पेट में ब्लड क्लॉटिंग (Stomach)
गंभीर पेट दर्द और सूजन या फूड पॉइजनिंग जैसे मामलों में मरीज को ब्लड क्लॉटिंग की समस्या हो सकती है। जिसमें कई सामान्य लक्षण नजर आ सकते हैं। जिसमें पेट में दर्द (Stomach Pain), उल्टी (Vomiting), चक्कर आना (Dizziness) और दस्त (Diarrhea) जैसे लक्षण शामिल हो सकते हैं। गभीर मामलों में तो शरीर का रंग भी बदलने लगता है।
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मस्तिष्क में ब्लड क्लॉटिंग (Brain)
मस्तिष्क में जमे रक्त के थक्के को स्ट्रोक के रूप में जाना जाता है। स्ट्रोक का अटैक पड़ने से पहले शरीर में कई लक्षण नजर आने लगते हैं, जैसे कि सांस लेने में तकलीफ (Breathing Problem), सिर दर्द होना, चक्कर, उल्टी (Vomiting) और अन्य कई लक्षण।
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ब्लड क्लॉटिंग को रोकने के लिए आयुर्वेदिक उपाय
ब्लड क्लॉट और कैंसर से बचाव के लिए आप कुछ घरेलू आयुर्वेदिक उपायों को भी अपना सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:
- हल्दी में मौजूद एक्टिव कंपाउंड (Active compound) करक्यूमिन के रूप में जाना जाता है, जो थक्कों को रोकने के लिए ब्लड प्लेटलेट्स (Blood platelets) पर काम करता है। औषधीय गुणों से भरपूर हल्दी क्लॉटिंग के कारण (Turmeric Causes of Clotting) बनने वाले दर्द को ठीक करने में भी मददगार है। हल्दी में कई जैव-सक्रिय गुण पाए जाते हैं।
- अदरक को आयुर्वेद में रामबाण माना जाता है, जो रक्त के थक्के को रोक सकता है। इसमें सैलिसिलेट (Salicylates) नामक एक प्राकृतिक एसिड होता है। एस्पिरिन (Aspirin) सैलिसिलेट का सिंथेटिक व्युत्पन्नरक्त पतला करने में मदद करता है। अदरक का सेवन रोज करें।