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क्या हैं स्लीपिंग पिल्स(Sleeping Pills) के नुकसान?
ड्रग एडिक्टिव
एक लंबे समय तक यदि आप इन दवाओं का सेवन करते हैं तो यह दवाएं खाएं बिना आपको नींद नहीं आती।
याद्दाश्त में कमी
नींद की गोली के कारण आप हमेशा नींद में रहते हैं और इस कारण किसी भी काम में एकाग्रचित यानी कंसंट्रेट नहीं कर पाते हैं। इसके साथ ही इससे याद्दाश्त में भी कमी आने लगती है।
हार्ट अटैक का खतरा
यदि आप साल भर में 60 के करीब नींद की दवा लेते हैं तो 50 प्रतिशत हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
श्वास संबंधी दिक्कत
जिन लोगों में स्लीप एप्निया की समस्या होती हैं उनके लिए स्लीपिंग पिल के नुकसान बहुत भयावह हो सकते हैं। कई बार सांस में बाधा की वजह से आप सो नहीं पाते हैं तो कई बार यह मौत का भी कारण बन सकती है।
कैंसर का खतरा
एक अध्ययन के अुनसार स्लीपिंग पिल के नुकसान में कैंसर का खतरा बढ़ना भी है। यदि आप वर्ष में करीब 132 दवाओं का सेवन लगातार कर रहे हैं तो यह आपमें कैंसर का खतरा तो बढ़ाती ही हैं इसके साथ ही आपकी मौत का भी कारण बन सकती हैं।
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क्या उपाय करें?
- सोने से कुछ देर पहले टीवी, लैपटॉप मोबाइल आदि से दूरी बना लें
- सोते वक्त बिस्तर, तकिया सब साफ रखें
- सोने से करीब दो घंटे पहले खाना खाएं
- नींद न आ रही हो तो रिलेक्सिंग म्यूजिक सुनें
- कैफीन से दूर रहें
- स्ट्रैस दूर करने के लिए मेडिटेशन करें या एक्सरसाइज करें
नींद की गोली लेने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह लेना बहुत जरूरी है क्योंकि यह हार्ट अटैक, सिरदर्द, हाथ-पैरों में कंपन्न आदि का कारण बन सकती है। किसी भी दवा का उपयोग डॉक्टर की सलाह के बिना ना करें। फिर चाहे वह ओवर द काउंटर मिलने वाली दवा ही क्यों ना हो।
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