वाल्व को डॉक्टर सर्जरी की मदद से ठीक करने की कोशिश करते हैं। जिन लोगों के वल्व पूरी तरह से डैमेज हो जाते हैं, वल्व को सर्जरी की मदद से बदला जा सकता है। इन दो अलग-अलग तरहों से वैलव्युलर हार्ट डिजीज (Valvular Heart disease) का इलाज किया जाता है।
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वैलव्युलर हार्ट डिजीज (Valvular Heart disease) से होने वाली अन्य परेशानी क्या हो सकती है?

अगर वैलव्युलर हृदय रोग (HVD) हो जाए और वक्त रहते इसका इलाज शुरू ना किया जाए, तो इससे निम्नलिखित परेशानियों का खतरा बढ़ सकता है। जैसे:
- हार्ट फेल (Heart failure) होना।
- स्ट्रोक (Stroke) आना।
- खून जमना (Blood clots)।
- दिल की धड़कन (Heart beat) एब्नॉर्मल होना।
- कभी-कभी ब्यक्ति की इस बीमारी की वजह से मृत्यु भी हो सकती है।
वैलव्युलर हृदय रोग (Valvular Heart disease) का इलाज करवाना बेहद जरूरी है। इसके साथ ही अगर कुछ महत्वपूर्ण बातों पर ध्यान दिया गया, तो वैलव्युलर हार्ट डिजीज (Valvular Heart disease) के लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है। इसलिए बैलेंस और हेल्दी डायट (Healthy diet) रोजाना फॉलो करें। अगर आपका वजन जरूरत से ज्यादा बढ़ा हुआ है, तो वेट (Weight) को बैलेंस करें। वेट कंट्रोल करने के लिए नियमित रूप से एक्सरसाइज या योग करना जरूरी है। इसके अलावा स्मोकिंग (Smoking) और एल्कोहॉल (Alcohol) से दूरी बनायें रखें। दिल की इस बीमारी (Heart problem) के खतरे को कम करने के लिए 7 से 8 घंटे की नींद रोजाना लें और टेंशन फ्री रहें।
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अगर आप वैलव्युलर हार्ट डिजीज (Valvular Heart disease) से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो आप हमें कमेंट बॉक्स में लिखकर पूछ सकते हैं। हमारे हेल्थ एक्सपर्ट आपके सवालों के जवाब देने की कोशिश करेंगे। हालांकि अगर आप वैलव्युलर हार्ट डिजीज (Valvular Heart disease) से पीड़ित हैं, तो डॉक्टर से कंसल्टेशन करें, क्योंकि ऐसी स्थिति में डॉक्टर आपके हेल्थ कंडिशन को ध्यान में रखकर और वैलव्युलर हार्ट डिजीज के लक्षण को समझकर जल्द से जल्द इलाज शुरू करेंगे।
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