इंसोम्निया के ट्रीटमेंट की बात करें तो यह इसके कारणों पर निर्भर करता है। यदि आप चाहें तो डाक्टरी सलाह लेकर एक्यूट इंसोम्निया का इलाज घर पर ही कर सकते हैं और ओवर द काउंटर दवा का सेवन कर बीमारी से बचा जा सकता है। इंसोम्निया का इलाज करने के दौरान एक्सपर्ट इसके कारणों की जांच कर इलाज करते हैं। कई मामलों में डॉक्टर मरीज को कॉग्निटिव बिहेवियर थेरिपी (Cognitive Behavioural Therapy) की सलाह देते हैं। यह इंसोम्निया सीबीटी 1 के केस में किया जाता है। यह दवा की तुलना में ज्यादा इफेक्टिव होता है।
इंसोम्निया का कैसे लगाया जाता है पता?
इंसोम्निया (Insomnia) का पता लगाने के लिए फिजिकल एग्जामिनेशन के साथ मरीज की मेडिकल हिस्ट्री (Medical history) के बारे में डॉक्टर पूछताछ करते हैं। वहीं उसी के आधार पर मरीज का इलाज करते हैं। मरीज से कई बार डॉक्टर उनके स्लीपिंग पैटर्न (Sleeping pattern) के बारे में भी जानकारी हासिल करते हैं। इसके लिए डॉक्टर मरीज को स्लीप स्टडी की सलाह दे सकते हैं ताकि स्लीपिंग डिसऑर्डर (Sleeping disorder) के बारे में पता लगाया जा सके।
जानें कब पड़ती है डॉक्टर को दिखाने की आवश्यकता?
इंसोम्निया की बीमारी से ग्रसित व्यक्ति यदि एक सप्ताह तक सामान्य नहीं हो पाता है, तो ऐसी स्थिति में उसे डॉक्टी सलाह लेनी चाहिए। यदि मरीज इस अवस्था तक ट्रीटमेंट नहीं कराता है, तो उसकी तबीयत और ज्यादा बिगड़ सकती है। एक्सपर्ट मरीज से बात कर इंसोम्निया के प्रकार (Types of Insomnia) की जानकारी देने के साथ इसका किस प्रकार से इलाज करना है उसके बारे में जानकारी दे सकते हैं। वहीं मरीज को उचित परामर्श भी दे सकते हैं।
अनिद्रा में ध्यान देने योग्य बातें
इंसोम्निया के प्रकार (Types of Insomnia) की बीमारी आपके रोजमर्रा के कामकाज को प्रभावित कर सकती है। एक्यूट इंसोम्निया (Acute insomnia) का इलाज घर पर ही हो सकता है। यदि सही समय पर इसका इलाज न करवाया गया तो उसके कारण क्रॉनिक इंसोम्निया (Chronic insomnia) की बीमारी हो सकती है। वहीं क्रॉनिक इंसोम्निया के कारण गंभीर डिप्रेशन (Depression) और उसके कारण अन्य गंभीर बीमारी हो सकती है। इसलिए जरूरी है कि मरीज को इस बीमारी के लक्षण दिखाई देने पर डॉक्टरी सलाह लेना चाहिए।
अगर आपको नींद आने में किसी प्रकार की समस्या हो रही है, तो इसे हल्के में न लें। आपको तुरंत अपने डॉक्टर से बात करने की जरूरत है। आप स्वास्थ्य संबंधी अधिक जानकारी के लिए हैलो स्वास्थ्य की वेबसाइट विजिट कर सकते हैं। अगर आपके मन में कोई प्रश्न है, तो हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक पेज में आप कमेंट बॉक्स में प्रश्न पूछ सकते हैं और अन्य लोगों के साथ साझा कर सकते हैं।