सही समय पर इस समस्या का निदान होना जरूरी है ताकि सही उपचार हो सके। रोगी में इस समस्या के उपचार के लिए डॉक्टर इन तरीकों को अपना सकते हैं।
हायपरट्रॉफिक कार्डियोमायोपैथी का उपचार किस तरह से किया जाता है? (Treatment of Hypertrophic Cardiomyopathy)
अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन (American Heart Association) के अनुसार हायपरट्रॉफिक कार्डियोमायोपैथी (Hypertrophic Cardiomyopathy) को पैंतीस साल की उम्र से कम खिलाडियों या युवा लोगों में अचानक कार्डिएक अटैक (Cardiac Attack) या मृत्यु का सबसे सामान्य कारण माना गया है। हायपरट्रॉफिक कार्डियोमायोपैथी के उपचार का उद्देश्य लक्षणों से छुटकारा पाना और जिन लोगों को यह समस्या होने का रिस्क अधिक है, उनमें इसके जोखिम को कम करना शामिल है। रोगी को इस समस्या के उपचार के लिए अपने डॉक्टर से पूरी जानकारी प्राप्त करनी चाहिए। इस बीमारी के उपचार के तरीके इस प्रकार हैं:
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दवाइयां (Medications)
दवाइयां हार्ट मसल्स के सिकुड़ने की क्षमता को और हार्ट रेट को भी कम कर सकती हैं, ताकि रोगी का दिल अच्छे से पंप कर सके। इसके लक्षणों को दूर करने और इस समस्या के उपचार के लिए प्रयोग होने वाली दवाइयां इस प्रकार हैं:
- बीटा ब्लॉकर्स (Beta Blockers) : इस समस्या के उपचार के लिए बीटा ब्लॉकर्स जैसे मेटोप्रोलोल (Metoprolol) , प्रॉप्रैनोलॉल (Propranolol) या ऐटिनोलोल (Atenolol) का प्रयोग किया जाता है।
- कैल्शियम चैनल ब्लॉकर्स (Calcium Channel Blockers) : यह दवाइयां जैसे वेरापामिल (Verapamil) या डलटायज्म (Diltiazem) भी रोगी को दी जा सकती हैं।
- हार्ट रिदम ड्रग्स (Heart Rhythm Drugs) : जैसे अमिओडैरोन (Amiodarone) या डिसोपायरामाइड (Disopyramide) का प्रयोग भी किया जा सकता है।
- ब्लड थिनर्स (Blood Thinners) : रोगी को ब्लड थिनर्स जैसे वार्फरिन (Warfarin), डेबिगाट्रैन (Dabigatran), रिवारओक्सबन (Rivaroxaban) या ऐपिक्साबन (Apixaban) आदि भी दिए जा सकते हैं। खासतौर पर अगर रोगी को एट्रियल फायब्रिलेशन (Atrial Fibrillation) की समस्या है तो ब्लड क्लॉट्स को बनने से रोकने के लिए इन दवाईयों को देना जरूरी है।

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सर्जरी और अन्य तरीके (Surgery and Other Procedure)
हायपरट्रॉफिक कार्डियोमायोपैथी (Hypertrophic Cardiomyopathy) के उपचार के लिए विभिन सर्जरीज और तरीके उपलब्ध हैं। इसमें ओपन हार्ट सर्जरी से लेकर डिवाइस की इम्प्लांटेशन तक शामिल हैं ताकि हार्ट रिदम को कंट्रोल किया जा सके।
सेप्टल मायोमेक्टमी (Septal Myectomy)
इस ओपन सर्जरी की सलाह तब दी जाती है, जब दवाईयों से किसी रोगी के लक्षणों में सुधार नहीं होता है। इसमें हार्ट चैम्बर्स (Heart Chambers) के बीच की वॉल के अधिक बढे हुए या थिक हिस्से को रिमूव करना शामिल है। सेप्टल मायोमेक्टमी हार्ट में से ब्लड फ्लो को सुधरने में भी मददगार साबित हो सकती है। यह सर्जरी कई तरीकों से की जाती है, यह हार्ट मसल की लोकेशन की थिकनेस पर निर्भर करता है।
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सेप्टल एबलेशन (Septal Ablation)
इस प्रक्रिया में हार्ट मसल्स की थिकनेस को एल्कोहॉल से नष्ट किया जाता है। इस अल्कोहल को लंबी और पतली ट्यूब के माध्यम से आर्टरी में इंजेक्ट किया जाता है।
इम्प्लांटेबल कार्डियोवेर्टर डीफिब्रिलेटर (Implantable Cardioverter-Defibrillator)
यह एक छोटा डिवाइस होता है जो लगातार रोगी की हार्टबीट को मॉनिटर करता है। इसे छाती में पेसमेकर (Pacemaker) की तरह लगाया जाता है। अगर जानलेवा एरिथमिया (Arrhythmia) होता है, तो यह डिवाइस नार्मल हार्ट रिदम (Heart Rythem) को रीस्टोर करने के लिए इलेक्ट्रिक शॉक देता है।
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जीवनशैली में बदलाव (Lifestyle Change)
हायपरट्रॉफिक कार्डियोमायोपैथी (Hypertrophic Cardiomyopathy) से जुडी जटिलताओं के रिस्क को कम करने के लिए जीवनशैली में बदलाव बेहद जरूरी है। इसके लिए डॉक्टर आपको यह सुझाव दे सकते हैं:
- खेल खेलते हुए सावधानी बरतें। इस समस्या से पीड़ित लोगों को कॉम्पिटिटिव स्पोर्ट्स (Competitive Sports) खेलने की सलाह नहीं दी जाती है। इसके साथ ही हेल्दी लाइफस्टाइल (Healthy Lifestyle) के लिए लो से मॉडरेट इंटेंसिटी एक्सरसाइज (Moderate Intensity Exercise) करने के लिए भी डॉक्टर कह सकते हैं।
- हेल्दी आहार का सेवन करें। दिल के स्वास्थ्य को मेंटेन रखने के लिए सही आहार का सेवन बेहद जरूरी है।
- अपने वजन को सही बनाएं रखें। इससे दिल पर अधिक प्रेशर नहीं पड़ता है और सर्जरी व अन्य तरीकों से जुड़े हेल्थ रिस्क कम हो जाते हैं।
- एल्कोहॉल का सेवन कम करें। अगर आपको दिल संबधी कोई भी समस्या है तो डॉक्टर आपको अल्कोहल का सेवन न करने की सलाह दे सकते हैं। क्योंकि, अधिक शराब का सेवन इर्रेगुलर हार्ट रिदम (Irregular Heart Rhythm) को बढ़ा सकता है। जिससे दिल में ब्लड फ्लो (Blood Flow) ब्लॉक हो सकता है।
- पर्याप्त नींद लें और आराम करें। इसके साथ ही तनाव से बचना भी जरूरी है। इसके लिए योगा या मेडिटेशन का सहारा लिया जा सकता है। तनाव या डिप्रेशन की समस्या अधिक होने की स्थिति में आप डॉक्टर की सलाह भी ले सकते हैं
- डॉक्टर की सलाह के अनुसार दवाईयों को लेना भी बहुत जरूरी है। इसके साथ ही नियमित चेकअप (Regular checkup) करने से भी डॉक्टर रोगी की स्वास्थ्य स्थिति के बारे में जान पाएंगे।

यह तो थी हायपरट्रॉफिक कार्डियोमायोपैथी (Hypertrophic Cardiomyopathy) से जुड़ी जानकारी। इस समस्या से बचाव संभव नहीं है, लेकिन सही समय पर लक्षणों को पहचानने से न केवल इलाज में आसानी होगी बल्कि कॉम्प्लिकेशन्स से भी बचा जा सकता है। अगर आपको यह समस्या होने की संभावना है जैसे इस बीमारी की फैमिली हिस्ट्री है, तो इसके बारे में डॉक्टर से बात करें और जेनेटिक टेस्टिंग (Genetic Testing) कराएं। इससे आप इस बीमारी के जोखिम से बच सकते हैं। इस समस्या से पीड़ित लोग भी डॉक्टर की सलाह का पालन करके और स्वस्थ जीवनशैली को अपना कर एक हेल्दी लाइफ जी सकते हैं।