हायपरप्लास्टिक आर्टिरियोस्क्लेरोसिस के कारण (Hyperplastic arteriolosclerosis cause )
हायपरप्लास्टिक आर्टिरियोस्क्लेरोसिस (Hyperplastic arteriolosclerosis) की समस्या स्मॉल आर्टरी और आर्टिरिओल्स के डैमेज होने के कारण उत्पन्न होती है। हाय ब्लड प्रेशर (High blood pressure), स्मोकिंग (Smoking) या फिर कोलेस्ट्रॉल का लेवल हाय होने पर हायपरप्लास्टिक आर्टिरियोस्क्लेरोसिस की संभावना बढ़ जाती है। ये डैमेज प्लाक (plaque) का निर्माण करते हैं। बैड कोलेस्ट्रॉल इनर लाइनिंग से गुजरता है और आर्टरी के साथ ही आर्टरी की दीवार को क्षति पहुंचाता है। फिर वाइट ब्लड सेल्स कोलेस्ट्रॉल कंज्यूम करने लगती हैं। ये कंडीशन ब्लड फ्लो को बधित करने का काम करती है।
हायपरप्लास्टिक आर्टिरियोस्क्लेरोसिस के लक्षण आमतौर पर नजर नहीं आते हैं लेकिन उम्र बढ़ने के साथ ही समस्याएं बढ़ने लगती हैं। ब्लड वैसल्स के नौरो हो जाने के कारण दर्द की समस्या पैदा हो सकती है। ये ब्लड फ्लो में रुकावट पैदा कर दर्द का कारण बन जाता है और साथ ही इनर वॉल में डैमेज करता है। ये समस्या रक्त के थक्कों का कारण भी बन सकती है। सही समय पर ट्रीटमेंट की हेल्प से बड़ी समस्या से बचा जा सकता है। लक्षण दिखते ही आपको जांच कराने की जरूर है।
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हार्ट से जुड़ी इस समस्या का रिस्क फैक्टर क्या है?
हायपरप्लास्टिक आर्टिरियोस्क्लेरोसिस से जुड़े रिस्क की बात की जाए, तो 40 साल की उम्र के व्यक्ति में इस बीमारी की संभावना 50 प्रतिशत होती है। उम्र बढ़ने के साथ ही बीमारी की संभावना भी बढ़ने लगती है। 60 साल के लोगों इस बीमारी के रिस्क में अधिक होते हैं। हार्ट की बीमारी का मुख्य कारण अनहेल्दी डायट, मोटापा (Obesity), स्ट्रेस (Stress) , स्मोकिंग आदि से जुड़ा होता है। बेटर क्वालिटी लाइफ के साथ ही अच्छे ट्रीटमेंट की हेल्प से पेशेंट की जान बचाई जा सकती है। यानी अगर कुछ बातों पर ध्यान दिया जाए, तो हार्ट पेशेंट (Heart patient) बनने से बचा जा सकता है। आपको इस बीमारी के रिस्क के बारे में अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
सावधानी ही है बीमारी का उपाय
इस बीमारी की संभावना को कम करने के लिए हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाना बहुत जरूरी है। आपको स्मोकिंग के साथ ही एल्कोहॉल को भी छोड़ना होगा। आप डायबिटी (Diabetes) के साथ ही बीपी को भी कंट्रोल में रखें। आपको इसके लिए खानपान पर ध्यान देने के साथ ही रेगुलर चेकअप कराने की भी जरूरत है। चेकअप से हाय बीपी या फिर नॉर्मल बीपी के बारे में जानकारी मिलती रहती है। अगर आपको ये समस्या हुई है, तो डॉक्टर कुछ दवाओं के साथ ही आपको हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाने की सलाह भी दे सकते हैं। बिना सलाह के दवा का सेवन बिल्कुल न करें।
यहां दी गई जानकारी बीमारी के निदान या उपचार से संबंधित बिल्कुल नहीं है। अगर आपको किसी भी तरह की हार्ट संबंधी समस्या (Heart problems) होती है या फिर दिए गए लक्षण नजर आते हैं, तो आपको डॉक्टर से तुरंत जानकारी देनी चाहिए। जांच के बाद ही डॉक्टर बता पाएंगे कि आपको किस तरह से ट्रीटमेंट की आवश्यकता है। आपको डॉक्टर को अपनी समस्या के बारे में अवश्य बताना चाहिए। बिना परामर्श के आपको हार्ट संबंधी किसी भी दवाओं का सेवन भी नहीं करना चाहिए। किसी संबंध में अगर कंफ्यूजन हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क जरूर करें।
हैलो हेल्थ किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार उपलब्ध नहीं कराता। इस आर्टिकल में हमने आपको हायपरप्लास्टिक आर्टिरियोस्क्लेरोसि (Hyperplastic arteriolosclerosis) के संबंध में जानकारी दी है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको हेल्थ से संबंधित अधिक जानकारी चाहिए, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्सर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे।