जब कोई व्यक्ति तनाव में रहता है, तो उस दौरान बॉडी भी अलग-अलग तरह से रिस्पॉन्ड कर सकती है। नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नॉलजी इन्फॉर्मेशन (NCBI) में छपी एक रिपोर्ट पर के मुताबिक आईलिड ट्विचिंग तनाव, एंग्जाइटी या फिर थकावट की वजह से होने वाली परेशानी है।
अनिंद्रा (sleeplessness)-
अनिंद्रा यानी नींद ना आना भी आंख फड़कने के कारणों में से एक है। इसलिए रोजाना 7 से 8 घंटे की नींद जरूरी है।
आंख पर ज्यादा दबाव पड़ना-
अगर आप लगातार कंप्यूटर पर काम करते हैं, ज्यादा से ज्यादा वक्त फोन पर बिताते हैं या जरूरत से ज्यादा टीवी देखते हैं, तो इससे आंखों पर दबाव पड़ता है। ऐसी स्थिति में भी आईलिड ट्विचिंग होने की संभावना बढ़ जाती है।
एलर्जी (Allergy)-
आंखों में खुजली की समस्या रहना, आंख से पानी आना या सूजन होने की वजह से भी आंखें फड़क सकती हैं। ऐसी स्थिति में आंखों मलने से नुकसान पहुंचने के साथ-साथ आईलिड ट्विचिंग का खतरा बना रहता है। यही नहीं जिन लोगों को ड्राई आइज की समस्या रहती है, उन्हें भी आंख फड़कने की समस्या हो सकती है।
बेल्स पाल्सी (Bell’s palsy)-
आधे फेस (Half of the face) की मांसपेशियां को अस्थाई रूप से कमजोर पड़ना या पैरालिसिस होना बेल्स पाल्सी कहलाता है। चेहरे को कंट्रोल करने वाले नर्व के दबने या सूजने की वजह से भी हो सकता है। ऐसा होने पर चेहरे का एक साइड दूसरे साइड की मुकाबले ज्यादा कड़ा या सूज सकता है। कभी-कभी बेल्स पाल्सी भी आंख फड़कने का कारण हो सकते हैं।