हर्पीस सिंप्लेक्स (Herpes simplex) एक वायरस है, जिसकी वजह से त्वचा में छोटे-छोटे दर्दनाक फफोले हो जाते हैं। हर्पीस इंफेक्शन (Herpes Infection), लोगों में हर्पीस सिंप्लेक्स वायरस (Herpes simplex Various) के कारण होता है। इसे जेनेटल हर्पीस (Genital Herpes) भी कहा जाता है। इसके होने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि दाद के शिकार लोगों का कपड़ा या तौलिए इस्तेमाल करना। इसके अलावा सेक्स के दौरान इसके होने का खतरा ज्यादा होता है। हर्पीस संक्रमण, किसी को भी अपना शिकार बना सकता है। यह एक ऐसी बीमारी है, जो एक बार होने पर कभी भी दोबारा हो सकती है। आज हम आपको इस आर्टिकल में हर्पीस के लिए होम रेमेडीज (Home remedies for herpes) के बारे में बता रहे हैं। वैसे, दाद के उपचार के लिए हमेशा डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। मेडिकेशन के अलावा कुछ घरेलू उपायों को भी अपनाया जा सकता है। आइए जानें हर्पीस के लिए होम रेमेडीज (Home remedies for herpes) के बारे में। जिससे इसके लक्षणों, सूजन और जलन आदि को कम किया जा सकता है।
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हर्पीस का वायरस (Herpes Virus) कब और किसे अपना शिकार बना ले, यह नहीं कहा जा सकता है। आज हम यहां आपको हर्पीस के कुछ घरेलू उपचारों के बारे में बता रहे हैं। दाद के उपचार के लिए कई ऐसी होम रेमेडीज हैं, जो घर में किचन में आसानी से उपलब्ध हो जाती हैं। इनके इस्तेमाल से समस्या में काफी आराम पाया जा सकता है।
बेकिंग सोडा का पेस्ट (Baking Soda Paste) लगाने से हर्पीस के घावों को जल्दी सूखने में मदद मिलती है। इससे खुजली की समस्या में भी काफी राहत मिलती है। इसके लिए बेकिंग सोडा में थोड़ा सा पानी डालकर पेस्ट तैयार कर लें। फिर इसे रूई के माध्यम से हर्पीस (Herpes) के दानों में धीरे-धीरे लगाएं। इससे घाव में मौजूद संक्रमण कम होने लगता है और त्वचा में लालिमा की समस्या (Redness) में भी काफी राहत मिलती है।
हर्पीस के लिए होम रेमेडीज (Home remedies for herpes) में कॉर्न स्टार्च भी काफी फायदेमंद माना जाता है। इसका पेस्ट लगाने से हर्पीस (Herpes) के दानों में खुजली की समस्या कम होती है। इके लिए कॉर्न के पाउडर (Corn Powder) में आप थोड़ा का पानी मिलाकर पेस्ट बना लें और फिर इसे रूई के माध्यम से लगाएं। इससे फफोले जल्दी सूखने भी लगते हैं।
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एप्पल साइडर विनेगर अपने एंटीवायरल गुणों (Antiviral) के लिए जाना जाता है। इसके लिए इसके एक भाग एसीवी को तीन भाग गर्म पानी के साथ मिलाएं और प्रभावित क्षेत्र पर रूई के माध्यम से लगाएं। इसमें मौजूद कई एस्ट्रिंजेंट (Astringent) तत्व त्वचा के लिए फायदेमंद होते हैं, जो त्वचा में ब्लड सर्क्युलेशन (Blood Circulation) को बढ़ाने का काम करता है। जिन लोगों हर्पीस की समस्या है, उन्हें इसके इस्तेमाल से काफी आराम मिल सकता है।
एलोवेरा, किसी भी घाव को जल्दी भरने का काम करता है। इसमें कई एंटी-इंफ्लामेटी (Anti-inflammatory) गुण मौजूद होते हैं। यह हर्पीस के दोनों में राहत पहंचुाने के साथ जलन की समस्या (Burning problem) को भी कम करता है। इसमें विटामिन ए (Vitamin A), (Vitamin C) सी और (Vitamin E) ई की उचित मात्रा पायी जाती है। इसमें मौजूद विटामिन बी 12 (Vitamin-12) और फोलिक एसिड (Folic Acid) त्चचा के लिए फायदेमंद माने जाते हैं।
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एंटीऑक्सीडेंट (Antioxidant) शरीर के लिए कितना जरूरी है, यह हम सभी जानते ही हैं। यह शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता (Immunity System) को भी बढ़ाता है। इसके लिए आप अपने डायट में पालक, गोभी, ब्रॉक्ली, केला और अन्य पोषक तत्चों को शामिल कर सकते हैं। फिश और कई प्रकार के नट्स में भी इसकी अच्छी मात्रा मौजूद होती है।
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हर्पीस के लिए होम रेमेडीज की बात करें, तो आप अपनी डायट में ओमेगा-3 एसिड को शामिल करें। ओमेगा-3 फैटी फूड (Omega-3 fatty) के कई हेल्थ बेनेफिट्स हैं। अगर आपका इम्यून सिस्टम (immune System) अच्छा होगा, तो आपके शरीर को कई क्राॅनिक इंफ्लामेंटरी (Chronic Inflammatory) समस्याओं से लड़ने में मदद मिलेगी। इसके लिए आप चिया सीड्स या फ्लैक्स सीड्स का सेवन भी कर सकते हैं।
हर्पीस जैसे इंफेक्शन से लड़ने के लिए प्रोटीन (Proteins) का सेवन भी बहुत जरूरी है, जिसके लिए आप अंडे का सफेद भाग (Egg white), ओट्स (Oats), अखरोट (Walnuts), नट्स और हाय प्रोटीन (High Proteins) वाली डायट लें। प्रोटीन शरीर के लिए बहुत जरूरी हैं और इसके कई हेल्थ बेनेफिट्स भी हैं।
विटामिन सी का अभाव हर्पीस की समस्या (Herpes Problem) में काफी प्रभावकारी है। यह कई गंभीर इंफेक्शन (Infection) और रोगों से लड़ने का काम करता है। इसके लिए आप अपने डायट में संतरे, शिमला मिर्च, नींबू, पपीता या आम आदि का सेवन कर सकते हैं। विटामिन सी (Vitamin C) के सेवन से कई त्वचा संबंधित कई समस्याओं में आराम मिलता है। शरीर से कई तरह का इंफेक्शन भी बाहर निकलेगा।
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टी ट्री ऑयल में कई शक्तिशाली एंटीवायरल (Antiviral) घटक होते हैं, जिसे हर्पीस के इलाज के लिए मददगार माना जाता है। त्वचा या जननांग में हुए दाद पर इसका उपयोग करने से प्रभावित हिस्से में काफी ठंडक मिलती है और जलन की समस्या भी काम होती है। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी (Anti-inflammatory) और एंटी-बैक्टीरियल (Anti-bacterial) गुण पाए जाते हैं, जो घाव को सूखाने के साथ त्वचा में होने वाली लालिमा को दूर करने में भी सहायक होते हैं। यह त्वचा में पड़े दाग-धब्बों को भी कम करता है।
विच हेजल में कई प्रकार के महत्वपूर्ण एंटीवायरल गुण (Antiviral) मौजूद होते हैं। जिन लोगों को हर्पीस में जलन की समस्या (Burning Problem) अधिक होती है, उनकाे इसके इलाज से फायदा हो सकता है। संवेदनशील त्वचा वालों को इसका इस्तेमताल सोच समझकर करना चाहिए। यानि कि इसका इस्तेमाल डाॅक्टर की सलाह पर करें। इसमें त्वचा के लिए जरूरी कई विटामिन भी पाए जाते हैं।
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कुछ शोध बताते हैं कि कैमोमाइल ऑयल का इस्तेमाल हर्पीस में काफी फायदमंद हो सकता है। इसमें वायरस से लड़ने वाले कई गुण उपलब्ध होते हैं, जो एचएसवी -2 का इलाज करने में मदद कर सकते हैं। आप इसे प्रभावित हिस्से में रूई के माध्यम से लगा सकते हैं। कैमोमाइल ऑयल का इस्तेमाल त्वचा के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है। इसमें मौजूद बैक्टीरियल (Bacterial) गुण फंगल इंफेक्शन (Fungal Infection) को कम करने में सहायक है। इसे लगाने के लिए कैमोमाइल ऑयल को उबाल लें और फिर ठंडा कर के रूई के माध्यम से त्वचा के प्रभावित हिस्से में लगाएं।
जिंजर एसेंशियल ऑयल हर्पीस जैसे त्वचा रोग में उपचार (Skin Problem Treatment) के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है। इसमें कई ऐसे गुण उपलब्ध होते हैं, जो त्वचा के लिए फादयेमंद माने जाते हैं। इसमें एंटी इंफ्लेमेटरी (Anti inflammatory) गुण पाया जाता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट (Antioxidant) मौजूद होता है, जो घाव को जल्दी ठीक करने में मदद करता है।
थाइम एसेंशियल ऑयल में दाद वायरस से लड़ने की क्षमता भी होती है। यह त्वचा संबंधित कई संक्रमणों को दूर करने के थाइम ऑयल के कई बेनेफिट्स हैं। यह फंगल (Fungal) और बैक्टीरिया के खतरे को भी कम करता है। इसमें कैंसररोधी गुण भी होते हैं।
हर्पीस जैसी समस्या (Herpes Problem) को इन उपचारों द्वारा राहत पाया जा सकता है। लेकिन यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपको किस स्टेज का हर्पीस है। कुछ गम्भीर मामलों में हर्पीस के लिए होम रेमेडीज प्रभावकारी साबित नहीं भी हो सकती है। इसके अलावा आप इन बातों का भी ध्यान रखें कि हर्पीस के लिए होम रेमेडीज का कोई परमानेंट ट्रीटमेंट नहीं है। इसका इलाज डॉक्टर द्वारा किया जाना चाहिए। मेडिकल ट्रीटमेंट की बात करें, तो डॉक्टर भी इसका मेडिकेशन इस बात को देखते हुए करेंगे कि आपको किस स्टेज का हर्पीस रोग है और उनमें दिखने वाले लक्षण क्या -क्या हैं। हल्के हर्पीस के मामले घर पर भी आसानी से ठीक हो जाते हैं। इसकी अधिक जानकारी के लिए डाॅक्टरसे संपर्क करें।
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