- हार्ट के पास रेसिंग सेंसेशन या स्किपिंग का अनुभव होना (Racing Sensation Near Heart)
- बेहोशी (Syncope)
- हार्टबीट की गति में बदलाव के साथ ही अधिक पसीना और त्वचा का पीला होना (Change in Heart Rate)
- छाती में दर्द (Chest Pain)
- सांस लेने में समस्या (Problem in Breathing)
- रेस्टिंग पल्स रीडिंग का पर मिनट 100 बीट्स से अधिक होना (Resting Pulse Reading is more then 100/min)
और पढ़ें : हार्ट फेलियर से बचाने में मदद करते हैं एल्डोस्टेरॉन एंटागोनिस्ट ड्रग्स
एट्रियल प्रीमैच्योर कॉम्प्लेक्स (Atrial Premature Complex) कई बार किसी गंभीर स्थिति का लक्षण भी हो सकता है। इसके पीछे कुछ हेल्थ कंडीशंस भी हो सकती हैं। यह संभावित अंडरलायिंग स्थितियां इस प्रकार हैं:
- गंभीर एरिथमिया जो स्ट्रोक (Stroke) या हार्ट फेलियर (Heart Failure) का कारण बन सकता है।
- हार्ट डिजीज जिसमें इंफेक्शन (Infection), जेनेटिक डिफेक्ट (Genetic Defect) या तंग या ब्लॉक्ड ब्लड वेसल्स (Blocked Blood Vessels) शामिल हैं।
- हाय ब्लड प्रेशर (High Blood pressure)
- उस वॉल्व का में समस्या(Malfunction of Valve) जो हार्ट के अपर चैम्बर्स और लोअर चैम्बर को अलग करता है ।
- वेंट्रिक्युलर टैचीकार्डिया (Ventricular Tachycardia) : यह वो डिसऑर्डर है जो हार्ट रेट के बढ़ने का कारण बनता है और हार्ट अटैक (Heart Attack) का कारण बन सकता है।
अगर आप कभी-कभी प्रीमच्योर बीट्स (Premature Beat) का अनुभव करते हैं। जिसमें आपको कोई भी लक्षण नजर नहीं आता है। तो हो सकता है कि शायद यह बीट्स हानिकारक नहीं है। हालांकि, जब भी आप अपने हार्ट में एक नई सेंसेशन महसूस करते हैं, तो आपको तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए ताकि सही समय पर निदान हो सके। इस समस्या का निदान इस तरह से संभव है?
और पढ़ें : हार्ट डिजीज के रिस्क को कम कर सकता है केला, दूसरी हेल्थ कंडिशन में भी है फायदेमंद
एट्रियल प्रीमैच्योर कॉम्प्लेक्स का निदान (Diagnosis of Atrial Premature Complex)
इस समस्या के निदान के लिए डॉक्टर सबसे पहले रोगी से इस बीमारी के लक्षणों के बारे में जानेंगे। अगर आपने कभी-कभार एक या दो बार एट्रियल प्रीमैच्योर कॉम्प्लेक्स (Atrial Premature Complex) को अनुभव किया है। तो आपको मेडिकल ट्रीटमेंट (Medical Treatment) की जरूरत नहीं है। लेकिन, अगर यह समस्या आपको बार-बार हो रही है तो डॉक्टर की सलाह लें। लक्षणों के आधार पर डॉक्टर आपको कई टेस्ट्स की सलाह दे सकते हैं। यह टेस्ट्स इस प्रकार हैं:
- इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (Electrocardiogram) : इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम टेस्ट एरिथमिया (Arrhythmias) के निदान के लिए किया जाता है
- हॉल्टर मॉनिटर (Holter Monitor) :इसे इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम का पोर्टेबल वर्जन माना जाता है। यह टेस्ट डॉक्टर दिल की सभी इलेक्ट्रिकल एक्टिविटीज (Electrical Activities) को ट्रैक करने के लिए कराते हैं
- एक्सरसाइज स्ट्रेस टेस्ट (Exercise Stress Test) : एक्सरसाइज स्ट्रेस टेस्ट को फिजिकल एक्टिविटी (Physical Activity) जैसे रनिंग या वाकिंग के दौरान किया जाता है। इस चीज को जांचा जाता है कि शारीरिक गतिविधियां करते हुए आपका दिल कैसे काम करता है।
- एकोकार्डियोग्राम (Echocardiogram). : इस टेस्ट में यह मापने के लिए साउंड वेव्स का उपयोग किया जाता है कि आपके हार्ट वॉल्व और मांसपेशियां कितनी अच्छी तरह काम कर रहे हैं या नहीं। यह तो थे इसके निदान के तरीके। इसके बाद जान लेते हैं एट्रियल प्रीमैच्योर कॉम्प्लेक्स (Atrial Premature Complex) के उपचार के बारे में।
और पढ़ें : वायरल मायोकार्डिटिस : इस तरह से किया जाता है इस हार्ट कंडीशन का ट्रीटमेंट!
एट्रियल प्रीमैच्योर कॉम्प्लेक्स का उपचार किस तरह से संभव है? (Treatment of Atrial Premature Complex)
जब भी आप अपनी हार्टबीट में बदलाव नोटिस करें, जिसके बारे में आपने इससे पहले अपने डॉक्टर को भी न बताया हो, तो तुरंत मेडिकल हेल्प लें। एट्रियल प्रीमैच्योर कॉम्प्लेक्स (Atrial Premature Complex) के अधिकांश मामलों में इनिशियल एग्जाम के बाद देखभाल की आवश्यकता नहीं होती है। अगर आपके डॉक्टर को यह लगता है कि यह समस्या घातक नहीं है, तो वो आपको आराम, देखभाल और कुछ सावधानियां बरतने के लिए कह सकते हैं। लेकिन, अगर आपके डॉक्टर को लगता है रोगी में यह बीमारी गंभीर है। तो इसका उपचार आमतौर पर प्रीमच्योर बीट्स (Premature Beats) को ट्रिगर करने वाली अंडरलायिंग स्थिति पर निर्भर करता है।
इसके लिए डॉक्टर आपको इस उपचार कब बारे में पूरी जानकारी दे सकते हैं। कुछ रोगियों को कई बार हानिरहित एट्रियल प्रीमैच्योर कॉम्प्लेक्स (Atrial Premature Complex) की समस्या बार-बार होती है। यह रोजाना के जीवन को इंटरफेयर कर सकती है। गंभीर स्थितियों में इस समस्या के उपचार के लिए यह सलाह दी जाती है:
जीवनशैली में बदलाव (Lifestyle change)
गंभीर स्थिति में रोगी के लिए अपना लाइफस्टाइल बदलना बेहद जरूरी है। ऐसे में डॉक्टर उन्हें कम स्ट्रेस लेने , स्मोकिंग छोड़ने, कम कैफीन का सेवन करने और अन्य हेल्थ इश्यूज जैसे हाय ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure) का तुरंत उपचार कराने के लिए कह सकते हैं।
Quiz : कितना जानते हैं अपने दिल के बारे में? क्विज खेलें और जानें
दवाइयां (Medications)
ऐसे में डॉक्टर रोगी को कुछ दवाइयां जैसे बीटा ब्लॉकर (Beta Blockers) या एरिथमिया (Arrhythmias) के अधिक गंभीर मामलों के इलाज के लिए उपयोग की जाने वाली दवाएं दे सकते हैं। ये दवाएं आमतौर पर कॉन्ट्रैक्शंस को सप्रेस कर देती हैं। गंभीर मामलों में इस तरीकों से रोगी को लाभ होता है।
और पढ़ें : नाइट्रोग्लिसरीन : हार्ट पेशेंट इस दवा के सेवन से पहले बरतें सावधानी!
एट्रियल प्रीमैच्योर कॉम्प्लेक्स (Atrial Premature Complex) में हानिरहित प्रीमेच्योर बीट्स से बचा जा सकता है। इनसे घातक ड्रग, तंबाकू, शराब या कैफीन आदि को छोड़ कर कुछ हद तक बचा जा सकता है। इसके साथ रोजाना व्यायाम करने से भी आपको लाभ होगा। अगर आपको एंग्जायटी (Anxiety) या डिप्रेशन (Depression) जैसी समस्या है, तो उसके लिए आप डॉक्टर से बात करें। क्योंकि इस बीमारी से बचने के लिए आपको तनाव से भी बचना होगा। यही नहीं, अगर आपका वजन अधिक है तो अपने दिल को स्वस्थ रखने के लिए वजन को कम करने के बारे में सोचें। अधिकांश मामलों में यह समस्या सामान्य होती है। लेकिन, यह गंभीर हो सकती है। ऐसे में इससे बचने के लिए सबसे पहले इसके लक्षणों को पहचानें। ताकि समय पर निदान और उपचार संभव हो सके। इससे आप दिल की अन्य समस्याओं या जटिलताओं से भी बच सकते हैं।