यह अध्ययन मिला जुला हुआ है। जहां कुछ गानों की मदद से आप सोने में मदद ले सकते हैं, वहीं खुद को जगाए रखने और मूड को बेहतर बनाने के लिए भी आप गानों की मदग ले सकते हैं। स्लीप डॉक्टर के आहार विशेषज्ञ और द स्लीप डॉक्टर के डाइट प्लान के लेखक, माइकल ब्रेयस का दावा है कि उनके पास इतने आंकड़े है जो यह साबित करने के लिए काफी हैं कि गाने लोगों को जगाए रखने में मदद करते हैं। हालांकि, यह पूरी तरह से इस बात पर निर्भर करता है कि आप किस तरह का संगीत सुनते हैं। अगर आप एक हल्के म्यूजिक वाला गाना सुनेंगे तो यह शरीर के इंटरनल स्नूज बटन को हिट करने में मदद कर सकता है और नींद लाने में मदद करता है।
स्लीप म्यूजिक पर कई देशों में अध्ययन किया गया है। जिसके आधार पर यह दावा किया जाता है कि स्लीप म्यूजिक वयस्क के साथ-साथ बुजुर्गों, महिलाओं, पुरुषों और छोटे बच्चों सभी के लिए लाभकारी पाया गया है। यहां तक की संगीत सिजोफ्रेनिया वाले लोगों को भी अच्छी नींद लाने में मदद कर सकता है। इसके अलावा पढ़ने के दौरान, किसी काम में ध्यान लगाने के दौरान भी संगीत सुनना लाभकारी साबित हो सकता है।
और पढ़ें : जानिए गर्भावस्था में नींद की समस्या के कारण और उपाय
एक सामान्य अध्ययन के दौरान पाया गया कि, सुबह जागने पर 45 मिनट तक सॉफ्ट म्यूजिक सुनने पर शरीर दिनभर ऊर्जावान बना रह सकता है। इसके लिए आप शास्त्रीय संगीत जैसे संगीत सुने तो बेहतर होगा। इसके अलावा, कई अध्ययनों में पाया गया है कि संगीत के टेम्पो से फर्क पड़ता है। अध्ययनों से पता चलता है कि लगभग 60 बीट्स एक मिनट की लय के साथ संगीत लोगों को सो जाने में मदद करता है। जैसे ही आप सो रहे होते हैं, आपकी हृदय गति धीमी होने लगती है और उस 60-बीट्स-प्रति-मिनट की सीमा की ओर बढ़ने लगती है। यानी अगर आप सोने के लिए म्यूजिक की मदद लेना चाहते हैं, तो हमेशा बहुत ही कम बीट्स वाले गानों का चयन करें।
हमारी सेहत के लिए जितना जरूरी खाना है, उतना ही जरूरी है नींद। स्टडी बताती है कि 24 घंटे तक लगातार जागे रहने पर दिमाग का मेटाबोलिज्म काफी कम हो जाता है। लंबे समय तक अगर ऐसी स्थिति बनी रहती है तो व्यक्ति को कई तरह के नींद से जुड़े विकार हो सकते हैं इसलिए नींद न आने की स्थिति में डॉक्टर से जरूर मिलना चाहिए।
हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है। अगर आपको किसी भी तरह की समस्या हो रही है, तो आप अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लें।