बायवेंट्रिकुलर हार्ट फेलियर (Biventricular Heart Failure) के निदान के बाद जरुरी है सही समय पर उपचार ताकि जटिलताओं को बढ़ने से रोका जा सके। इस स्थिति का उपचार इस तरह से किया जा सकता है।
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बायवेंट्रिकुलर हार्ट फेलियर का उपचार किस तरह से संभव है? (Treatment of Biventricular Heart Failure)
बायवेंट्रिकुलर हार्ट फेलियर (Biventricular Heart Failure) के कारण हार्ट के पंपिंग एक्शन को जो नुकसान हुआ होता है, वो हमेशा रिवर्सिबल नहीं होता। लेकिन, कुछ ट्रीटमेंट्स से रोगी न केवल जीवन की गुणवत्ता को बढ़ा सकता है बल्कि उसे लक्षणों से भी आराम मिल सकता है। इस बीमारी के उपचार का फोकस उस स्थिति का ट्रीटमेंट करना होता है, जो हार्ट फेलियर का कारण बनती है। बायवेंट्रिकुलर हार्ट फेलियर के उपचार के तरीके इस प्रकार हैं :
दवाइयां (Medications)
बायवेंट्रिकुलर हार्ट फेलियर (Biventricular Heart Failure) के लक्षणों के उपचार के लिए कई विभिन्न दवाइयां मौजूद हैं, जैसे:
एंजियोटेंसिन-कंवर्टिंग एंजाइम इन्हिबिटर्स (Angiotensin-Converting Enzyme)
यह दवाइयां आर्टरीज को रिलैक्स करती हैं और ब्लड प्रेशर को कम करती हैं। ताकि हार्ट का वर्कलोड को कम किया जा सके। यह दवाईयां हार्ट की परफॉरमेंस को भी बढ़ाती हैं और रोगी के जीवन की गुणवत्ता को भी सुधार सकती हैं।
एंजियोटेंसिन रिसेप्टर ब्लॉकर्स (Angiotensin Receptor Blockers )
एंजियोटेंसिन रिसेप्टर ब्लॉकर्स हार्ट फेलियर के लक्षणों को कम करती हैं और ब्लड प्रेशर को बढ़ाने में भी मदद कर सकती हैं। इस दवाइयों में कैंडेस्ट्रान(Candesartan), लोसार्टन (Losartan) आदि शामिल हैं।
एंजियोटेंसिन रिसेप्टर-नेप्रैलीसिन इन्हिबिटर्स (Angiotensin Receptor-Neprilysin Inhibitors)
यह दवाइयां हार्ट फेलियर के उपचार में मदद करने के लिए हार्ट पर स्ट्रेन को कम करती हैं।
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डाइयुरेटिक्स (Diuretics):
डाइयुरेटिक्स टखने में सूजन और फ्लूइड रिटेंशन को छुटकारा पाने में मदद करती हैं। यह दवाइयां हार्ट फेलियर के कारण होने वाली सांस लेने की समस्या को दूर करने में भी सहायक हैं।
एंटीकोग्युलेंट (Anticoagulants)
एंटीकोग्युलेंट खून को पतला करती है। इनके कारण ब्लड क्लॉट्स नहीं बनते हैं। जिससे स्ट्रोक से बचने में मदद मिलती है। वार्फरिन (Warfarin)सबसे सामान्य एंटीकोग्युलेंट है।
डिगॉक्सिन (Digoxin)
यह दवाई तेज हार्टबीट और असामान्य हार्ट रिदम को कम करने में सहायता कर सकती हैं। इसके साथ ही सभी हार्ट फेलियर रोगियों को बीटा ब्लॉकर्स लेने से भी लाभ होता है।
एंटीप्लेटलेट ड्रग्स (Antiplatelet Drugs)
ब्लड प्लेटलेट्स को थक्का बनने से रोकने वाली दवाएं एंटीप्लेटलेट्स कहलाती हैं। एस्पिरिन एंटीप्लेटलेट ड्रग्स का अच्छा उदाहरण है। यह तो थी दवाईयां अब जानते हैं सर्जरी के बारे में।
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सर्जरी (Surgery)
बायवेंट्रिकुलर हार्ट फेलियर (Biventricular Heart Failure) से पीड़ित सभी लोगों को दवाइयों से लाभ नहीं होता है। ऐसी स्थिति में सर्जरी की मदद भी ली जा सकती है। यह सर्जरी के तरीके इस तरह से हैं:
अगर कोई भी सर्जरी या अन्य ट्रीटमेंट काम नहीं करता है, तो हार्ट ट्रांसप्लांट को अंतिम विकल्प माना जाता है। इसमें जिस हार्ट में समस्या होती है उसे अन्य हेल्दी हार्ट के साथ बदल दिया जाता है। अब बायवेंट्रिकुलर हार्ट फेलियर (Biventricular Heart Failure) से बचाव के तरीकों के बारे में जानें।
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अब बायवेंट्रिकुलर हार्ट फेलियर से कैसे बचें? (Prevention of Biventricular Heart Failure)
अपने जीवन में कुछ खास बदलाव करने से आप बायवेंट्रिकुलर हार्ट फेलियर (Biventricular Heart Failure) के जोखिम को कम कर सकते हैं और इस समस्या को बढ़ाने से भी रोक सकते हैं। जीवनशैली में यह बदलाव इस प्रकार हैं:
- धूम्रपान को पूरी तरह से नजरअंदाज करें।
- हेल्दी डायट लें। जिसमें फल, सब्जियां, गुड क्वालिटी फैट्स, अनरिफायंड कार्बोहायड्रेट्स और साबुत अनाज आदि शामिल है।
- रोजाना व्यायाम करें और शारीरिक रूप से एक्टिव रहें।
- शरीर के वजन को सही बनाए रखें।
- एल्कोहॉल को सीमित मात्रा में लें।
- रोजाना पर्याप्त और क्वालिटी नींद लें।
- तनाव से बचें, क्योंकि मेंटल स्ट्रेस से भी दिल पर प्रभाव पड़ सकता है।
- जो लोग पहले ही हार्ट फेलियर का सामना कर चुके हैं उन्हें नियमित चेकअप कराना चाहिए।
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बायवेंट्रिकुलर हार्ट फेलियर (Biventricular Heart Failure) की समस्या का इलाज समय पर कराना जरूरी है। क्योंकि,समय के साथ यह बदतर हो सकती है। हार्ट संबंधी समस्याएं होने पर आप डॉक्टर की सलाह का पालन करें और एक लंबी व स्वस्थ जिंदगी के लिए अपनी जीवनशैली में सुधार करें। हार्ट फेलियर की स्थिति में इसके लक्षणों के बारे में जानकारी होना और उन्हें पहचानना बेहद जरूरी है। अगर आपको हार्ट फेलियर का कोई भी लक्षण नजर आता है, तो तुरंत मेडिकल हेल्प लें।