ओमेगा-3 फैटी एसिड (Omega-3 Fatty Acid)
हर्पीस के लिए होम रेमेडीज की बात करें, तो आप अपनी डायट में ओमेगा-3 एसिड को शामिल करें। ओमेगा-3 फैटी फूड (Omega-3 fatty) के कई हेल्थ बेनेफिट्स हैं। अगर आपका इम्यून सिस्टम (immune System) अच्छा होगा, तो आपके शरीर को कई क्राॅनिक इंफ्लामेंटरी (Chronic Inflammatory) समस्याओं से लड़ने में मदद मिलेगी। इसके लिए आप चिया सीड्स या फ्लैक्स सीड्स का सेवन भी कर सकते हैं।
प्रोटीन का सेवन (Protein)
हर्पीस जैसे इंफेक्शन से लड़ने के लिए प्रोटीन (Proteins) का सेवन भी बहुत जरूरी है, जिसके लिए आप अंडे का सफेद भाग (Egg white), ओट्स (Oats), अखरोट (Walnuts), नट्स और हाय प्रोटीन (High Proteins) वाली डायट लें। प्रोटीन शरीर के लिए बहुत जरूरी हैं और इसके कई हेल्थ बेनेफिट्स भी हैं।
विटामिन सी (Vitamin C)
विटामिन सी का अभाव हर्पीस की समस्या (Herpes Problem) में काफी प्रभावकारी है। यह कई गंभीर इंफेक्शन (Infection) और रोगों से लड़ने का काम करता है। इसके लिए आप अपने डायट में संतरे, शिमला मिर्च, नींबू, पपीता या आम आदि का सेवन कर सकते हैं। विटामिन सी (Vitamin C) के सेवन से कई त्वचा संबंधित कई समस्याओं में आराम मिलता है। शरीर से कई तरह का इंफेक्शन भी बाहर निकलेगा।
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हर्पीस के लिए होम रेमेडीज: ऑयल्स बेनेफिट्स, जो आएंगे आपके काम
टी ट्री ऑयल (Tea tree oil)

टी ट्री ऑयल में कई शक्तिशाली एंटीवायरल (Antiviral) घटक होते हैं, जिसे हर्पीस के इलाज के लिए मददगार माना जाता है। त्वचा या जननांग में हुए दाद पर इसका उपयोग करने से प्रभावित हिस्से में काफी ठंडक मिलती है और जलन की समस्या भी काम होती है। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी (Anti-inflammatory) और एंटी-बैक्टीरियल (Anti-bacterial) गुण पाए जाते हैं, जो घाव को सूखाने के साथ त्वचा में होने वाली लालिमा को दूर करने में भी सहायक होते हैं। यह त्वचा में पड़े दाग-धब्बों को भी कम करता है।
विच हेजल (Witch hazel)
विच हेजल में कई प्रकार के महत्वपूर्ण एंटीवायरल गुण (Antiviral) मौजूद होते हैं। जिन लोगों को हर्पीस में जलन की समस्या (Burning Problem) अधिक होती है, उनकाे इसके इलाज से फायदा हो सकता है। संवेदनशील त्वचा वालों को इसका इस्तेमताल सोच समझकर करना चाहिए। यानि कि इसका इस्तेमाल डाॅक्टर की सलाह पर करें। इसमें त्वचा के लिए जरूरी कई विटामिन भी पाए जाते हैं।
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कैमोमाइल एसेंशियल ऑयल (Chamomile essential oil)
कुछ शोध बताते हैं कि कैमोमाइल ऑयल का इस्तेमाल हर्पीस में काफी फायदमंद हो सकता है। इसमें वायरस से लड़ने वाले कई गुण उपलब्ध होते हैं, जो एचएसवी -2 का इलाज करने में मदद कर सकते हैं। आप इसे प्रभावित हिस्से में रूई के माध्यम से लगा सकते हैं। कैमोमाइल ऑयल का इस्तेमाल त्वचा के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है। इसमें मौजूद बैक्टीरियल (Bacterial) गुण फंगल इंफेक्शन (Fungal Infection) को कम करने में सहायक है। इसे लगाने के लिए कैमोमाइल ऑयल को उबाल लें और फिर ठंडा कर के रूई के माध्यम से त्वचा के प्रभावित हिस्से में लगाएं।
जिंजर एसेंशियल ऑयल (Ginger essential oil)
जिंजर एसेंशियल ऑयल हर्पीस जैसे त्वचा रोग में उपचार (Skin Problem Treatment) के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है। इसमें कई ऐसे गुण उपलब्ध होते हैं, जो त्वचा के लिए फादयेमंद माने जाते हैं। इसमें एंटी इंफ्लेमेटरी (Anti inflammatory) गुण पाया जाता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट (Antioxidant) मौजूद होता है, जो घाव को जल्दी ठीक करने में मदद करता है।
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थाइम एसेंशियल ऑयल (Thyme essential oil)
थाइम एसेंशियल ऑयल में दाद वायरस से लड़ने की क्षमता भी होती है। यह त्वचा संबंधित कई संक्रमणों को दूर करने के थाइम ऑयल के कई बेनेफिट्स हैं। यह फंगल (Fungal) और बैक्टीरिया के खतरे को भी कम करता है। इसमें कैंसररोधी गुण भी होते हैं।
हर्पीस जैसी समस्या (Herpes Problem) को इन उपचारों द्वारा राहत पाया जा सकता है। लेकिन यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपको किस स्टेज का हर्पीस है। कुछ गम्भीर मामलों में हर्पीस के लिए होम रेमेडीज प्रभावकारी साबित नहीं भी हो सकती है। इसके अलावा आप इन बातों का भी ध्यान रखें कि हर्पीस के लिए होम रेमेडीज का कोई परमानेंट ट्रीटमेंट नहीं है। इसका इलाज डॉक्टर द्वारा किया जाना चाहिए। मेडिकल ट्रीटमेंट की बात करें, तो डॉक्टर भी इसका मेडिकेशन इस बात को देखते हुए करेंगे कि आपको किस स्टेज का हर्पीस रोग है और उनमें दिखने वाले लक्षण क्या -क्या हैं। हल्के हर्पीस के मामले घर पर भी आसानी से ठीक हो जाते हैं। इसकी अधिक जानकारी के लिए डाॅक्टरसे संपर्क करें।