के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya
हायपरटेंशन, जिसे उच्च रक्तचाप (High blood pressure) भी कहा जाता है, ऐसा तब होता है जब शरीर में रक्त का बाल आर्टरी वॉल्स सामान्य से अधिक दबाव पर होता है। बिना किसी लक्षण के आपको सालों तक उच्च रक्तचाप (High blood pressure) हो सकता है। इस वजह से भविष्य में आपको कई स्वास्थ्य समस्याएं भी हो सकती हैं, जिसमें दिल का दौरा (Heart attack) और स्ट्रोक (Stroke) शामिल हैं।
ब्लड प्रेशर रीडिंग को दो तरह से मापा जाता है। ऊपर वाली संख्या को सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर (Systolic blood pressure) कहा जाता है और नीचे की संख्या को डायस्टोलिक ब्लड प्रेशर (Diastolic blood pressure) कहा जाता है। उदाहरण के लिए, 120/80 mmHg। यह दोनो संख्या घट-बढ़ सकती है।
नोट: ये ब्लड प्रेशर (Blood pressure) की समान्य संख्या है, ये उन लोगों पर लागू होती है, जो बीमार नहीं हैं और ब्लड प्रेशर के लिए कोई दवा नहीं ले रहे हैं।
हायपरटेंशन एक बेहद ही सामान्य समस्या है। यह किसी भी उम्र में रोगियों को प्रभावित कर सकता है। वैसे तो आमतौर पर यह बुजुर्गों को प्रभावित करता है। इस समस्या को खतरों के कारणों को कम करके रोका जा सकता है। अधिक जानकारी के लिए कृपया अपने डॉक्टर से सलाह लें।
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हायपरटेंशन के अधिकांश रोगियों में कोई संकेत या लक्षण नहीं पाए जाते हैं। इसके बावजूद वो बड़े खतरे में होते हैं। उनमें से कुछ हायपरटेंशन के रोगियों में कुछ सामान्य लक्षण हो सकते हैं। जैसे कि सिरदर्द (Headache), साँस लेने में तकलीफ या नाक से खून आना आदि। हालांकि, ये सारे संकेत और लक्षण बहुत विशेष नहीं हैं। आमतौर पर ऐसा तब तक नहीं होता है जब तक कि हायपरटेंशन एक गंभीर या जानलेवा चरण में नहीं पहुँच जाता है। ऊपर हायपरटेंशन के कई लक्षण (Hypertension symptoms) नहीं बताए गए हैं । यदि आपको किसी लक्षण के बारे में जानना है, तो कृपया अपने डॉक्टर से तुरंत परामर्श लें।
यदि निम्नलिखित में से कोई भी बिंदु आपकी सेहत से मेल खाता हैं तो आपको तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए, जैसे कि:
यदि आपको हायपरटेंशन (Hypertension) है, तो आपको अपने डॉक्टर के पास समय-समय पर जाते रहना चाहिए।
हाय ब्लड प्रेशर (High blood pressure) से जुड़ी जानकारी के लिए नीचे दिए इस 3 D मॉडल पर क्लिक करें।
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हाई ब्लड प्रेशर दो प्रकार के होते हैं:
एसेंशियल हायपरटेंशन के होने का किसी भी कारण का पता नहीं है। इस प्रकार का हायपरटेंशन विरासत में मिलता है और महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों में देखा गया है। आहार और बिगड़ती जीवन शैली के कारण यह समस्या गहरे रूप से प्रभावित हो सकती है।
सेकेंडरी हायपरटेंशन की शिकायत कुछ दवाओं और बीमारियों की वजह से भी हो सकती है, जैसे कि गुर्दे की बीमारी (Kidney disease), थायरॉयड (Thyroid) की समस्या, एड्रेनल ग्लैंड के ट्यूमर, गर्भ निरोधक गोलियों का सेवन, सर्दी का उपचार, कोकेन और अत्यधिक शराब का सेवन इत्यादि।
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हायपरटेंशन के खतरे बढ़ाने के मुख्य कारण यह है :
बढ़ती उम्र (Age): बढ़ती उम्र के साथ इस बीमारी के होने की संभावना बहुत अधिक हो जाती है।
पारिवारिक इतिहास (Family history): हाय ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure) की समस्या एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में भी जा सकती है।
अधिक वजन या मोटापे (Obesity) से ग्रस्त होना: आपके टिश्यूज को ज्यादा ऑक्सिजन और पोषक तत्वों की आपूर्ति के लिए बढ़ता ब्लड फ्लो आपकी आर्टरी वॉल्स पर एक उच्च दबाव पैदा कर सकता है।
अपर्याप्त आहार (Unhealthy diet): खाने में बहुत अधिक नमक, तंबाकू, शराब या बहुत कम पोटेशियम, विटामिन- डी (Vitamin D) का सेवन भी हायपरटेंशन का कारण हो सकता है। अन्य बीमारियों के कारण भी उच्च रक्तचाप होता है।
अन्य कारण : तनाव और किडनी की बीमारी, मधुमेह (Diabetes) और स्लीप एपनिया जैसी कुछ बीमारियां भी उच्च रक्तचाप के खतरे को बढ़ाती हैं।
यहां प्रदान की गई कोई भी जानकारी किसी भी प्रोफेशनल डॉक्टर की सलाह की जगह प्रयोग नहीं की जा सकती है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने चिकित्सक से परामर्श करें।
हायपरटेंशन की स्थिति का निदान करने के लिए एक विशेष उपकरण होता है, जिसे ब्लड प्रेशर कफ कहा जाता है। जिसमें एक इन्फ्लैटेबल (Inflatable) रबर प्लेट होती है, जिसे आपके ब्लड प्रेशर को मापा जा सकता है। आपको हाई ब्लड प्रेशर का निदान करने से पहले तीन या उससे अधिक बार दोनों बाहों में दो से तीन बार ब्लड प्रेशर रीडिंग लेने की आवश्यकता हो सकती है।
ब्लड प्रेशर के माप को चार श्रेणियों में बांटा गया है:
जब आपका ब्लड प्रेशर, ज्यादातर समय 120/80 mmHg से कम होता है तब उसे सामान्य ब्लड प्रेशर कहा जाता है।
हाई ब्लड प्रेशर का जो प्रकार 60 साल से अधिक के लोगों पाया जाता है, उसे सिस्टोलिक हायपरटेंशन कहते है। सिस्टोलिक प्रेशर अधिक होता है (140mmHgसे अधिक), वहीं डायस्टोलिक दबाव सामान्य (90mmHgसे कम) होता है।
यह पूरी तरह से आपकी स्वास्थ्य स्थितियों पर निर्भर करता है। डॉक्टर द्वारा आपको कुछ दवाएं निर्धारित की जा सकती हैं, जैसे कि थियाजाइड (Thiazide diuretics), बीटा-ब्लॉकर्स (Beta blockers), एसीई इनहिबिटर (ACE Inhibitors), एआरबी (ARBs), कैल्शियम चैनल ब्लॉकर्स, रेनिन इनहिबिटर।
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निम्नलिखित जीवनशैली और घरेलू उपचार आपको हायपरटेंशन से लड़ने में मदद कर सकते हैं:
अपने भोजन में नमक का काम इस्तेमाल करना चाहिए।
यदि आपके पास अभी भी कोई प्रश्न हैं, तो बेहतर समाधान के लिए कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श लें।
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