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हार्ट इंफेक्शन में एंटीबायोटिक आईवी : इस्तेमाल करने से पहले जान लें ये बातें!

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Toshini Rathod द्वारा लिखित · अपडेटेड 24/05/2022

    हार्ट इंफेक्शन में एंटीबायोटिक आईवी : इस्तेमाल करने से पहले जान लें ये बातें!

    हृदय रोग या कहें हार्ट डिजीज, किसी भी व्यक्ति को किसी भी उम्र में अपनी गिरफ्त में ले सकता है। हार्ट से संबंधित तकलीफ आपको लंबे समय तक परेशानी में डाल सकती है। इन्हीं समस्याओं में से एक है, हार्ट इंफेक्शन (Heart infection), जो काफी गंभीर समस्या मानी जाती है। इसकी वजह से आपका हार्ट डैमेज भी हो सकता है। आज हम हार्ट इंफेक्शन में काम आने वाले ट्रीटमेंट के बारे में बात करेंगे। जिसमें से एक है एंटीबायोटिक आईवी। इसलिए आज हम हार्ट इंफेक्शन में एंटीबायोटिक आईवी (Antibiotics IV) के बारे में आपको जरूरी जानकारी देंगे। लेकिन इससे पहले जान लेते हैं हार्ट इंफेक्शन (Heart infection) आखिर होता क्या है।

    हार्ट इंफेक्शन क्या है? (Heart infection)

    हार्ट इंफेक्शन प्रमुख रूप से बैक्टीरिया, वायरस या फंगस के कारण फैल सकता है। इसे कार्डिएक इन्फेक्शन  और हार्ट वॉल इन्फेक्शन  का नाम भी दिया गया है। हार्ट में तीन प्रमुख लेयर्स होती हैं, जिनमें हार्ट इंफेक्शन (Heart infection) की तकलीफ हो सकती है। आइए अब जानते हैं हार्ट इंफेक्शन के कितने प्रकार होते हैं। 

    हार्ट इंफेक्शन के प्रकार हैं तीन! (Types of Heart infection)

    हार्ट इंफेक्शन (Heart infection) तीन तरह का हो सकता है, जो हृदय के अलग-अलग हिस्सों से जुड़ा हुआ माना जाता है। इसलिए इन हार्ट इंफेक्शन को हृदय के हिस्सों के अनुसार नाम दिया गया है। 

    एंडोकार्डाइटिस (Endocarditis)

    हार्ट इंफेक्शन (Heart infection) का एक प्रकार है एंडोकार्डाइटिस, जिसे हृदय से जुड़ा  संक्रमण माना जाता है। यह हार्ट के अंदर मौजूद एंडोकार्डियम को संक्रमित करता है, इसलिए इस कंडिशन को एंडोकार्डाइटिस कहते हैं। जिन्हें ह्रदय रोग से जुड़ी तकलीफ पहले से ही होती है, उन लोगों को  एंडोकार्डाइटिस की समस्या जल्दी होती है।

    और पढ़ें: Heart Valve Stenosis: हार्ट वॉल्व स्टेनोसिस के कारण किन समस्याओं का करना पड़ता है सामना?

    मायोकार्डिटिस (Myocarditis)

    हार्ट इंफेक्शन (Heart infection) का दूसरा प्रकार है मायोकार्डिटिस। मायोकार्डिटिस की समस्या मायोकार्डियम में संक्रमण या सूजन की वजह से होती है। यह हार्ट की मिडिल लेयर मानी जाती है। वायरल संक्रमण के कारण मायोकार्डियम में तकलीफ पैदा हो सकती है, जिसके कारण मायोकार्डिटिस की दिक्कत होती है।

    पेरिकार्डाइटिस (Pericarditis)

    हार्ट इंफेक्शन (Heart infection) का तीसरा प्रकार है पेरिकार्डाइटिस इन्फेक्शन। यह पेरिकार्डियम में सूजन होने की वजह से होता है। पेरिकार्डियम ह्रदय को ढंकने वाली बाहरी परत मानी जाती है। ये संक्रमण सबसे आम संक्रमण माना जाता है। इस तरह के संक्रमण की स्थिति में आपको जल्द से जल्द डॉक्टर को दिखाने और सही ट्रीटमेंट लेने की जरूरत पड़ती है। लेकिन क्या आप जानते हैं हार्ट इंफेक्शन आखिर होता क्यों है? इसका जवाब भी है हमारे पास। आइये जानते हैं इसके बारे में जरूरी जानकारी। 

    हार्ट इंफेक्शन : क्या हैं कारण? (Causes of Heart infection)

    आमतौर पर बैक्टीरिया हार्ट इंफेक्शन का मुख्य कारण बनते हैं। वैसे तो हार्ट इन्फेक्शन फंगस और वायरस के कारण भी हो सकता है, लेकिन बैक्टीरिया के कारण हृदय संक्रमण का होना ज्यादा देखा गया है। एंडोकार्डाइटिस (Endocarditis) का मुख्य कारण बैक्टीरिया माना जाता है। जब आपके ब्लड के माध्यम से बैक्टीरिया शरीर के अंदर जाते हैं, तो यह हार्ट के अलग-अलग हिस्सों को संक्रमित कर देते हैं, इस वजह से हार्ट इंफेक्शन होने की संभावना बढ़ जाती है। इसके अलावा माउथ, लंग्स और यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन  के कारण भी हार्ट इंफेक्शन (Heart infection) होने की संभावना बढ़ती है। अब आपके लिए यह जानना जरूरी है कि हार्ट इंफेक्शन को कैसे पहचाना जा सकता है। 

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    हार्ट इंफेक्शन : क्या हैं लक्षण? (Symptoms of Heart infection)

    एंटीबायोटिक आईवी (Antibiotics IV)

    हार्ट से जुड़ी हुई समस्याओं को पहचानने के लिए सही लक्षण जानना बेहद जरूरी है। हार्ट इंफेक्शन के कारण शरीर में कई तरह के बदलाव आते हैं, जिसके कारण ये लक्षण आपको दिखाई दे सकते हैं – 

    • छाती में दर्द (Chest pain)
    • सांस लेने में समस्या (Shortness of breath)
    • खांसी (Cough)
    • फीवर
    • ठंड लगना और पसीना निकलना
    • मांसपेशियों में खिंचाव होना (Muscle aches)
    • अचानक से कमजोरी का एहसास
    • अचानक से विजन में बदलाव होना (Sudden vision changes)
    • बॉडी या शरीर का आधा भाग सुन्न हो जाना

    यदि आपको इस तरह के लक्षण दिखाई देते हैं, तो आपको जल्द से जल्द डॉक्टर को दिखाना चाहिए। डॉक्टर आपकी जरूरत के अनुसार हार्ट इंफेक्शन से लड़ने के लिए दवाइयां दे सकते हैं। जब बात हो रही हो हार्ट इंफेक्शन (Heart infection) के ट्रीटमेंट की, तो एंटीबायोटिक आईवी (Antibiotics IV) भी एक तरह का ट्रीटमेंट माना जा सकता है। चलिए जानते हैं एंटीबायोटिक आईवी के बारे में यह खास बातें।

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    एंटीबायोटिक आईवी : हार्ट इंफेक्शन में कारगर (Antibiotics IV)

    हार्ट इंफेक्शन में एंटीबायोटिक आईवी (Antibiotics IV) अलग-अलग तरह से इस्तेमाल हो सकती हैं, जो डॉक्टर द्वारा आपको इंटरावेनियसली आपको दी जाती है, जब आप हॉस्पिटल में एडमिट होते हैं। एंटीबायोटिक आईवी में समावेश होता है इन दवाइयों का –  

    एंटीबायोटिक आईवी  – वैंकोमायसिन (Vancomycin)

    वैंकोमायसिन का जेनेरिक नाम वैंकोमायसिन ही माना जाता है। इसका इस्तेमाल एंटीबायोटिक आईवी (Antibiotics IV)  के तौर पर किया जा सकता है। ये हार्ट इंफेक्शन में कारगर मानी जा सकती है। हालांकि वैंकोमायसिन को दो तरह से लिया जा सकता है, एक एंटीबायोटिक आईवी के जरिए और दूसरा ओरली। वैंकोमायसिन में कुछ ब्रैंड्स का इस्तेमाल किया जा सकता है, जिसमें आप वैनलिड 500 Mg इंजेक्शन (Vanlid 500 Mg Injection), वैंकोसिन सीपी 500mg इंजेक्शन (Vancocin CP 500mg Injection) का इस्तेमाल  कर सकते हैं। इस दवा को लेने से पहले हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है।आपकी जरूरत के मुताबिक डॉक्टर यह दवा प्रिस्क्राइब कर सकते हैं। 

    एंटीबायोटिक आईवी – सेफट्राइऐक्सन (Ceftriaxone)

    सेफट्राइऐक्सन भी एक तरह का इंजेक्शन है, जो हार्ट इंफेक्शन में कारगर माना जा सकता है। इसका जेनेरिक नाम भी सेफट्राइऐक्सन है। सेफट्राइऐक्सन इंजेक्शन में कई तरह के ब्रैंड का इस्तेमाल किया जा सकता हैं, जिसमें सिफ़ेक्सोन 1g इंजेक्शन (Cefaxone 1g Inj), ज़ोन 1GM इंजेक्शन (XONE-1GM INJECTION) इत्यादि का समावेश होता है। यह भी एक एंटीबायोटिक आईवी (Antibiotics IV)  है, जिसका इस्तेमाल डॉक्टर बैक्टीरियल इन्फेक्शन की समस्या में कर सकते हैं। इसीलिए हार्ट  इन्फेक्शन  के दौरान एंटीबायोटिक आईवी में  सेफट्राइऐक्सन का इस्तेमाल हो सकता है।

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    एंटीबायोटिक आईवी – एंफीसिलीन (Ampicillin)

    एंफीसिलीन का जेनेरिक नाम भी एंफीसिलीन ही है। एंफीसिलीन एक पेनिसिलिन एंटीबायोटिक मानी जाती है, जो अलग-अलग तरह के इनफेक्शंस में कारगर मानी जा सकती है। इसलिए हार्ट इंफेक्शन में इस मेडिसिन का उपयोग किया जाता है। एंफीसिलीन के कुछ साइड इफेक्ट्स आपको दिखाई दे सकते हैं, जिसमें स्किन रैश,फीवर, सोर थ्रोट, हाथों का ठंडा होना,  पेट दर्द, डायरिया, वजायनल इचिंग जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए डॉक्टर की सलाह के बाद और अपनी जरूरत के अनुसार ही एंटीबायोटिक आईवी (Antibiotics IV)  के तौर पर एंफीसिलीन का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। एंटीबायोटिक आईवी (Antibiotics IV) में आप इन ब्रैंड्स का इस्तेमाल कर सकते हैं, एरिस्टोसिलीन 500mg  इंजेक्शन (Aristocillin 500mg Injection), रोसिसिलिन 500 इंजेक्शन (ROSCILLIN-500 INJ)। 

    एंटीबायोटिक आईवी – रिफैंपिन (Rifampin)

    रिफैंपिन का जेनेरिक नाम रिफैंपिन ही है। रिफैंपिन के अलग-अलग तरह के ब्रैंड्स का इस्तेमाल कर सकते हैं, जिसमें रिफ़ेडिन आईवी (Rifadin IV ) का समावेश होता है। रिफैंपिन  एक एंटीबायोटिक आईवी (Antibiotics IV)  मानी जाती है, जिसे इन्फेक्शन  ठीक करने के लिए इस्तेमाल में लाया जा सकता है। इसलिए हार्ट इंफेक्शन में इसका उपयोग डॉक्टर की सलाह के बाद और अपनी जरूरत के अनुसार किया जा सकता है।

    एंटीबायोटिक आईवी  – डैप्टोमायसिन (Daptomycin)

    डैप्टोमायसिन के इस्तेमाल के लिए आप कुछ ब्रैंड्स का इस्तेमाल कर सकते हैं, जिसमें क्यूबिसिन आरएफ (Cubicin RF) का समावेश होता है। यह एक एंटीबायोटिक आईवी (Antibiotics IV)  है, जिसे बैक्टीरियल इन्फेक्शन ठीक करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। डैप्टोमायसिन हार्ट इंफेक्शन में एंटीबायोटिक आईवी के तौर पर इस्तेमाल की जा सकती है। डैप्टोमायसिन का इस्तेमाल हमेशा डॉक्टर की सलाह के बाद और अपनी जरूरत के अनुसार करना सही माना जाता है।

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    जैसा कि आपने जाना हार्ट इंफेक्शन के ट्रीटमेंट के तौर पर एंटीबायोटिक आईवी (Antibiotics IV) ले सकते हैं, लेकिन इन्फेक्शन  के कारण आपके हार्ट की क्या स्थिति है और आपको किन दवाओं की जरूरत है, यह सिर्फ डॉक्टर ही बता सकते हैं। कई मामलों में डॉक्टर सर्जरी की सलाह भी दे सकते हैं। ऐसी स्थिति तब पैदा होती है, जब व्यक्ति के हार्ट में संक्रमण बढ़ चुका होता है। इसलिए सही लाइफस्टाइल और सही खानपान के साथ आप अपनी सेहत का ख्याल रख सकते हैं।

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