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ब्रिटल अस्थमा : कैसे बचा जा सकता है अस्थमा के इस गंभीर प्रकार से?

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


AnuSharma द्वारा लिखित · अपडेटेड 31/05/2021

    ब्रिटल अस्थमा : कैसे बचा जा सकता है अस्थमा के इस गंभीर प्रकार से?

    अस्थमा यानी दमा वो स्थिति है जिसमें रोगी की एयरवेज तंग हो जाते हैं और उसमें सूजन व अतिरिक्त बलगम का उत्पादन हो सकता है। इसके कारण सांस लेने में समस्या हो जाती है, खांसी की समस्या बढ़ सकती है या जब आप सांस छोड़ते हैं तो सीटी जैसी आवाज आती है। कई लोगों के लिए अस्थमा कोई बड़ी समस्या नहीं है। लेकिन,अधिकतर लोग इसे गंभीर रोग मानते हैं जिसके कारण उनका रोजाना का काम प्रभावित होता है और इसके कारण अस्थमा अटैक भी हो सकता है। आज हम अस्थमा के एक प्रकार के बारे में आपको बताने वाले हैं, जिसे ब्रिटल अस्थमा (Brittle Asthma) कहा जाता है। जानिए इसके बारे में विस्तार से:

    ब्रिटल अस्थमा क्या है? (Brittle Asthma)

    ब्रिटल अस्थमा (Brittle Asthma), अस्थमा का एक दुर्लभ और गंभीर प्रकार है। इसके कारण इतने भयानक अटैक होते हैं कि लक्षणों को कंट्रोल करने के लिए अस्पताल तक जाना पड़ सकता है। डॉक्टररों को इसके कारणों के बारे में सही से पता नहीं है। लेकिन, जानवरों, धूल-मिट्टी, कई तरह से फंगस या कई खाद्य पदार्थ भी इन समस्याओं को बढ़ा सकते हैं। अस्थमा से पीड़ित लोगों में ब्रिटल अस्थमा होने की संभावना एक प्रतिशत से भी कम होती है।

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    ब्रिटल अस्थमा के प्रकार इस तरह से हैं (Types of Brittle Asthma)

    जैसे ब्रिटल अस्थमा, अस्थमा का एक प्रकार हैं, वैसे ही ब्रिटल अस्थमा (Brittle Asthma) के दो प्रकार होते हैं। यह प्रकार इस तरह से हैं: 

    ब्रिटल अस्थमा

    टाइप 1 (Type 1)

    ब्रिटल अस्थमा (Brittle Asthma) के इस प्रकार में रोगी को पूरे दिन सांस लेने में समस्या होती है। तब भी अगर आप अस्थमा की दवाइयों की हाय डोज लेते हैं। इस ब्रेथलेसनेस को पीक एक्सपायरेट्री फ्लो  (Peak Expiratory Flow) में मापा जाता है। टाइप 1 वाले लोगों की इम्युनिटी कमजोर होती है और वे रेस्पिरेटरी इंफेक्शंस (Respiratory Infections) के प्रति अधिक संवेदनशील हो सकते हैं। टाइप 1 ब्रिटल अस्थमा  (Brittle Asthma) वाले 50 प्रतिशत से अधिक लोगों को गेहूं और डेयरी उत्पादों से भी एलर्जी भी होती है। आपको अपने इन लक्षणों को स्थिर करने के लिए बार-बार अस्पताल में भर्ती होने की भी आवश्यकता हो सकती है। टाइप 1 ब्रिटल अस्थमा अधिकतर महिलाओं को प्रभावित करता है।

    टाइप 2 (Type 2)

    ब्रिटल अस्थमा (Brittle Asthma) का यह प्रकार अचानक गंभीर अस्थमा अटैक का कारण बन सकता है। जो बिना किसी वजह के होता है। चाहे आपकी ब्रीदिंग कंट्रोल में हो। यह अटैक इतने गंभीर हो सकते हैं कि जान के लिए जोखिम बन सकते हैं। अस्थमा का यह प्रकार पुरुषों और महिलाओं दोनों को समान रूप से प्रभावित कर सकता है।

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    ब्रिटल अस्थमा के कारण और रिस्क फैक्टर (Causes and Risk Factors of Brittle Asthma)

    रिसर्च के अनुसार ब्रिटल अस्थमा (Brittle Asthma) फूड इनटॉलेरेंस  food intolerances से जुड़ा हुआ है। ऐसा माना जाता है कि ब्रिटल अस्थमा से पीड़ित 60 प्रतिशत लोगों को टाइप 1 ब्रिटल अस्थमा होता है। जिसमें पचास प्रतिशत लोगों को गेहू और डेयरी उत्पादों के प्रति इनटॉलेरेंस होती है। इसका अर्थ है कि अगर आपको फूड एलर्जी जैसे गेहूं के प्रति इनटॉलेरेंस है, तो आपमें ब्रिटल अस्थमा (Brittle Asthma) का जोखिम बढ़ सकता है। जानिए इसके कारणों और रिस्क फैक्टर्स के बारे में:

    दिमागी स्वास्थ्य भी ब्रिटल अस्थमा (Brittle Asthma) के लक्षणों में मुख्य भूमिका निभाता हैं।  ऐसा माना जाता है कि अस्थमा और मेंटल हेल्थ एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। 

    कुछ दवाईयां भी गंभीर अस्थमा के जोखिम को बढ़ाने में मददगार होती हैं। जैसे:

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    ब्रिटल अस्थमा से जुड़े अन्य रिस्क फैक्टर इस प्रकार हैं:

    उम्र में इस समस्या का एक रिस्क फैक्टर हो सकता है। अब जानते हैं क्या हैं ब्रिटल अस्थमा (Brittle Asthma) के लक्षण ताकि आप सही समय पर उनकी पहचान कर सकें।

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    ब्रिटल अस्थमा के लक्षण क्या हैं? (Symptoms of  Brittle Asthma)

    सामान्य अस्थमा के मुकाबले ब्रिटल अस्थमा (Brittle Asthma) के लक्षण अधिक गंभीर होते हैं। कई मामलों में ब्रिटल अस्थमा (Brittle Asthma) से पीड़ित लोगों को अस्पताल में दाखिल होने की जरूरत भी पड़ सकती है। क्योंकि इस दौरान ब्रीदिंग की समस्या जानलेवा हो सकती है। ब्रिटले अस्थमा के लक्षण इस प्रकार हैं: 

    ब्रिटल अस्थमा का निदान किस तरह से संभव है? (Diagnosis of Brittle Asthma)

    ब्रिटल अस्थमा (Brittle Asthma) के निदान के लिए डॉक्टर सबसे पहले रोगी से इस समस्या के लक्षणों के बारे में जानते हैं। इसके साथ ही वो रोगी की शारीरिक जांच भी करते हैं। लंग फंक्शन और पीक एक्सपायरेट्री फ्लो (Peak Expiratory  Flow) यानी  PEF को मापा जाता है।  डॉक्टर फॅमिली हिस्ट्री के बारे में भी पूछते हैं। इसके साथ ही डॉक्टर को अन्य बीमारियों का भी निदान करना चाहिए, जो मरीज के फेफड़ों के कार्य को प्रभावित कर सकती हैं  जैसे कि सिस्टिक फाइब्रोसिस (Cystic Fibrosis)। इसके लक्षणों की गंभीरता इसके निदान में मुख्य भूमिका निभाती है। 

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    ब्रिटल अस्थमा का उपचार कैसे किया जाता है? (Treatment of Brittle Asthma)

    कुछ डॉक्टर इस रोग का उपचार करना चुनौतीपूर्ण मानते हैं। इसलिए यह रोग जान के लिए जोखिम हो सकती है।  इसके सही उपचार और मैनेजमेंट में नियमित ब्रोन्कोडायलेटर (Bronchodilator) और कॉर्टिकोस्टेरॉइड इनहेलर थेरेपी (Corticosteroid Inhaler Therapies) आदि शामिल हैं। लेकिन इनका प्रयोग अन्य तरह के अस्थमा के मुकाबले अलग किया जाता है। डॉक्टर को ब्रिटल अस्थमा (Brittle Asthma) के मरीज के लक्षणों को अच्छे से मॉनिटर करना चाहिए ताकि सही तरीके से उपचार हो सके। इसके कुछ तरीके इस प्रकार हैं 

    दवाइयां (Medications)

    दवाइयां ब्रिटल अस्थमा (Brittle Asthma) के उपचार में मुख्य रोल निभाती हैं। डॉक्टर इन दवाइयों का प्रयोग गंभीर और अनियंत्रित अस्थमा के उपचार के रूप में कर सकते हैं।  ब्रिटल अस्थमा के उपचार के लिए प्रयोग होने वाली दवाइयां इस प्रकार हैं:

    स्टेरॉयड्स (Steroids) : ब्रिटल अस्थमा (Brittle Asthma) से पीड़ित लोगों के लिए हालांकि स्टेरॉयड हमेशा प्रभावी नहीं होती। इस समस्या में इनकी हाय डोज इसमें मदगार साबित हो सकती है। इसके साथ ही इंहेल्ड स्टेरॉयड की अधिक डोज या ओरल स्टेरॉयड जैसे प्रेडनिसोलोन (Prednisolone) का प्रयोग किया जा सकता है। 

    एंटीकोलिनर्जिक एजेंट्स (Anticholinergic Agents) : अस्थमा को कंट्रोल करने में मदद करने के लिए यह दवाई एयरवेज की मसल्स को रिलैक्स करने के लिए प्रयोग की जाती है। स्पिरिवा (Spiriva)  एंटीकोलिनर्जिक मेडिकेशन का एक उदहारण है।  

    ल्यूकोट्रिन एंटागोनिस्ट (Leukotriene Antagonists) : ल्यूकोटरीन एंटागोनिस्ट इम्यून सिस्टम में सेल्स और टिश्यूज द्वारा रिलीज होने वाले केमिकल है।  यह सूजन, एलर्जी और अस्थमा के लक्षणों को दूर करने में मुख्य भूमिका निभाते हैं।

    बीटा-2-एगोनिस्ट (Beta-2-Agonists) : मरीज इन्हेलर्स और नेब्युलायजर के लिक्विड के रूप में शार्ट-एक्टिंग और लॉन्ग एक्टिंग बीटा-2 एगोनिस्ट का प्रयोग कर सकते हैं। बीटा-2 एगोनिस्ट एयरवे मसल्स को रिलैक्स और खोलने में मदद करती है ताकि ब्रीदिंग सुधर सके।

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    ब्रोन्कियल थर्मोप्लास्टी (Bronchial Thermoplasty)

    यू.एस. फूड और ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (The U.S. Food and Drug Administration) ने वयस्कों में गंभीर अस्थमा के उपचार के लिए ब्रोन्कियल थर्मोप्लास्टी (Bronchial Thermoplasty ) की सलाह दी है।  ब्रिटल अस्थमा (Brittle Asthma) एक गंभीर स्थिति है। इसके कारण होने वाली सूजन की वजह से एयरवे में मौजूद स्मूथ मसल्स थिक हो जाती हैं। ब्रोन्कियल थर्मोप्लास्टी एयरवेज की स्मूथ मसल्स को रेडियो फ्रीक्वेंसी एनर्जी प्रदान करने में शामिल होती है ताकि इनकी थिकनेस कम हो सके। 

    Brittle Asthma

    एलर्जेंस को कम करें (Reducing Allergens)

    ब्रिटल अस्थमा (Brittle Asthma) से बचने के लिए सबसे जरूरी है एलर्जेंस से संपर्क में आने से बचना। यह सामान्य एलर्जेंस इस प्रकार हैं: 

    इनसे बचने के लिए पालतू जानवरों से दूर रहें, अपने घर पर आसपास साफ सफाई का खास ध्यान रखें, परागकणों के मौसम में अपने घर की खिड़कियों को बंद रखें।

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    ओमालिज़ुमैब इंजेक्शन (Omalizumab Injections)

    ओमालिज़ुमैब में रीकम्बीनैंट एंटी-इम्यूनोग्लोबिन-E मोनोक्लोनल एंटीबाडी (Recombinant Anti-Immunoglobin-E Monoclonal Antibody) होते हैं, जो एलर्जिक रिस्पांस को कम करने में मदद करते हैं। जिसके कारण अस्थमा की समस्या बढ़ सकती है। महीने में एक या दो बार स्किन के नीचे इस इंजेक्शन को लगाने से अस्थमा अटैक्स बचा का सकता है। अब जान लेते हैं कैसे संभव है इस समस्या से बचाव।

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    ब्रिटल अस्थमा से इस तरह से करें अपना बचाव (Prevention From Brittle Asthma)

    ब्रिटल अस्थमा अस्थमा का ही एक प्रकार हैं। यानी, अगर आप अस्थमा से अपना बचाव कर लेते हैं तो ब्रिटल अस्थमा (Brittle Asthma) से भी बचाव संभव है।हालांकि अस्थमा से बचने का कोई तरीका नहीं है, लेकिन आप और आपके डॉक्टर आपको इस कंडीशन और अस्थमा अटैक्स से बचने के लिए प्लान बना सकते हैं। इसका पूरी तरह से पालन करना जरूरी है। जानिए कैसे बच सकते हैं आप ब्रिटल अस्थमा (Brittle Asthma) से। 

    • अस्थमा यानी दमा एक ऑनगोइंग स्थिति ,है जिसे नियमित रूप से मॉनिटर और उपचार की जरूरत होती है।सही उपचार से आप अपने जीवन को बच्चे से कंट्रोल कर सकते हैं।
    • इन्फ्लुएंजा (Influenza) और निमोनिया (Pneumonia) की वैक्सीनेशन कराएं। इसके बारे में डॉक्टर से पूछें। 
    • दमा के लक्षणों को पहचानें और उन्हें अवॉयड करें। कई आउटडोर एलेर्जेन जैसे परागकण, प्रदूषण, मोल्ड आदि अस्थमा के लक्षणों को बढ़ाते हैं। इस बात को जानने की कोशिश करें कि किन कारणों से अस्थमा के लक्षण बदतर होते हैं और उनसे बचने के लिए सही कदम उठाएं। 
    • अपनी ब्रीदिंग को मॉनिटर करें। आपकी सांस लेने में समस्या अटैक के लिए वार्निंग सिग्नल हो सकते हैं।
    • हो सकता है कि जब तक आप किन्हीं लक्षणों को नोटिस करें आपका लंग फंक्शन कम हो जाए। ऐसे में आप पीक फ्लो मीटर (Peak Flow Meter) से पीक एयरफ्लो को नियमित रूप से रिकॉर्ड करें और मापें। पीक फ्लो मीटर से पता चलता है कि आप कितने अच्छे से सांस लेते हैं। इसके बारे में डॉक्टर आपको जानकारी दे सकते हैं।
    • डॉक्टर के बताए अनुसार दवाई लें डॉक्टर की सलाह के बिना अपनी आवाज में कोई बदलाव न करें। चाहे उनसे दमा में सुधार हो रहा हो। हर बार चेकअप के दौरान डॉक्टर से मिलते हुए अपनी दवाइयों को साथ ले जाएं ताकि डॉक्टर यह सुनिश्चित कर सके कि आप इन्हें सही तरीके से और इनकी सही डोज ले रहे हैं।
    • जल्दी आराम पहुंचने वाले इनहेलर के प्रयोग पर ध्यान दें। यदि आप अपने आपको लगता है कि जल्दी आराम पहुंचाने वाले इनहेलर, जैसे एल्ब्युटेरोल (Albuterol) पर आप निर्भर हो गए हैं, तो इसका यह अर्थ हो सकता है कि आप अस्थमा नियंत्रण में नहीं है। ऐसे में, अपने उपचार के बारे में सही राय लेने के लिए अपने चिकित्सक से मिलें।
    • अस्थमा अटैक को पहले ही पहचानें और जल्दी उपचार कराएं। जितनी जल्दी आप इसे पहचानेंगे और उपचार कराएंगे, उतना ही यह कम गंभीर होगा।

    ब्रिटल अस्थमा

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    ब्रिटल अस्थमा (Brittle Asthma) से बचने के लिए सबसे पहले इन एक्यूट अटैक और इसके ट्रिगर्स के बारे में जानकारी होनी चाहिए। इसके साथ ही अटैक आने पर तुरंत मेडिकल हेल्प लेने से आपकी जान बच सकती है।टाइप 2 ब्रिटल अस्थमा (Brittle Asthma) के पहले लक्षण दिखाई देने पर एपिपेन इंजेक्शन (EpiPen Injection) का प्रयोग करना जरूरी है। अस्थमा का यह प्रकार गंभीर और दुर्लभ होता है लेकिन यह जानलेवा साबित हो सकता है। ऐसे में सही समय पर लक्षणों की पहचान करना और उन ट्रिगर्स से बचना बेहद जरूरी है जिनसे यह समस्या बढ़ती है। इसके साथ ही अपने लाइफस्टाइल में भी हेल्दी बदलाव लाएं जैसे पौष्टिक आहार का सेवन, व्यायाम करना, पर्याप्त नींद, और तनाव से बचाव आदि। इससे भी आपको पूरी तरह से हेल्दी रहने में मदद मिलेगी।

    डिस्क्लेमर

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    AnuSharma द्वारा लिखित · अपडेटेड 31/05/2021

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