सबकैप्सुलर ऑर्किेऐकटमी (Subcapsular Orchiectomy)
सबकैप्सुलर ऑर्किेऐकटमी टेस्टिस स्पेरिंग प्रोसीजर है, जिसमें टेस्टिकल्स के आसपास के टिश्यूज को ही रिमूव किया जाता है।
रेडिकल इनगुइनल ऑर्किेऐकटमी (Radical Inguinal Orchiectomy)
रेडिकल इनगुइनल ऑर्किेऐकटमी की सलाह टेस्टिकुलर कैंसर के उपचार में दी जाती है। इस प्रोसीजर के दौरान सर्जन टेस्टिकल को स्पेर्मेटिक कॉर्ड और ट्यूमर को पेट के नीचे एक स्माल चीरे को लगाकर रिमूव कर सकते हैं। डॉक्टर इस प्रक्रिया का प्रयोग टेस्टिकुलर कैंसर के निदान के लिए भी कर सकते हैं। अब जानते हैं कि किन स्थितियों में यह सर्जरी की जाती है?
ऑर्किेऐकटमी सर्जरी क्यों की जाती है?
इस सर्जरी का प्रयोग आमतौर पर टेस्टिकुलर कैंसर के उपचार के लिए किया जाता है। लेकिन, अगर इंफेक्शन या चोट के कारण टेस्टिकल में कोई नुकसान हुआ हो, तो भी यह सर्जरी काम आ सकती है। कई बार यह प्रोस्टेट कैंसर ट्रीटमेंट का हिस्सा भी हो सकता है। अगर डॉक्टर को टेस्टिकुलर कैंसर का संदेह होता है, तो वो पहले नॉन कैंसर के कारणों को जांचने के लिए अल्ट्रासाउंड की सलाह दे सकते हैं। टेस्टिकुलर कैंसर के निदान में मदद करने के लिए ब्लड टेस्ट भी कराया जा सकता है। टेस्टिकुलर के लिए बायोप्सी करने की जगह डॉक्टर हमेशा रेडिकल इनगुइनल ऑर्किेऐकटमी (Radical Inguinal Orchiectomy) की सलाह देते हैं क्योंकि बायोप्सी के कारण कैंसर के फैलने की संभावना बढ़ सकती है।
सामान्य ऑर्किेऐकटमी (Orchiectomy) में डॉक्टर एक या दोनों टेस्टिकल्स को रिमूव कर देते हैं। इस सर्जरी से लक्षणों से आराम मिलता है, प्रोस्टेट कैंसर की समस्याओं से छुटकारा मिलता है और मेल ब्रेस्ट कैंसर का उपचार भी हो सकता है। अब जानते हैं इस सर्जरी से पहले की तैयारी के बारे में।
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