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हायपरटेंशन बन सकता है कंजेस्टिव हार्ट फेलियर की वजह, आज से ही शुरू कर दें इस पर नजर रखना!

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Manjari Khare द्वारा लिखित · अपडेटेड 21/12/2021

    हायपरटेंशन बन सकता है कंजेस्टिव हार्ट फेलियर की वजह, आज से ही शुरू कर दें इस पर नजर रखना!

    हायपरटेंशन कंजेस्टिव हार्ट फेलियर (Hypertension congestive heart failure) के कॉमन कारणों में से एक है। हार्ट फेलियर (Heart Failure) वह स्थिति है जिसमें हार्ट बॉडी को जरूरत के हिसाब से ब्लड प्रदान करने में सक्षम नहीं रहता। यह स्थिति कई सालों में धीरे-धीरे डेवलप होती है। ब्लड वेसल्स का ब्लॉक और नेरो होना हाय ब्लड प्रेशर का कारण बनता है। जिससे हार्ट फेलियर की आशंका बढ़ जाती है। हायपरटेंशन और कंजेस्टिव हार्ट फेलियर (Hypertension and congestive heart failure) का गहरा संबंध है। हायपरटेंशन से कंजेस्टिव हार्ट फेलियर की समस्या का संबंध गहरा है।आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं।

    हायपरटेंशन और कंजेस्टिव हार्ट फेलियर (Hypertension and congestive heart failure)

    हाय ब्लड प्रेशर के कारण हार्ट पर लोड बढ़ता है। आर्टरीज के संकरे होने से ब्लड को फ्लो करने में परेशानी होती है। जिससे हार्ट को ज्यादा काम करना पड़ता है। समय के साथ इस वर्क लोड के कारण हार्ट एंलार्ज हो जाता है। बढ़ी हुई मांग की पूर्ति के लिए हार्ट मोटा और बड़ा होता जाता है। यह अभी भी ब्लड को पंप करने में सक्षम होता है, लेकिन यह उतना कुशल (Efficient) नहीं रहता।

    दिल जितना बड़ा होता जाता है, शरीर की ऑक्सिजन और पोषक तत्वों की मांग को पूरा करने के लिए उतना ही कठिन काम करता है। पंपिंग पावर में आई कमी की भरपाई करने के लिए हार्ट के चैम्बर स्ट्रेच होकर अधिक ब्लड को होल्ड करते हैं। जिससे ब्लड मूव करता रहता है, लेकिन एक समय के बाद हार्ट मसल्स वीक हो सकती है और वे अच्छी तरह पंप नहीं कर पातीं। इसके परिणामस्वरूप किडनी बॉडी में फ्लूइड और सोडियम को रीटेन करने के कारण प्रतिक्रिया देती है। इससे फ्लूइड हाथ, पैर, टखनों, पैरों, फेफड़ों और अन्य अंगों में जमा हो जाता है और इसे कंजेस्टिव हार्ट फेलियर कहा जाता है। इससे आप समझ सकते हैं कि हायपरटेंशन और कंजेस्टिव हार्ट फेलियर (Hypertension and congestive heart failure) कैसे एक दूसरे से संबंधित हैं।

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    हायपरटेंशन से कंजेस्टिव हार्ट फेलियर (Congestive heart failure from hypertension) ही नहीं, हो सकती है परेशानियां भी

    हायपरटेंशन और कंजेस्टिव हार्ट फेलियर (Hypertension and congestive heart failure) कैसे एक दूसरे से संबंधित है ये तो आप समझ ही गए होंगे। बता दें कि हायपरटेंशन के कारण कंजेस्टिव हार्ट फेलियर ही नहीं वेंट्रिकुलर हायपरट्रॉफी (Ventricular hypertrophy) भी हो सकती है, जो हार्ट फेलियर का कारण बनती है। इसमें हृदय की मांसपेशियां मोटी हो जाती हैं। जिसके परिणामस्वरूप हार्ट बीट्स के बीच मसल्स रिलैक्शेसन कम होता है। इससे हृदय शरीर के अंगों को रक्त की आपूर्ति करने के लिए पर्याप्त ब्लड भरने में परेशानी महसूस करता है। खासकर एक्सरसाइज के दौरान। इससे हार्ट रेट बढ़ जाती है।

    हायपरटेंशन और कंजेस्टिव हार्ट फेलियर

    इस्केमिक हार्ट डिजीज (Ischemic Heart Disease)

    हायपरटेंशन और कंजेस्टिव हार्ट फेलियर (Hypertension and congestive heart failure) ही नहीं हाय ब्लड प्रेशर इस्केमिक हार्ट डिजीज का कारण बन सकता है। इसका मतलब होता है कि हार्ट मसल्स को पर्याप्त मात्रा में ब्लड नहीं मिल रहा है। इस्केमिक हार्ट डिजीज आमतौर पर एथेरोस्केलेरोसिस या कोरोनरी आर्टरी डिजीज के कारण होती हैं। जिससे हार्ट तक जाने वाला ब्लड फ्लो बाधित होता है। इस्केमिक हार्ट डिजीज के लक्षणों में सीने में दर्द जो हाथ, पीठ, गर्दन तक पहुंच सकता है। चेस्ट पेन के साथ जी मिचलाना, सांस लेने में कठिनाई, चक्कर आना। पल्स में अनियमिता, थकान और कमजोरी का एहसास होना है

    हार्ट फेलियर के लक्षण (Heart Failure symptoms)

    हायपरटेंशन और कंजेस्टिव हार्ट फेलियर कुछ लक्षणों को दर्शाते हैं जो निम्न हैं।

    • सांस लेने में परेशानी
    • पैर, टखने और एब्डोमेन में स्वेलिंग
    • बेड पर सीधा सोने में परेशानी
    • अनियमित धड़कन
    • थकान
    • जी मिचलाना
    • रात को पेशाब जाने की जरूरत महसूस होना

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    हायपरटेंशन क्या है? (Hypertension)

    हायपरटेंशन एक कॉमन कंडिशन है। जिसमें आर्टरीज वॉल पर ब्लड का फोर्स बहुत ज्यादा होता है। प्रेशर ज्यादा होने को ही हायपरटेंशन कहा जाता है। रक्तचाप को दो संख्याओं के रूप में लिखा जाता है। पहली (सिस्टोलिक (systolic)) संख्या रक्त वाहिकाओं में दबाव का प्रतिनिधित्व करती है जब हृदय सिकुड़ता या धड़कता है। दूसरी (डायस्टोलिक diastolic) संख्या वाहिकाओं में दबाव का प्रतिनिधित्व करती है जब हृदय धड़कन के बीच आराम करता है।

    उच्च रक्तचाप का निदान तब किया जाता है, जब इसे दो अलग-अलग दिनों में मापा जाता है, दोनों दिनों में सिस्टोलिक रक्तचाप रीडिंग 140 mmHg है और/या दोनों दिनों में डायस्टोलिक रक्तचाप रीडिंग ≥90 mmHg है। यह बड़ा हुआ ब्लड प्रेशर की हायपरटेंशन और कंजेस्टिव हार्ट फेलियर (Hypertension and congestive heart failure) का कारण बनता है।

    हायपरटेंशन और कंजेस्टिव हार्ट फेलियर का निदान कैसे किया जाता है? (Diagnosis of hypertension and congestive heart failure)

    हायपरटेंशन और कंजेस्टिव हार्ट फेलियर (Hypertension and congestive heart failure) का निदान डॉक्टर मरीज की मेडिकल हिस्ट्री, फिजिकल एग्जाम और लैब टेस्ट के जरिए करता है। जिसमें किडनी, सोडियम, पोटेशियम और ब्लड काउंट की जांच की जाती है। इसके अलावा हायपरटेंशन और कंजेस्टिव हार्ट फेलियर का पता लगाने के लिए निम्न टेस्ट कर सकता है।

    इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (Electrocardiogram)

    इस टेस्ट में हार्ट की एक्टिविटी को मॉनिटर किया जाता है। डॉक्टर आपके सीने, पैर और हाथों में पैच अटैच करेंगे। रिजल्ट स्क्रीन पर दिखाई और डॉक्टर उसके आधार पर निणर्य लेंगे।

    ईकोकार्डिग्राम (Echocardiogram)

    इस टेस्ट में अल्ट्रासाउंड के जरिए हार्ट की डिटेल्ड पिक्चर ली जाती है। जिससे हार्ट में होने वाली किसी भी प्रकार असमानता के बारे में जानकारी मिल सके।

    कोरोनरी एंजियोग्राफी (Coronary angiography)

    इसमें आर्टरीज में ब्लड फ्लो को एग्जामिन किया जाता है। इसमें एक पतली ट्यूब जिसे कैथर कहते हैं उसे हाथ में मौजूद आर्टरी के जरिए इंसर्ट किया जाता है जो हार्ट तक जाती है।

    एक्सरसाइज स्ट्रेट टेस्ट (Exercise stress test)

    इस टेस्ट में एक्सरसाइज का हार्ट पर प्रभाव को मॉनिटर किया जाता है। टेस्ट के दौरान मरीज से एक्सरसाइज बाइक पर पैडल मारने या ट्रेडमिल पर वॉक करने के लिए कहा जा सकता है।

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    न्यूक्लियर स्ट्रेस टेस्ट (Nuclear stress test)

    इस टेस्ट में हार्ट में ब्लड का फ्लो एक्जामिन किया जाता है। यह परीक्षण आमतौर पर तब किया जाता है जब आप आराम कर रहे हों और फिर एक्सरसाइज करने के बाद।

    हायपरटेंशन और कंजेस्टिव हार्ट फेलियर का इलाज कैसे किया जाता है? (hypertension and congestive heart failure Treatment)

    हायपरटेंशन और कंजेस्टिव हार्ट फेलियर

    हायपरटेंशन और कंजेस्टिव हार्ट फेलियर (Hypertension and congestive heart failure) का इलाज बीमारी की गंभीरता, मरीज की उम्र और मेडिकल हिस्ट्री पर निर्भर करता है। इलाज निम्न प्रकार किया जा सकता है।

    मेडिकेशन (Medication)

    दवाएं हार्ट डिजीज में कई प्रकार से मदद करती हैं। इनका मुख्य उद्देश्य ब्लड क्लॉटिंग को रोकना, ब्लड फ्लो में सुधार और कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कम करना है। हार्ट डिजीज के इलाज में निम्न दवाओं का उपयोग किया जाता है।

    किसी भी दवा का उपयोग डॉक्टर की सलाह के बिना ना करें। अगर दवा प्रिस्क्राइब की गई है तो उसे जैसा बताया गया है वैसे ही लें।

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    सर्जरी (Surgery)

    सीवियर केसेज में सर्जरी का सहारा लिया जाता है। कुछ मामलों में डॉक्टर पेसमेकर को भी सीने में लगाते हैं। कोरोनरी आर्टरी बाइपास ग्राफ्ट सर्जरी (Coronary artery bypass graft surgery) का उपयोग ब्लॉक आर्टरीज के इलाज में किया जाता है। कुछ केसेज में हार्ट ट्रांसप्लांट की भी जरूरत पड़ सकती है।

    हायपरटेंशन और हार्ट फेलियर से बचाव कैसे संभव है? (Heart Failure and Hypertension Prevention)

    हायपरटेंशन और हार्ट फेलियर से बचाव के लिए डॉक्टर हाय ब्लड प्रेशर का इलाज करेगा। इसमें दवाओं के साथ ही लाइफस्टाइल में बदलावों को रिकमंड किया जाएगा। जीवनशैली में ये बदलाव करके आप हायपरटेंशन और हार्ट फेलियर से बचाव कर सकते हैं।

    डायट (Diet)

    अगर आप हायपरटेंशन और कंजेस्टिव हार्ट फेलियर से ग्रसित है तो आपको सोडियम का डेली इंटेक कम करना होगा। इसके साथ ही ऐसे फूड्स खाने होंगे जिनमें फाइबर और पोटेशियम का लेवल ज्यादा हो। इसके साथ ही वजन अधिक होने पर डेली कैलोरीज का इंटेक भी कम करना होगा। रिफाइंड शुगर, ट्रांस फैट्स और कोलेस्ट्रॉल युक्त फूड्स का सेवन कम से कम करें।

    वेट को मॉनिटर करें (Monitor your weight)

    इसके लिए डॉक्टर की सलाह के अनुसार फिजिकल एक्टिविटीज को बढ़ाएं। इसमें एक्सरसाइज, वॉकिंग जॉगिंग आदि को शामिल करें। एक्टिविटीज के दौरान रेस्ट भी करते रहें।

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    रेगुलर मेडिकल चेकअप (Regular Medical checkup)

    हायपरटेंशन और कंजेस्टिव हार्ट फेलियर (Hypertension and congestive heart failure) से बचने के लिए रेगुलर चेकअप जरूरी है। ताकि डॉक्टर यह पता कर सके कि आप हेल्दी है और हार्ट डिजीज की स्थिति बिगड़ तो नहीं रही है। इसके साथ ही इन बातों का भी ध्यान रखें:

    उम्मीद करते हैं कि आपको हायपरटेंशन और कंजेस्टिव हार्ट फेलियर (Hypertension and congestive heart failure) से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।

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