डॉक्टर लक्षण और मेडिकल हिस्ट्री के बारे में पूछेंगे और वे कुछ फिजिकल एग्जाम करेंगे। आपको कुछ टेस्ट कराने की जरूरत हो सकती है। जिसमें निम्न शामिल हैं।
ईकोकार्डियोग्राम (Echocardiogram)
इस टेस्ट के जरिए हार्ट के स्ट्रक्चर (Heart structure) का पता लगाने के साथ ही यह कैसे कार्य कर रहा है ये भी पता किया जा सकता है। इस टेस्ट के द्वारा ब्लड फ्लो (Blood flow) के बारे में पता कर लिया जाता है। इसमें साउंड वेव्स के जरिए हार्ट और हार्ट वाल्व की मूविंग पिक्चर ली जाती है। डॉक्टर अलग प्रकार के इकोकार्डियोग्राम का उपयोग एंडोकार्डाइटिस और बैक्टीरियल एंडोकार्डाइटिस के कारण (Causes of bacterial endocarditis) का पता करने के लिए कर सकते हैं।
कंप्लीट ब्लड काउंट (Complete blood count)
इस टेस्ट के जरिए डॉक्टर ब्लड में मौजूद सभी प्रकार की कोशिकाओं के बारे में पता लगाता है। जिसमें रेड ब्लड सेल्स (Red blood cells), व्हाइट ब्लड सेल्स (White blood cells) और प्लेटलेट्स शामिल हैं। अगर ब्लड टेस्ट में पता चलता है कि मरीज के ब्लड में बहुत सारी व्हाइट ब्लड सेल्स हैं जो यह इंफेक्शन का संकेत हो सकता है। यानी व्हाइट ब्लड सेल्स बैक्टीरियल एंडोकार्डाइटिस के कारण (Causes of bacterial endocarditis) हो सकती हैं।
ब्लड कल्चर (Blood Culture)
इस टेस्ट के जरिए डॉक्टर ब्लड में इंफेक्शन या किसी प्रकार जर्म के बारे में पता करने की कोशिश करेंगे। ब्लड कल्चर टेस्ट के रिजल्ट के आधार पर डॉक्टर एंटीबायोटिक का एंटीबायोटिक का कॉम्बिनेशन प्रदान करेंगे। इसके अलावा भी कुछ टेस्ट किए जाते हैं:
बैक्टीरियल एंडोकार्डाइटिस का इलाज कैसे किया जाता है? (Bacterial Endocarditis treatment)
बैक्टीरियल एंडोकार्डाइटिस (Bacterial Endocarditis) का इलाज बैक्टीरियल एंडोकार्डाइटिस के कारण (Causes of bacterial endocarditis) और लक्षणों पर निर्भर करता है। इसके साथ ही मरीज की उम्र और ओवरऑल हेल्थ देखकर भी डॉक्टर ट्रीटमेंट सजेस्ट करते हैं। जिसमें कार्डियोलॉजिस्ट और हार्ट सर्जन शामिल होते हैं।
एंटीबायोटिक्स का उपयोग (Antibiotics uses)
एंटीबायोटिक्स इस कंडिशन का प्रमुख इलाज है। किस प्रकार के एंटीबायोटिक का उपयोग किया जाएगा यह कई फैक्टर्स पर निर्भर करता है। जिसमें बैक्टीरिया का टाइप, मरीज का हार्ट वाल्व आर्टिफिशियल तो नहीं है जैसे कारण शामिल होते हैं। मरीज को कई हफ्तों तक एंटीबायोटिक्स का उपयोग करना पड़ सकता है। एंटीबायोटिक्स को आईवी (IV) के जरिए दिया जाता है। इसके लिए मरीज को हॉस्पिटल में एक हफ्ते तक रुकना पड़ सकता है। कुछ समय बाद एंटीबायोटिक्स को मुंह से लिया जा सकता है।