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एलर्जी-इंड्यूस्ड अस्थमा (Allergy-induced asthma) की कैसे की जाती है जांच?
एलर्जिक अस्थमा की जांच से पहले डॉक्टर आपसे बीमारी के लक्षणों के बारे में जानकारी लेंगे। इसके बाद डॉक्टर स्किन प्रिक टेस्ट (skin prick test) कराने की सलाह देते हैं। टेस्ट के दौरान डॉक्टर निडिल की हेल्प से कुछ मात्रा में एलर्जन को स्किन पर डालते हैं और करीब 20 मिनट बाद जांच करेंगे। अगर आपकी स्किन में किसी भी तरह से लाल चकत्ते दिखते हैं, तो इसका मतलब है कि आपको एलर्जी की समस्या (Allergy problem) है। डॉक्टर एलर्जी की जांच करने के साथ ही अस्थमा से संबंधित जांच भी करते हैं। स्पिरोमेट्री के माध्यम से डॉक्टर ब्रीथ के इनहेल और एक्सहेल यानी सांस लेने और छोड़ने की मात्रा को मापा जाता है। वहीं पीक फ्लो में फेफड़ों में एयर प्रेशर की जांच की जाती है। इस तरह से डॉक्टर एलर्जी के साथ ही अस्थमा की जांच भी करते हैं।
एलर्जिक अस्थमा का ट्रीटमेंट (Treatments for allergic asthma)
एलर्जिक अस्थमा का ट्रीटमेंट करने के दौरान दोनों ही बीमारियों का इलाज किया जाता है। डॉक्टर एलर्जिक अस्थमा डायग्नोज करने के बाद अस्थमा के लक्षणों को कम करने के लिए एंटी इंफ्लामेट्री मेडिसिंस या फिर ओरल मेडिसिन देते हैं। इन दवाओं के इस्तेमाल से एलर्जिक रिस्पॉन्स को ब्लॉक किया जाता है। डॉक्टर अस्थमा से निपटने के लिए इनहेलर का इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं। वहीं एलर्जी की समस्या से राहत के लिए डॉक्टर एंटीहिस्टामाइन देते हैं, जिससे ईचिंग, स्किन रैशेज, पित्ती आदि समस्याओं से राहत मिलती है।
दवाओं का इस्तेमाल बंद कर देने पर आपको फिर से एलर्जी की समस्या हो सकती है। आपको डॉक्टर ने जितने समय तक दवाओं का सेवन करने की सलाह दी हो, उतने समय तक दवाएं जरूर लें। अगर आपको दवाओं के सेवन से किसी प्रकार की समस्या हो रही है, तो डॉक्टर को जरूर बताएं। कुछ लोगों को दवा का सेवन करने के बाद भी एलर्जी का सामना करना पड़ता है। ऐसे में डॉक्टर को जानकारी देना बहुत जरूरी है।अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से संपर्क करें।
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एलर्जी-इंड्यूस्ड अस्थमा (Allergy-induced asthma) कब हो सकता है खतरनाक?
एलर्जी-इंड्यूस्ड अस्थमा के कारण सीरियस कॉम्प्लीकेशंस का सामना करना पड़ सकता है। एनाफिलेक्सिस (anaphylaxis) के कारण व्यक्ति को गंभीर लक्षणों का सामना करना पड़ता है। ऐसा अक्सर तब होता है, जब बीमारी का इलाज नहीं कराया जाता है। सेवर एलर्जिक रिएक्शन के कारण खाना निगलने में समस्या (difficulty swallowing), चिंता (anxiety), कंफ्यूजन की स्थिति (confusion), डायरिया (diarrhea), खांसी, बेहोशी आदि लक्षण भी दिखाई देते हैं। ये लक्षण आमतौर पर गंभीर रूप भी ले सकते हैं। अगर इसका समय पर ट्रीटमेंट न कराया जाए, तो व्यक्ति की मृत्यु भी हो सकती है। ऐसा हार्ट रेट के अनियमित होने, कमजोरी छाने, लो ब्लड प्रेशर के कारण, कार्डियक अरेस्ट के कारण हो सकता है। अगर आपको लगे कि आपको सीजन के चेंज होने पर सांस लेने में समस्या के साथ ही एलर्जी के लक्षण दिख रहे हैं, तो बिना देरी किए आपको ट्रीटमेंट कराना चाहिए।
इस बीमारी के लक्षणों को कैसे करें कंट्रोल?
एलर्जी-इंड्यूस्ड अस्थमा के लक्षणों को कंट्रोल करने के लिए आपको एलर्जन की पहचान होना बहुत जरूरी है। अगर आप एलर्जन को पहचान जाएंगे, तो उनसे दूरी बनाकर आप बीमारी के लक्षणों को नियंत्रित कर सकते हैं। सीजन बदलने के साथ ही लक्षण बदल जाते हैं यानी एलर्जी और अस्थमा के लक्षणों में बदलाव हो सकता है। आपको अचानक से होने वाली परेशानी से निजात के लिए हमेशा अपने पास इनहेलर रखना चाहिए। साथ ही एंटीहिस्टामाइन (Antihistamine) का सेवन एलर्जी के लक्षणों से बचाने में आपकी मदद करेगा।
हैलो हेल्थ किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार उपलब्ध नहीं कराता। इस आर्टिकल में हमने आपको एलर्जिक अस्थमा (Allergic Asthma) के संबंध में जानकारी दी है। आप जानकारी और सलाह लेने के बाद ही दवाओं का सेवन करें। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस संबंध में अधिक जानकारी चाहिए, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्सर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे।