क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिसीज (COPD) या सीओपीडी, बीमारियों का एक समूह है, जिसमें रोगी को सांस लेने में मुश्किल होती है। हालांकि, इसमें मरीज को लगातार खांसी आती है, जैसे किसी धूम्रपान करने वाले को होती है। सीओपीडी में दो बीमारियां मुख्य रूप से शामिल हैं। अधिकांश लोग इन दोनों ही बीमारियों से ग्रसित होते हैं :
क्रॉनिक ब्रोंकाइटिस (Chronic Bronchitis): ब्रोंकाइटिस, ब्रोंकियल नलियों की सतह पर आई हुई सूजन है। इसकी वजह से ब्रोंकियल ट्यूब में रेडनेस, सूजन और बलगम भर जाता है। यह बलगम आपकी नलियों को ब्लॉक करता है, जिससे सांस लेने में मुश्किल होती है।
इंफीसेमा (वातस्फीति): इसमें फेफड़ों की वायु थैली (एल्वियोली) को नुकसान पहुंचता है, जिससे सांस लेने में और तकलीफ होती है और एल्वियोली प्रभावित हो जाती है। इससे आपके रक्त में ऑक्सिजन और कार्बन डायऑक्साइड को बाहर निकालना मुश्किल हो जाता है।
सीओपीडी लोगों में होने वाली एक आम बीमारी है।
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सीओपीडी (Chronic Obstructive Pulmonary Disease) श्वसन प्रणाली को प्रभावित करता है। इससे आप बार-बार सांस की तकलीफ का अनुभव करेंगे। सीओपीडी की बीमारी विभिन्न प्रकार के लक्षण पैदा कर सकती है, जिनमें शामिल हैं:
हो सकता है शुरुआत में आप में एक भी लक्षण न दिखें क्योंकि, सीओपीडी धीरे-धीरे बढ़ने वाली बीमारी है। इसके लक्षण धीरे-धीरे दिखने शुरू होते हैं और समय के साथ खराब हो जाते हैं। सीओपीडी लक्षण कई सालों में बढ़ते हैं। आखिरकार, लक्षण आपकी गतिविधि के स्तर और जीवन को प्रभावित करने लगते हैं। कुछ गंभीर लक्षणों के लिए में हॉस्पिटल में ट्रीटमेंट की आवश्यकता हो सकती है। अगर आपको नीचे बताई गईं समस्याएं हैं, तो आपको तुरंत डॉक्टर से मदद लेनी चाहिए :
सीओपीडी उन लोगों में सबसे आम है, जो ज्यादा धूम्रपान करने वाले हैं और 65 से अधिक उम्र के हैं। हालांकि, सीओपीडी के कारणों को कम करके इस बीमारी पर नियंत्रण किया जा सकता है। सीओपीडी को रोकने के लिए धूम्रपान छोड़ना सबसे प्रभावी तरीका है।
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सीओपीडी फेफड़ों में नुकसान के कारण होता है। जब लंबे समय तक सांस लेने में परेशानी बनी रहती है, तो फेफड़ों को नुकसान पहुंचता है। ये कुछ कारण हैं :
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आपको लगता होगा कि पुरुषों में धूम्रपान से सीओपीडी होने की संभावना अधिक होती होगी, लेकिन सीओपीडी के अधिकतर मामले महिलाओं में देखने को मिलते हैं। ऐसा इसलिए है, क्योंकि विकसित देशों में महिला धूम्रपान (Smoking) की संख्या में वृद्धि हुई है। निम्न-आय वाले देशों में इंडोर वायु प्रदूषण (जैसे खाना पकाने और हीटिंग के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला ठोस ईंधन) के कारण सीओपीडी का खतरा बढ़ जाता है। इन लोगों में सीओपीडी का खतरा ज्यादा देखने को मिलता है :
दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
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सीओपीडी धीरे-धीरे विकसित होता है, अक्सर 40 या उससे अधिक उम्र के लोगों में इसका निदान किया जाता है। आपका डॉक्टर आपके संकेतों, लक्षणों और टेस्ट आदि के आधार पर सीओपीडी का निदान करेगा।
दुर्भाग्य से, सीओपीडी का अभी तक कोई इलाज नहीं मिला है। सीओपीडी (CPOD) से निपटने का सबसे अच्छा तरीका रोकथाम और प्रबंधन है। सीओपीडी उपचार के लक्ष्यों में शामिल हैं :
दवाई (Medication):
टीके (Vaccination):
सर्जरी (Surgery):
सर्जरी आमतौर पर उन लोगों के लिए है,, जिनके लक्षण गंभीर हैं जो दवाइयों से ठीक नहीं हो रहे हैं। फेफड़ों का प्रत्यारोपण (लंग ट्रांसप्लांट) उन लोगों के लिए एक विकल्प है, जिन्हें गंभीर सीओपीडी है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने नॉनकम्युनिक डिजीज (ऐसी बीमारियां जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं पहुंचती हैं) को रोकने और नियंत्रित करने के लिए एक योजना विकसित की है। डब्ल्यूएचओ का लक्ष्य है:
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शरीर को स्वस्थ रखने के लिए योग को नियमित अपने दिनचर्या में शामिल करें।
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के द्वारा मेडिकली रिव्यूड
Dr. Pooja Bhardwaj