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वेसोडायलेटर : यह दवाएं हेल्पफुल हैं, दिल से जुड़ी बीमारियों को मैनेज करने में!

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


AnuSharma द्वारा लिखित · अपडेटेड 18/02/2022

    वेसोडायलेटर : यह दवाएं हेल्पफुल हैं, दिल से जुड़ी बीमारियों को मैनेज करने में!

    वेसोडायलेटर (Vasodilator) उन एजेंट्स को कहा जाता है, जो ब्लड वेसल डायलेटर (Blood Vessel Dilators) के रूप में काम करते हैं और मस्कुलर वॉल्स को रिलेक्स कर के ब्लड वेसल्स को ओपन करते हैं। नाइट्रोग्लिसेरिन (Nitroglycerin) और एंजियोटेंसिन कंवर्टिंग एंजाइम इन्हीबिटर (Angiotensin Converting Enzyme Inhibitor) वेसोडायलेटर के प्रकार हैं। आज हम इन्हीं के बारे में बात करने वाले हैं और जानने वाले हैं कि इनका प्रयोग कैसे किया जाता है? जानिए इनके बारे में विस्तार से।

    वेसोडायलेटर क्या है? (Vasodilator)

    वेसोडायलेटर (Vasodilator) उन दवाइयों को कहा जाता है, जो ब्लड वेसल्स को ओपन करती हैं। यह आर्टरीज और नसों की वॉल्स में मौजूद मसल्स को प्रभावित करती है और मसल्स को टाइट होने से रोकती है। यही नहीं, यह वॉल्स को भी तंग होने से भी बचाती है। इसके परिणामस्वरूप ब्लड आराम से वेसल्स के माध्यम से फ्लो कर पाता है। इससे हार्ट को पंप करने में समस्या नहीं होती है और ब्लड प्रेशर कम होता है। कुछ दवाइयों को हायपरटेंशन के उपचार के लिए प्रयोग किया जाता है जैसे कैल्शियम चैनल ब्लॉकर्स (Calcium Channel Blockers), जो कैल्शियम को ब्लड वेसल वॉल्स (Blood Vessel Walls) में एंटर करने से रोकती हैं और ब्लड वेसल को भी डायलेट करती हैं।

    वेसोडायलेटर दवाइयां वसोडिलेशन ( Vasodilation) का कारण बनती है, जो ब्लड वेसल के खुलने को कहा जाता है। वासोडिलेशन का उल्टा होता है वासोकॉन्सट्रिक्शन (Vasoconstriction)। आइए, जानते हैं वेसोडायलेटर (Vasodilator)  के प्रकारों के बारे में।

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    ब्लड वेसल डायलेट करने की जरूरत क्यों होती है?

    ब्लड वेसल खून को कैरी करता है। यह शरीर को ब्लड प्रेशर और ऑर्गन तक ब्लड फ्लो को रेगुलेट करने में भी मदद करता है। जब ब्लड वेसल को ओपन या डायलेट किया जाता है, तो इससे अधिक ब्लड फ्लो होने में मदद मिलता है। आर्टरीज का चौड़ा होना ब्लड प्रेशर को कम करता है क्योंकि धमनियों के फैलाव से हार्ट के लिए शरीर के बाकी हिस्सों में रक्त पंप (Blood Pump) करना आसान हो जाता है। जब आर्टरीज ओपन होती है, तो यह हार्ट तक ब्लड फ्लो (Blood Flow) और ऑक्सीजन की सप्लाई को बढ़ाती हैं। जब नसें ओपन होती है, तो यह हार्ट चैम्बर्स में रिटर्न्ड रक्त की मात्रा को कम करता है। इसलिए ब्लड वेसल का डायलेट होना जरूरी है। अब जानिए वेसोडायलेटर (Vasodilator) का प्रयोग क्यों किया जाता है?

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    वेसोडायलेटर का प्रयोग क्यों किया जाता है? (Uses of Vasodilator)

    नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन (National Center for Biotechnology Information) के अनुसार वेसोडायलेटर (Vasodilator) का प्रयोग कई स्थितियों के उपचार में किया जाता है, जिनमें ब्लड प्रेशर (Blood Pressure), हार्ट फेलियर (Heart failure), मेयोकार्डियल इंफ्राकशन (Myocardial infarction) शामिल है। यह दवाइयां टेबलेट्स, कैप्सूल्स और इंजेक्शन के रूप में बाजार में उपलब्ध हैं। डॉक्टर वेसोडायलेटर की सलाह कई स्थितियों के लक्षणों का उपचार करने या सुधारने करने के लिए देते हैं। यह स्थितियां इस प्रकार हैं:

    • हाई ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure)
    • गर्भावस्था या शिशु के जन्म के बाद हाई ब्लड प्रेशर जिसे प्रीएक्लैम्पसिया या क्लेमप्सिया कहा जाता है  (Preeclampsia or Eclampsia)
    • हार्ट फेलियर (Heart failure)
    • हाय ब्लड प्रेशर जो फेफड़ों की आर्टरीज को प्रभावित करता है जिसे पल्मोनरी हाइपरटेंशन कहा जाता (Pulmonary Hypertension)

    इसके अलावा कुछ अन्य स्थितियों में भी इन दवाइयों की सलाह दी जा सकती है। जानिए, किन दवाइयों को वेसोडायलेटर (Vasodilator) कहा जाता है?

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    वेसोडायलेटर कौन- कौन से हैं? (Types of Vasodilators)

    बाजार में कई प्रकार की वेसोडायलेटर उपलब्ध हैं। इनके अपने लाभ और दुष्प्रभाव हो सकते हैं। इन दवाइयों का सेवन कभी भी अपनी मर्जी से नहीं करना चाहिए। इन्हें लेने से पहले डॉक्टर की सलाह अनिवार्य है। जानिए, कुछ वेसोडायलेटर (Vasodilator) के बारे में।

    लोटेंसिन (Lotensin)

    लोटेंसिन (Lotensin) का जेनेरिक नाम बेनाजेप्रिल (Benazepril) है। यह एक एंजियोटेंसिन कंवर्टिंग एंजाइम इन्हीबिटर (Angiotensin Converting Enzyme Inhibitor)  है, जिसका प्रयोग हाय ब्लड प्रेशर के उपचार में किया जाता है ताकि हार्ट अटैक (Heart Attack) या स्ट्रोक (Stroke) के जोखिम को कम किया जा सके। डॉक्टर की सलाह के बाद ही इस दवा को लेना चाहिए। क्योंकि इनके प्रयोग से कई साइड इफेक्ट हो सकते हैं जैसे एलर्जिक रिएक्शन (Allergic Reaction) या स्किन रिएक्शन (Skin Reaction)। अपनी मर्जी से लेना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।

    कैपोटेन (Capoten )

    कैपोटेन का जेनेरिक नाम कैप्टोप्रिल (Captopril ) है। यह भी एक एंजियोटेंसिन कंवर्टिंग इन्हीबिटर (Angiotensin Converting Enzyme Inhibitor) है। इस दवा का प्रयोग हाय ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure) कंजेस्टिव हार्ट फेलियर (Congestive Heart Failure), डायबिटीज के कारण होने वाली किडनी प्रॉब्लम के उपचार के लिए किया जाता है। यही नहीं हार्ट, अटैक के बाद रोगी को इस दवा को दिया जा सकता है, ताकि रोगी के लक्षणों में सुधार हो। इसके अलावा अन्य स्थितियों में भी इनका प्रयोग किया जाता है। अगर आपको किडनी (Kidney) ,डायबिटीज (Diabetes), लिवर संबंधी कोई भी समस्या हो, तो डॉक्टर की सलाह के बिना इनका सेवन कभी न करें। गर्भावस्था या ब्रेस्टफीडिंग की स्थिति में भी इन्हें नहीं लेना चाहिए। इसके कुछ अन्य साइड इफ़ेक्ट भी हो सकते हैं जैसे गंभीर पेट में दर्द, सांस लेने में समस्या आदि।

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    मोनोप्रिल (Monopril)

    मोनोप्रिल को इसके जेनरिक नाम फोसिनोप्रिल (Fosinopril) से भी जाना जाता है। यह भी एक वेसोडायलेटर (Vasodilator) है, जिसका प्रयोग हायपरटेंशन के उपचार या हार्ट फेलियर की स्थिति में किया जाता है।  इसके साथ ही अन्य समस्याओं के उपचार में भी इनका प्रयोग किया जाता है। बिना डॉक्टर की सलाह के इनका सेवन न करें अन्यथा कई अन्य समस्याएं हो सकती हैं।  इसके साइड इफेक्ट्स में मुंह, होंठ जीभ और गले में सूजन और सांस लेने में समस्या आदि शामिल है

    ज़ेस्ट्रिल (Zestril)

    जेस्ट्रिल का जेनरिक नाम है लिसिनोप्रिल (Lisinopril ) है। यह भी एक ACE इन्हीबिटर (ACE Inhibitor) है। इसका प्रयोग वयस्कों और बच्चों (6 साल से अधिक उम्र के) में  हाय ब्लड प्रेशर के उपचार के लिए किया जाता है। इसके साथ ही कंजेस्टिव हार्ट फेलियर की स्थिति में भी इनका प्रयोग किया जाता है। अगर आप गर्भवती हैं या स्तनपान करा रही हैं, तो इस दवा का सेवन करने की सलाह नहीं दी जाती है यही नहीं, इससे कुछ अन्य साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं। ऐसे में इनका सेवन तभी करें अगर डॉक्टर द्वारा इनको लेने की राय दी गई हो।

    आइसोड्रिल (Isordil)

    आइसोड्रिल (Isordil) का जेनेरिक नाम है, आइसोसोरबाइड डायनाइट्रेट (isosorbide dinitrate)। इसका प्रयोग कोरोनरी आर्टरी डिजीज के कारण होने वाली समस्याओं जैसे एंजाइना पेक्टरिस (Angina Pectoris) के उपचार के लिए किया जाता है। यह दवाई बिना डॉक्टर की प्रिस्क्रिप्शन के लेने की सलाह नहीं दी जाती है। इसके कारण कुछ एलर्जिक रिएक्शन या अन्य साइड इफ़ेक्ट हो सकते हैं। इसके अलावा गर्भावस्था में भी इनको लेने की सलाह नहीं दी जाती है।

    कार्डिजेम (Cardizem)

    कार्डिजेम (Cardizem) को इसमें जेनेरिक नाम डिल्टायाजेम (diltiazem) के नाम से भी जाना जाता है। यह कैल्शियम चैनल ब्लॉकर (Calcium Channel Blocker) है। यह हार्ट और ब्लड वेसल्स के मसल्स को रिलैक्स करता है। इन दवाइयों का प्रयोग हायपरटेंशन के उपचार के लिए किया जाता है। इन्हें अकेले या अन्य हाय ब्लड प्रेशर की दवाइयों के साथ कम्बाइन कर के दिया जा सकता है। अगर किसी का ब्लड प्रेशर लो रहता है तो उसे यह दवाई नहीं दी जाती है। इस दवाई को लेने से कुछ गंभीर साइड-इफेक्ट भी हो सकते हैं। इसलिए इनका सेवन कभी भी अपनी मर्जी से नहीं करना चाहिए। इन्हें तभी लें तब डॉक्टर इन्हें लेने के लिए कहें। अब जानते हैं वेसोडायलेटर के साइड-इफेक्ट्स के बारे में।

    नोट: इन सभी दवाओं का सेवन डॉक्टर द्वारा प्रिस्क्राइब करने के बाद ही करें। 

    वेसोडायलेटर के साइड-इफेक्ट्स क्या हैं? (Side effects of Vasodilator)

    डायरेक्ट वेसोडायलेटर(Vasodilator) वो स्ट्रांग दवाएं हैं, जिनका आम तौर पर केवल तभी उपयोग किया जाता है जब अन्य दवाओं ने रोगी के ब्लड प्रेशर को पर्याप्त रूप से नियंत्रित नहीं किया जा पा रहा हो।  इन दवाइयों के कई साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं।  यह साइड इफेक्ट इस प्रकार हैं :

    • दिल की धड़कन तेज होना जिसे टैकीकार्डिया कहा जाता है (Tachycardia)
    • हार्ट पैल्पिटेशन (Heart palpitations)
    • फ्लूइड रिटेंशन इसे सूजन कहा जाता है (Edema)
    • जी मचलना (Nausea)
    • उल्टी (Vomiting)
    • सिरदर्द (Headache)
    • अधिक बालों का बढ़ना (Excessive Hair Growth)
    • जोड़ों का बढ़ना (Joint Pain)
    • छाती में दर्द (Chest Pain)

    अगर आप इन दवाइयों के साइड-इफेक्ट्स को लेकर चिंतित हैं, तो अपने डॉक्टर की सलाह लें। वेसोडायलेटर (Vasodilator) को लेने के लिए कुछ सावधानियां अवश्य बरतनी चाहिए। जानिए क्या हैं, इससे जुडी सावधानियां?

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    वेसोडायलेटर से जुड़ी  सावधानियां कौन सी हैं? (Vasodilator Precautions)

    वेसोडायलेटर (Vasodilator) एक ऐसी दवा है, जिसे बिना डॉक्टर की सलाह के नहीं लेना चाहिए। इसके साथ ही इन्हें लेने से पहले इन चीजों का ध्यान रखना जरूरी है:

    • अगर आपको कोई अन्य बीमारी है, तो वेसोडायलेटर (Vasodilator) को लेने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।
    • इस बात का ध्यान रखें कि वासोडिलेटर (Vasodilator) हाय ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure) को कंट्रोल करने में मदद कर सकती है, लेकिन यह दवाइयां स्थिति का उपचार नहीं करती।
    • अगर कोई व्यक्ति वेसोडायलेटर का सेवन कर रहा है, तो डॉक्टर उसे खास डायट को फॉलो करने के लिए कह सकते हैं।  ऐसे में इंस्ट्रक्शंस का ध्यान से पालन करें।
    • वेसोडायलेटर(Vasodilator) के सेवन के कारण चक्कर आ सकते हैं। जब तक आप यह न जान लें कि ये दवाएं आपको कैसे प्रभावित करती हैं, तब तक वाहन न चलाएं और न ही सतर्कता की आवश्यकता वाली गतिविधियां करें।
    • अगर आप किसी भीमेडिकल प्रोसीजर (जैसे डेंटल प्रोसीजर) से पहले इस दवा को ले रहे हैं, तो अपने डॉक्टर को अवश्य बताएं।
    • इस दवा को लेने से आपके शरीर पर क्या प्रभाव पड़ रहा है, यह जानने के लिए डॉक्टर आपको कुछ टेस्ट कराने के लिए भी कह सकते हैं।
    • इस दवा को शुरू करने से पहले डॉक्टर को उन सभी दवाइयों, हर्बल या न्यूट्रिशनल सप्लीमेंट्स (Herbal and Nutritional Supplements) के बारे में अवश्य बताएं जिन्हें आप ले रहे हैं। अब जानते हैं कि इन दवाइयों का अन्य चीजों के साथ क्या प्रभाव पड़ता है?

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    वेसोडायलेटर और एल्कोहॉल (Vasodilators and Alcohol)

    एल्कोहॉल के साथ इस दवा को लेने से शरीर में  इस दवा के प्रभाव पर असर हो सकता है। इसलिए अगर आप इस दवा को ले रहे हैं तो  एल्कोहॉल के सेवन को नजरअंदाज करें।

    वेसोडायलेटर और प्रेग्नेंसी (Vasodilators and Pregnancy)

    अगर आप गर्भवती हैं, तो इस दवा को लेने से पहले डॉक्टर को अवश्य बताएं। क्योंकि, यह दवा गर्भ में शिशु के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती हैं। गर्भावस्था में इस दवा के रिस्क और बेनिफिट्स के बारे में जानने के लिए अपने डॉक्टर की सलाह लें। अगर आप शिशु को स्तनपान करा रही हैं, तो भी इस दवा को लेने से पहले डॉक्टर को अवश्य बताएं।

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    एक बात अच्छे से समझना जरूरी है कि हर वेसोडायलेटर(Vasodilator) के प्रयोग कर तरीका और लाभ अलग होते हैं। कई बार डॉक्टर किसी रोगी के लिए इन्हें प्राथमिकता देते हैं और वो इन दवाइयों को रोगी को देने का निर्णय वो रोगी की स्थिति आदि के अनुसार ले सकते हैं। डॉक्टर रोगी की मेडिकल कंडीशन के बाद ही यह बता सकते हैं कि रोगी के लिए वेसोडायलेटर (Vasodilator) सही रहेगी या अन्य दवाइयां। आप भी अपने डॉक्टर या स्पेशलिस्ट से पूछे बिना इस दवा का सेवन न करें। हम बिना डॉक्टर की सलाह के इन दवाइयों को लेने की सिफारिश नई करते हैं।

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