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Airborne infections: खुली हवा में सांस लेना आपको कर सकता है बीमार!

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Bhawana Awasthi द्वारा लिखित · अपडेटेड 21/02/2022

    Airborne infections: खुली हवा में सांस लेना आपको कर सकता है बीमार!

    आपने, हमने और हम सब ने ये बात तो जरूर सुनी होगी कि घर के अंदर दिनभर बंद रहना सेहत के लिए सही नहीं है और हम सबको रोजाना खुली हवा में सांस लेना चाहिए। जी हां! अच्छे स्वास्थ्य के लिए खुली हवा में सांस लेना बहुत जरूरी होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि खुली हवा में सांस लेने से बीमारियां भी हो सकती हैं? हमारे वातावरण में माइक्रोऑर्गेनिज्म पाए जाते हैं और ये हवा के माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में आसानी से पहुंच सकते हैं। जो बीमारियां हवा के माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलती हैं, वो एयर बॉर्न डिजीज (Airborne-infections) या हवा से फैलने वाला संक्रमण कहलाता है। आज इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको हवा से फैलने वाले संक्रमण के बारे में जानकारी देंगे और बताएंगे कि आप कैसे इन बीमारियों से बचाव कर सकते हैं।

    हवा से फैलने वाले संक्रमण (Airborne-infections) कौन-कौन हैं?

    हवा से फैलने वाले संक्रमण खांसी, छींक या बात करते हुए एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल जाते हैं। कुछ वायरस और बैक्टीरिया हवा में या फिर किसी सतह से जाकर चिपक जाते हैं। जब आप खुली हवा में सांस लेते हैं, तो ये आपके अंदर आसानी से पहुंच जाते हैं। अगर आपने किसी ऐसी सतह को छुआ है, जो संक्रमित थी, तो हाथों को मुंह में लगाने से ये आपके शरीर में प्रवेश कर जाएंगे। चूंकि कुछ वायरस और बैक्टीरिया हवा में रहते हैं इसलिए इन्हें नियंत्रित करना कठिन है। जानिए कौन-से वो संक्रमण हैं, जो हवा के माध्यम से फैलते हैं।

    इंफ्लुएंजा (Influenza)

    प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने पर फ्लू की समस्या हो जाना आम बात है। फ्लू आसानी से फैलता है और ये संक्रामक होता है। करीब पांच से सात दिनों तक फ्लू के लक्षण दिखाई पड़ते हैं। जो कि बदलते रहते हैं। अगर किसी व्यक्ति को इंफ्लुएंजा यानी वायरल इंफेक्शन हो जाता है, तो उसके रेस्पायरेटरी सिस्टम पर बुरा असर पड़ता है। नोज, थ्रोट और लंग्स में प्रॉब्ल्मस शुरू हो जाती है। इंफ्लुएंजा के कारण कफ, खांसी, छींक, शरीर में दर्द, थकान, बुखार, सिरदर्द आदि समस्याओं का सामना करना पड़ता है। फ्लू किसी भी उम्र में हो सकता है।

    इंफ्लुएंजा का ट्रीटमेंट

    डॉक्टर संक्रमण की जांच करने के लिए रैपिड इंफ्लुएंजा डायग्नोस्टिक टेस्ट (Rapid influenza diagnostic test) कर सकते हैं। इंफ्लुएंजा का ट्रीटमेंट करने के लिए डॉक्टर एंटीवायरल दवाओं का इस्तेमाल करते हैं। अगर व्यक्ति को वायरल के साथ ही बैक्टीरिया का इंफेक्शन भी हुआ है, तो एंटीबायोटिक्स का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। दवाओं का सेवन करने के साथ ही व्यक्ति को घर के अंदर रहना चाहिए और अन्य व्यक्तियों के संपर्क में नहीं आना चाहिए।

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    चिकनपॉक्स (Chickenpox)

    हवा से फैलने वाले संक्रमण (Airborne infections) में चिकनपॉक्स शामिल है। चिकनपॉक्स वायरल इंफेक्शन है, जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में आसानी से फैलता है। ये बीमारी हवा के माध्यम से फैल सकती है। चिकनपॉक्स वेरिसेला-जोस्टर वायरस (varicella-zoster virus) के कारण होता है। इंफेक्शन के एक्सपोजर में करीब 21 दिनों का समय लग सकता है। ज्यादातर लोगों को केवल एक बार चिकनपॉक्स होता है। इसके बाद वायरस एक्टिव नहीं रहता है। ये वायरल इंफेक्शन किसी भी उम्र में हो सकता है। अगर समय पर वेक्सिनेशन करा लिया जाए, तो इस बीमारी को रोका जा सकता है। चिकनपॉक्स होने पर शरीर में लाल छोटे दाने निकल आते हैं। साथ ही बुखार, थकान और खांसी की समस्या भी हो जाती है। बच्चों को इस बीमारी का खतरा अधिक रहता है।

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    चिकनपॉक्स का ट्रीटमेंट

    चिकनपॉक्स का ट्रीटमेंट इसका टीका ही है। अगर किसी कारण से टीका नहीं लग पाया है, तो इंफेक्शन के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से जांच करानी चाहिए। डॉक्टर

    फीवर कम करने के लिए एसिटामिनोफेन दे सकते हैं। शरीर में कैलेमाइन लोशन खुजली को दूर करने का काम करता है। जब तक ब्लिस्टर ठीक न हो जाएं, पेशेंट को किसी अन्य व्यक्ति के संपर्क में नहीं आना चाहिए। डॉक्टर ट्रीटमेंट के दौरान एंटीवायरल दवाएं भी देते हैं।

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    टीबी (Tuberculosis)

    टीबी को हवा से फैलने वाले संक्रमण के रूप में (Airborne infections) भी जाना जाता है। ट्यूबरक्यूलॉसिस यानी टीबी की बीमारी माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्यूलॉसिस ( Mycobacterium Tuberculosis) बैक्टीरिया के कारण होती है। जिन लोगों में प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है, उन्हें ये संक्रमण आसानी से हो जाता है। संक्रमित व्यक्ति बिना बिमार पड़े ही इस संक्रमण को दूसरे व्यक्ति तक आसानी से पहुंचा सकता है। टीबी की बीमारी फेफड़ों को क्षति पहुंचाती है। कुछ समय बाद ये बैक्टीरिया खून के माध्यम से शरीर के अन्य ऑर्गन में भी पहुंच जाता है।

    टीबी का ट्रीटमेंट (Treatment of TB)

    डॉक्टर टीबी के इलाज के लिए एंटीबायोटिक दवाओं का सेवन करने की सलाह देंगे। आपको दवाओं का कोर्स पूरा करना चाहिए वरना टीबी दोबार लौट कर आ सकता है।HIV पॉजिटिव मरीज को इस बीमारी से खास सावधानी की जरूरत पड़ती है क्योंकि उनका इम्यून सिस्टम बहुत कमजोर होता है।बैक्टीरिया दवाओं के प्रति प्रतिरोधक क्षमता विकसित होने पर दवाओं का असर नहीं दिखता है। ट्यूबरक्यूलॉसिस को समाप्त करने के लिए बीमारी के लक्षणों को पहचान कर तुरंत ट्रीटमेंट कराने की जरूरत पड़ती है।

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    डेप्थीरिया (Diphtheria)

    डेप्थीरिया बच्चों में मौत का कारण बनता है। हवा से फैलने वाले संक्रमण में शामिल है। जिन बच्चों को डेप्थीरिया का टीका नहीं लगवाया गया, उन्हें इस संक्रमण का अधिक खतरा रहता है। वैसे तो साल 2016 में इस संक्रमण के केस दुनियाभर में सात से आठ हजार के करीब ही थे लेकिन इस संक्रमण से बचने के लिए सावधानी बहुत जरूरी है।डेप्थीरिया रेस्पायरेटरी सिस्टम को डैमेज करने का काम करता है। साथ ही ये हार्ट, किडनी और नर्व्स को भी नुकसान पहुंचा सकती है। इस संक्रमण से बचने का एक ही तरीका है कि बच्चों को समय पर टीका लगवाया जाए। आप इस बारे में अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से परार्श कर सकते हैं।

    कॉमन कोल्ड ( Common cold)

    हर साल लाखों लोग कॉमन कोल्ड का सामना करते हैं। कॉमन कोल्ड या सामान्य जुकाम किसी को भी हो सकता है। कॉमन कोल्ड की समस्या बच्चों से लेकर बुजुर्गों को परेशान कर सकती है। कॉमन कोल्ड किसी एक वायरस नहीं बल्कि कई वायरस का परिणाम हो सकता है। बच्चों को सर्दी-जुकाम आमतौर पर रहता है। ये एक प्रकार का राइनोवायरस (Rhinovirus) है। सामान्य जुकाम कुछ दिनों में अपने आप ठीक हो जाता है। इसके लिए किसी खास ट्रीटमेंट की जरूरत नहीं पड़ती है। अगर खांसी या कफ परेशान कर रहा है, तो डॉक्टर आपको दवा दे सकते हैं। एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में कोल्ड आसानी से फैल सकता है।

    कोरोना वायरस और कोविड-19 (Covid-19)

    कोरोना महामारी हवा में आसानी से फैलने वाली बीमारी (Airborne infections) या हवा से फैलने वाली डिजीज है। अगर संक्रमित व्यक्ति से उचित दूरी न बनाई जाए, तो ये बीमारी आसानी से फैल सकती है। सीडीसी ने लोगों से अपील की है पब्लिक प्लेस में लोगों से छह फीट की दूरी जरूर बनाएं और साथ ही मास्क भी पहने। ताकि कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने में मदद मिल सके। कोविड-19 संक्रमण होने पर हल्के बुखार के साथ ही, जुकाम,खांसी, छींक, सिरदर्द आदि लक्षण नजर आते हैं। कोविड-19 के संक्रमण से दुनिया भर में करोड़ों लोग संक्रमित हो चुके हैं और अभी तक इस बीमारी को पूरी तरह से खत्म नहीं किया जा सका है। कोविड-19 पर काबू पाने के लिए दुनिया भर में टीके लगाएं जा रहे हैं और साथ ही इससे लड़ने के लिए लोगों के बीच जागरुकता फैलाई जा रही है।

    कोविड-19 का ट्रीटमेंट (Treatment of Covid-19)

    कोरोना महामारी से बचने के लिए सावधानी ही इसका इलाज है। कोविड-19 के टीके बन चुके हैं और लोगों को दिए जा रहे हैं। इस संक्रमण से बचाव के लिए घर से बाहर निकलने पर सोशल डिस्टेंस के साथ ही मास्क का इस्तेमाल करना बहुत जरूरी है। अगर संक्रमित व्यक्ति खांसता या फिर छींकता है, तो वायरस हवा में फैल जाता है और दूसरे व्यक्ति को आसानी से संक्रमित कर सकता है। हाथों को मुंह में लगाने से पहले हाथों को अच्छी तरह से साबुन से साफ करें या फिर सैनिटाइज करें। ऐसा कर इस बीमारी से बचा जा सकता है। आप अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से भी संपर्क कर सकते हैं।

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    हवा से फैलने वाले संक्रमण को कैसे किया जाता है डायग्नोज? (Diagnosis of Airborne infections)

    एयरबॉर्न डिजीज (Airborne infections) या हवा से फैलने वाली डिजीज होने पर आपको सिरदर्द, बुखार, जुकाम, खांसी आदि लक्षण दिखाई देंगे। लक्षणों के आधार पर डॉक्टर सलाइवा सैंपल ले सकते हैं। सलाइवा सैंपल की मदद से वायरस का पता लग जाता है। कुछ केसेज में डॉक्टर ब्लड टेस्ट, बॉडी फ्लूड टेस्ट भी संक्रमण की जांच के लिए जरूरी होता है। अगर आपको संक्रमण है, तो बिना देरी किए डॉक्टर से जांच कराएं और बीमारी का ट्रीटमेंट लें।

    हवा से फैलने वाले संक्रमण से कैसे करें बचाव? (Prevention of Airborne infections)

    हवा से फैलने वाले संक्रमण को कुछ बातों का ध्यान रख फैलने से रोका जा सकता है। अगर प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाया जाए और हेल्दी फूड्स के साथ ही एक्सरसाइज की जाए, तो शरीर की मजबूती इंफेक्शन से लड़ने में मदद करता है। आपको निम्निलिखत बातों का ध्यान जरूर रखना चाहिए।

    • हाइजीन का ध्यान रखें और घर के बाहर जा रहे हैं, तो मास्क अवश्य पहनें।
    • मास्क की सहायता से कोरोना संक्रमण को फैलने से रोका जा सकता है, इसलिए मास्क अवश्य पहनें।
    • अगर आपको खांसी या फिर छींक आए, तो तुरंत रूमाल का इस्तेमाल करें।
    • अगर आपको डॉक्टर ने एंटीवायरल या फिर एंटीबैक्टीरियल दवा खाने की सलाह दी है, तो कोर्स जरूर पूरा करें।
    • बच्चों को टीका जरूर लगाएं। वैक्सिनेशन की सहायता से कई बीमारियों के खतरे को रोका जा सकता है।
    • रेग्युलर हैंड वॉश को अपनी आदत में शामिल करें।
    • बिना डॉक्टर की सलाह के एंटीबायोटिक दवाओं का सेवन न करें।

    हवा से फैलने वाले संक्रमण को कुछ सावधानियों की मदद से फैलने से रोका जा सकता है। अगर आपको हवाई संक्रमण के लक्षण दिखाई दें, तो तुंरत डॉक्टर से संपर्क करें। आप स्वास्थ्य संबंधी अधिक जानकारी के लिए हैलो स्वास्थ्य की वेबसाइट विजिट कर सकते हैं। अगर आपके मन में कोई प्रश्न है, तो हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक पेज में आप कमेंट बॉक्स में प्रश्न पूछ सकते हैं और अन्य लोगों के साथ साझा कर सकते हैं।

    डिस्क्लेमर

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