दी बनाए रखना पाएं। सही वजन को मेंटेन रखने के टिप्स :
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कैसे बनाएं रखें सही और हेल्दी वेट? (How to Maintain Healthy Weight)
वेट लॉस और COPD (Weight Loss and COPD) एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। रोगी में COPD की गंभीरता उसके वजन को प्रभावित करती है। लेकिन, गंभीर स्थिति में ही रोगी कुपोषण या अंडरवेट जैसी समस्या से पीड़ित हो सकता है। इस समस्या आपको अपने शरीर का सही वजन मेंटेन करना होगा। अमेरिकन लंग एसोसिएशन (American Lung Association) के मुताबिक शरीर में भोजन को ईंधन में बदलने की प्रक्रिया को मेटाबॉलिज्म कहा जाता है। इसमें कार्बनडायऑक्साइड वो वेस्ट मटेरियल है, जिसे हम अपने शरीर से बाहर निकालते हैं। ऐसे में, डायट में सही न्यूट्रिएंट के होने से सांस लेने की प्रक्रिया को आसान बनाने में मदद मिलती है। यही नहीं, COPD से पीड़ित कुछ लोगों को कम कार्बोहायड्रेटस और अधिक फैट युक्त आहार का सेवन करने से सांस लेने की प्रक्रिया को आसान बनाने में मदद मिलती है।
वेट लॉस और COPD (Weight Loss and COPD) दोनों में ही शरीर के वजन को बढ़ाने के लिए आपके लिए सही न्यूट्रिएंट्स को ग्रहण करना जरूरी है। जिसके कुछ टिप्स इस प्रकार हैं:
- पूरे दिन में कम मात्रा में लेकिन थोड़ी-थोड़ी देर बाद हेल्दी खाएं।
- हाय कैलोरी युक्त आहार खाएं। जैसे लौ फैट मिल्क प्रोडक्ट्स की जगह फुल फैट मिल्क प्रोडक्ट्स का प्रयोग करें।
- खाते खाने के दौरान तरल पदार्थों का सेवन सीमित कर दें। क्योंकि, अधिक तरल पदार्थ पीने से आप पेट को भरा हुआ महसूस करेंगे।
- ऐसे आहार या ड्रिंक्स का सेवन बंद कर दें जिनसे ब्लोटिंग की समस्या होती हो।
- खाना खाने से पहले आराम करें।
- किन्हीं मामलों में डॉक्टर या डायटिशन आपके आहार में न्यूट्रिशंस को भी शामिल करने की सलाह दे सकते हैं।
- स्नैक्स और भोजन को आसानी से बनाने के तरीके ढूंढें। जिससे आपकी न्यूट्रिशनल जरूरतें पूरी हो सके।
- आप अपनी कुकिंग की मेहनत को पहले से ही कटे हुए या पैक्ड क्वालिटी उत्पाद खरीद कर कम कर सकते हैं। लेकिन ध्यान रखे हेल्दी चीजों को ही खरीदें और उनका सेवन करें।