इस टेस्ट में रोगी की त्वचा पर पैड से जुड़े तार (इलेक्ट्रोड) रोगी के हार्ट से इलेक्ट्रिकल इम्पल्सिस को मापते हैं। इस टेस्ट से हार्ट डिजीज (Heart Disease), एब्नार्मल हार्ट रिदम (Abnormal Heart Rythm) और दिल के एंलार्जड चैम्बर्स (Heart Enlarged Chambers) को भी डिटेक्ट किया जा सकता है।
चेस्ट एक्स-रे (Chest X-Ray)
चेस्ट एक्स-रे से डॉक्टर को इस बारे में जानने में मदद मिलती है कि हार्ट एंलार्जड है या नहीं जिससे हार्ट वॉल्व डिस्प्लेसिया (Heart Valve Dysplasia) के बारे में जाना जा सकता है। इस एक्स-रे से डॉक्टर को रोगी के फेफड़ों की स्थिति का भी पता चल सकता है।
और पढ़ें : लेफ्ट साइड हार्ट फेलियर के क्या होते हैं लक्षण और किन समस्याओं का करना पड़ता है सामना?
कार्डियक मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग (Magnetic resonance imaging )
इस टेस्ट में मैग्नेटिक फ़ील्ड्स और रेडियो वेव्स का प्रयोग किया जाता है ताकि हार्ट की डिटेल्ड इमेज बनाई जा सके। यह टेस्ट हार्ट स्थिति की गंभीरता को जांचने के लिए किए जाते हैं।
एक्सरसाइज टेस्ट या स्ट्रेस टेस्ट (Exercise Test or Stress Stress)
फिजिकल एक्सेरशन के बाद हमारा हार्ट किस तरह से काम करता है, इस चीज को जांचने के लिए विभिन्न एक्सरसाइज टेस्ट किए जाते हैं।
कार्डियक कैथेटेराइजेशन (Cardiac Catheterization)
इस टेस्ट का प्रयोग हर बार हार्ट वॉल्व डिजीज के निदान के लिए नहीं किया जाता है। लेकिन इसे तब किया जाता सकता है, जब अन्य टेस्ट स्थिति का निदान करने में सक्षम न हों या उनसे स्थिति की गंभीरता का पता न चल रहा हो। हार्ट वॉल्व डिस्प्लेसिया (Heart Valve Dysplasia) का उपचार इस तरह से संभव है।
और पढ़ें : हार्ट इन्फेक्शन में एंटीबायोटिक आईवी : इस्तेमाल करने से पहले जान लें ये बातें!
हार्ट वॉल्व डिस्प्लेसिया का उपचार कैसे किया जाता है? (Treatment of Heart Valve Dysplasia)
हार्ट वॉल्व डिस्प्लेसिया (Heart Valve Dysplasia) का उपचार स्थिति की गंभीरता पर निर्भर करता है। अगर आपको हार्ट या हार्ट वॉल्व संबंधी किसी भी समस्या के लक्षणों का अनुभवव होता है, तो डॉक्टर आपको नियमित चेकअप की सलाह देंगे। इसके साथ ही आपको लक्षणों के उपचार के लिए दवाइयां और अपने लाइफस्टाइल में बदलाव करने के लिए भी कहा जा सकता है। अगर हार्ट वॉल्व डिस्प्लेसिया (Heart Valve Dysplasia) में हार्ट वॉल्व को अधिक नुकसान हुआ हो, तो उसे रिपेयर या रिप्लेस करने के लिए सर्जरी भी की जा सकती है। इसकी सलाह डॉक्टर तब भी दे सकते हैं अगर मरीज को कोई भी लक्षण न हो, ताकि जटिलताओं से बचा जा सके। हार्ट वॉल्व सर्जरी को छाती में एक कट के माध्यम से किया जाता है। हार्ट वॉल्व सर्जरी के लिए डॉक्टर कुछ प्रोसीजर का प्रयोग कर सकते हैं, यह प्रोसीजर इस प्रकार हैं
- हार्ट वॉल्व रिपेयर (Heart valve repair)
- हार्ट वॉल्व रिप्लेसमेंट (Heart valve replacement)
हार्ट वॉल्व रिप्लेसमेंट तब की जाती है जब वॉल्व की रिपेयर संभव न हो। इस प्रक्रिया में डॉक्टर डैमेज्ड वॉल्व को रिमूव कर देते हैं और इसे मैकेनिकल वॉल्व या जानवरों और मनुष्य के हार्ट टिश्यू से बने वॉल्व से इसे रिप्लेस कर दिया जाता है। इन उपचारों के साथ ही रोगी को जीवनशैली में बदलाव करने के लिए भी कहा जाता है।
Quiz : कितना जानते हैं अपने दिल के बारे में? क्विज खेलें और जानें
और पढ़ें : कंजेस्टिव हार्ट फेलियर ट्रीटमेंट के लिए अपनाए जाते हैं यह तरीके
इस समस्या में जीवनशैली में क्या बदलाव करने चाहिए?
हार्ट वॉल्व डिस्प्लेसिया (Heart Valve Dysplasia) के उपचारों में डॉक्टर इस स्थिति को नियमित रूप से मॉनिटर करेंगे। इसके साथ ही डॉक्टर रोगी को जीवनशैली में बदलाव के लिए भी कहा जाता है। यह बदलाव इस तरह से हैं:
- ऐसे आहार का सेवन करें जो दिल के लिए हेल्दी हो। जैसे अधिक से अधिक फल और सब्जियां, लौ फैट या फैट फ्री डेयरी प्रोडक्ट, साबुत अनाज आदि। सैचुरेटेड फैट या ट्रांस फैट के साथ ही अधिक चीनी या नमक का सेवन करने से भी बचें।
- अपने वजन को सही रखें। अगर आप मोटापे से पीड़ित हैं तो वजन कम करने के उपाय करें। इसके लिए डॉक्टर और डायटिशन की सलाह भी ली जा सकती है।
- नियमित व्यायाम करें। दिन में कुछ समय इसके लिए अवश्य निकालें।
- तनाव से बचें। क्योंकि, तनाव कई शारीरिक और मानसिक समस्याओं का कारण बन सकता है। इसके लिए आप मैडिटेशन और योग का सहारा भी ले सकते हैं।
- तंबाकू से बचें। अगर आपको धूम्रपान करते हैं, तो इसे छोड़ दें। इसमें भी डॉक्टर आपको मदद कर सकते हैं। शराब का सेवन करना भी छोड़ दें तो यह भी आपके स्वास्थ्य के लिए बेहतर है।
- अगर किसी महिला को हार्ट वॉल्व से संबंधित कोई समस्या है, तो वो प्रेग्नेंट होने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह लें। क्योंकि आपको डॉक्टर आपको इस स्थिति में कई दवाइयों और अन्य टेस्ट्स या उपचार आदि की सलाह दे सकते हैं।
यह तो थी हार्ट वॉल्व डिस्प्लेसिया (Heart Valve Dysplasia) से जुड़ी पूरी जानकारी। हार्ट या हार्ट वॉल्व से जुड़ी किसी भी समस्या के लक्षणों के बारे में आपको पूरी जानकारी होनी चाहिए। ताकि आप समय पर इनका निदान कर सकें। सही समय पर निदान और उपचार से जटिलताओं से बचा जा सकता है। इसके साथ ही अपनी जीवनशैली को सही और हेल्दी रखना भी जरूरी है। अगर आपके मन में इस समस्या से संबंधित कोई भी सवाल है तो अपने डॉक्टर से इस बारे में बात करें।