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PCSK9 इन्हिबिटर्स : कैसे काम करती है यह दवाईयां बैड कोलेस्ट्रॉल के ट्रीटमेंट में?

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


AnuSharma द्वारा लिखित · अपडेटेड 22/12/2021

    PCSK9 इन्हिबिटर्स : कैसे काम करती है यह दवाईयां बैड कोलेस्ट्रॉल के ट्रीटमेंट में?

    आपने शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा के अधिक होने के बारे में अवश्य सुना होगा। दरअसल कोलेस्ट्रॉल एक केमिकल कंपाउंड होता है, जो शरीर में जरूरी सेल्स या हार्मोन के निर्माण में सहायक है। अगर कोई व्यक्ति हाय कोलेस्ट्रॉल की समस्या से पीड़ित है, तो उसकी इस परेशानी को कम करने के लिए डॉक्टर स्टैटिन (Statin) नामक दवा को लेने की सलाह दे सकते हैं। लेकिन, यह ड्रग इसके लिए हमेशा पर्याप्त नहीं होती और कुछ लोग इसके साइड-इफेक्ट्स के कारण इन्हें नहीं ले पाते हैं। ऐसे में एक्सपर्ट एक नई दवाइयां लेने की सलाह दे सकते हैं, जिन्हें PCSK9 इन्हिबिटर्स (PCSK9 Inhibitors) के नाम से जाना जाता है। आइए, जानते हैं PCSK9 इन्हिबिटर्स (PCSK9 Inhibitors) के बारे में विस्तार से।

    PCSK9 इन्हिबिटर्स क्या हैं? (PCSK9 inhibitors)

    लो-डेंसिटी लेपोप्रोटीन (Low-Density Lipoprotein) जिसे बैड कोलेस्ट्रॉल भी कहा जाता है, को कम करने के लिए PCSK9 इन्हिबिटर्स का प्रयोग किया जाता है। यह बात साबित हो चुकी है कि PCSK9 इन्हिबिटर्स बेहद प्रभावशाली है और कुछ मामलों में यह हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसी समस्याओं से भी बचा सकते है। इनका प्रयोग अकेले या स्टैटिन के साथ किया जा सकता है। PCSK9 एक प्रोटीन होती है जो हमारे लिवर में बनती है। एक्सपर्ट्स के अनुसार जिन लोगो में PCSK9 का लेवल अधिक होता है, उन्हें जीवन भर उच्च कोलेस्ट्रॉल की समस्या हो सकती है और उनमें हार्ट डिजीज के जल्दी विकसित होने की संभावना भी होती है

    लेकिन, जिन लोगों में इसका स्तर कम होता है उनमें कोलेस्ट्रॉल की मात्रा भी कम होती है और उन्हें हार्ट डिजीज का खतरा भी कम रहता है। इस खोज की वजह से कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए PCSK9 इन्हिबिटर्स (PCSK9 Inhibitors) नामक दवाओं का विकास किया गया है। एवोलोक्यूमेब (Evolocumab)और एलिरोक्यूमेब (Alirocumab) PCSK9 इन्हिबिटर्स के उदाहरण हैं। अभी अन्य PCSK9 इन्हिबिटर्स (PCSK9 Inhibitors) के बारे में शोध किया जा रहा है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि यह दवाइयां कोलेस्ट्रॉल की स्थिति में लाभदायक हैं। लेकिन, बिना डॉक्टर की सलाह के इन्हें न लें। जानिए यह दवाइयां कौन सी हैं?

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    PCSK9 इन्हिबिटर्स कौन से हैं?

    PCSK9 इन्हिबिटर्स (PCSK9 Inhibitors) के दो उदहारण हैं एवोलोक्यूमेब (Evolocumab) और एलिरोक्यूमेब (Alirocumab)। इसकी अन्य दवाइयों पर अभी शोध जारी है। यह दवाइयां बेहद प्रभावशाली मानी जाती है। आइए जानें इनके बारे में विस्तार से:

    एवोलोक्यूमेब (Evolocumab) :

    एवोलोक्यूमेब (Evolocumab) को ब्रांड नेम रेपाथा (Repatha) से भी जाना जाता है। यह ह्यूमन मोनोक्लोनल एंटीबाडी (Human Monoclonal Antibody) है। यह दवा लिवर के बैड कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करने में मदद कर सकती है। इनहेरिटेड कोलेस्ट्रॉल की स्थिति में इस दवा की सलाह लो फैट डायट और अन्य कोलेस्ट्रॉल को कम करने वाली दवाइयों के साथ दी जा सकती है। यही नहीं, यह दवा जिन लोगों को हार्ट या ब्लड वेसल की समस्याएं हैं उनमें स्ट्रोक, हार्ट अटैक और अन्य हार्ट कॉम्प्लीकेशन्स को कम करने में मदद करती है। एवोलोक्यूमेब को त्वचा के नीचे इंजेक्ट किया जाता है। जिसे रोगी खुद भी कर सकता है। लेकिन, इससे पहले आपको डॉक्टर की राय लेनी चाहिए और इसे प्रयोग करने के तरीके के बारे में भी पता होना चाहिए।

    इस दवा के प्रयोग से कई एलर्जिक रिएक्शन जैसे खुजली, सांस लेने में समस्या या चेहरे, होंठों, जीभ पर सूजन आदि परेशानियां हो सकती हैं। इसलिए, इस दवा का प्रयोग हमेशा डॉक्टर की सलाह के बाद करने के लिए कहा जाता है।

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    एलिरोक्यूमेब (Alirocumab) :

    एलिरोक्यूमेब को ब्रांड नेम प्रालुएंट (Praluent)  से भी जाना जाता है।  यह दवा हेट्रोजायगस फेमिलियल हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया (Heterozygous Familial Hypercholesterolemia), जो हाय कोलेस्ट्रॉल का इनहेरिटेड प्रकार है, के उपचार के लिए प्रयोग की जाती है। इसे डॉक्टर स्टैटिन दवा के साथ कम्बाइन कर के भी दे सकते हैं।  इसके अलावा हार्ट डिजीज के जोखिम को दूर करने में भी यह लाभदायक है जैसे हार्ट अटैक, स्ट्रोक आदि। अगर आप गर्भवती हैं या ब्रेस्टफीडिंग करा रही हैं, तो पहले ही डॉक्टर को बता दें। क्योंकि, ऐसे में यह दवा शिशु के लिए हानिकारक हो सकती है। इस दवा के भी कुछ साइड इफेक्ट हो सकते हैं जैसे एलर्जिक रिएक्शन या फ्लू के समान लक्षण आदि।

    इसके कारण सांस लेने में समस्या, गंभीर खुजली, सूजन आदि हो सकती है। ऐसे में बिना डॉक्टर की सलाह के इन्हें न लें अन्यथा इनका प्रभाव आपके लिए हानिकारक साबित हो सकता है। जानिए, डॉक्टर कब यह दवाइयां लेने की सलाह देते है?

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    किन लोगों को PCSK9 इन्हिबिटर्स लेने की सलाह दी जाती है?

    अगर किसी व्यक्ति के खून में कोलेस्ट्रॉल का लेवल बहुत हाय होता है, तो उन्हें डॉक्टर इन दवाइयों को लेने की सलाह दे सकते हैं। इसके अलावा अगर किसी में शुरुआती हार्ट डिजीज (Heart Disease) का जोखिम होता है, तो उन्हें भी यह दवा दी जा सकती है। निम्नलिखित स्थितियों में PCSK9 इन्हिबिटर्स (PCSK9 Inhibitors) लेने की सलाह दी जाती है:

    • अगर किसी व्यक्ति को एक हार्ट अटैक या स्ट्रोक की समस्या हो चुकी हो या उन्हें ब्लड वेसल्स से जुड़ी कोई अन्य समस्या हो। लेकिन, स्टैटिन और एजेटीमाइब (Ezetimibe) जैसी दवाइयों के प्रयोग से कोलेस्ट्रॉल का लेवल कम न हो रहा हो तो उन्हें यह दवाइयां दी जा सकती हैं।
    • अगर रोगी को फेमिलियल हायपरकोलेस्ट्रोलेमिया (Familial Hypercholesterolaemia ) है और उसके उपचार से कोलेस्ट्रॉल लेवल कम न हो रहा हो।
    • अगर किसी को हाय कोलेस्ट्रॉल की समस्या है। लेकिन, कोलेस्ट्रॉल की अन्य दवाइयां काम नहीं कर रही हों या उनसे कोई साइड इफेक्ट्स या अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो रही हों। तो यह दवाइयां दी जा सकती हैं। कभी भी इन दवाइयों को अपनी मर्जी से न लें। जानिए, यह दवाइयां कैसे काम करती हैं?

    PCSK9  इन्हिबिटर्स कैसे काम करते हैं?

    PCSK9 इन्हिबिटर्स (PCSK9 Inhibitors) वो प्रोटीन हैं, जिन्हें लेबोरेटरी में बनाया जाता है। वे हमारे शरीर में अन्य प्रोटीनों को लक्षित करते हैं, विशेष रूप से लिवर को। हमारे लिवर सेल्स में कुछ रिसेप्टर्स होते हैं, जो अधिक कोलेस्ट्रॉल को बाहर निकाल देते हैं। लेकिन अन्य प्रोटीन जिसे PCSK9 कहा जाता है, वो इन्हें नष्ट कर देते है। इन्हिबिटर्स PCSK9 प्रोटीन्स को काम करने से ब्लॉक कर देते हैं। इसका परिणाम यह होता है कि अधिक रिसेप्टर्स अपना काम करने में सक्षम हो पाते हैं। इससे हमारे खून में बैड कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम होती है। ऐसा भी माना गया है कि PCSK9 इन्हिबिटर्स बैड कोलेस्ट्रॉल लेवल को बहुत हद तक कम कर सकती है

    जिससे हमारे हृदय की सुरक्षा होती है और हार्ट अटैक (Heart Attack) से भी बचाव हो सकता है। वैसे तो बिना डॉक्टर की प्रिस्क्रिप्शन के इन दवाइयों को नहीं लेना चाहिए। लेकिन, कुछ स्थितियों में या लोगों को इन्हें लेने से पूरी तरह से मना किया जाता है। जानिए इसके बारे में विस्तार से।

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    किन लोगों को इन्हें नहीं लेना चाहिए?

    जिन लोगों में जेनेटिक हाय कोलेस्ट्रॉल या गंभीर हार्ट समस्याएं होती है या जिन लोगों को हार्ट अटैक और स्ट्रोक आ चुका हो। उन्हें  एलिरोक्यूमेब (Alirocumab) और एवोलोक्यूमेब (Evolocumab) लेने की जरूरत होती है। अगर किसी में यह समस्याएं नहीं हैं, तो डॉक्टर अन्य उपचार की सलाह देते हैं। डॉक्टर PCSK9 इन्हिबिटर्स (PCSK9 Inhibitors) से पहले रोगी पर अन्य उपचारों का प्रयोग करते हैं। जिनमें सबसे पहला होता है लाइफस्टाइल में बदलाव। डॉक्टर रोगी को सही आहार लेने और अधिक व्यायाम करने की सलाह देंगे। ताकि उसके शरीर में कोलेस्ट्रॉल के लेवल के कम होने में मदद मिले। इसके लिए डायटिशन की मदद भी ली जा सकती है।

    अगर आपका कोलेस्ट्रॉल लेवल कम नहीं होता है, तो आपको स्टैटिन लेने की जरूरत भी हो सकती है। लेकिन अगर यह दवा काम नहीं करती है या रोगी इसके साइड इफ़ेक्ट हैंडल नहीं कर पाते हैं तो इस स्थिति में डॉक्टर आपको PCSK9 इन्हीबिटर की सलाह देंगे। इससे पहले रोगी के हार्ट डिजीज रिस्क को जांचने के लिए टेस्ट भी किये जा सकते हैं, जैसे कोरोनरी कैल्शियम स्कोर (Coronary Calcium Score) आदि। अब जानिए इस दवा के साइड-इफेक्ट्स के बारे में।

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    क्या इसके कोई साइड इफेक्ट हैं? (Side effects of PCSK9 Inhibitors)

    PCSK9 इन्हिबिटर्स (PCSK9 Inhibitors) से होने वाले साइड इफेक्ट्स माइल्ड होते हैं। जिसमें पीठ में दर्द या सर्दी-खांसी जैसे लक्षण शामिल हैं। क्योंकि यह एक इंजेक्शन है, तो इसके प्रयोग से इंजेक्ट की जाने वाली जगह पर दर्द, नील या लालिमा हो सकती है। कुछ लोग इसके कारण एलर्जिक रिएक्शन भी महसूस करते हैं। अगर आपको इस स्थान पर गंभीर रैशेज, सूजन हो या आपका चेहरा सूज जाए और आपको सांस लेने में समस्या हो, तो तुरंत मेडिकल हेल्प लें।

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    PCSK9 इन्हिबिटर्स (PCSK9 Inhibitors) को हर दो या चार हफ़्तों में एक बार इंजेक्शन के माध्यम से दिया जाता है। यह इंजेक्शन आप घर पर भी लगवा सकते हैं। डॉक्टर या नर्स आपको इसके बारे में पूरी जानकारी दे देंगे। आपको हर दो या तीन महीनों में डॉक्टर से चेकअप और ब्लड टेस्ट कराने होंगे। ताकि, जाना जा सके कि यह कैसे काम कर रहे हैं? यह तो थी PCSK9 इन्हिबिटर्स (PCSK9 Inhibitors) के बारे में पूरी जानकारी। लेकिन, ऊपर दी गयी किसी भी दवा का इस्तेमाल अपनी मर्जी से न करने की सलाह दी जाती है। इन दवाइयों को लेने से पहले अपने डॉक्टर से उनके फायदे या साइड-इफेक्ट्स के बारे में अवश्य जान लें।

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