इसके अलावा यदि आप एल्कोहॉल, तंबाकू (Alcohol, tobacco) और अन्य नशीले पदार्थों का सेवन करते हैं, तो ये भी बाईं ओर हार्ट फेलियर का कारण बन सकते हैं। इस समस्या को समय रहते ठीक करना बेहद जरूरी है, इसलिए बाईं ओर हार्ट फेलियर (Left-sided heart failure) के ट्रीटमेंट के बारे में आपको जानकारी होना चाहिए। आइए जानते हैं इस समस्या के ट्रीटमेंट के बारे में कुछ खास बातें।
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बाईं ओर हार्ट फेलियर : क्या है इस गंभीर समस्या का ट्रीटमेंट? (Tratment of Left-sided heart failure)
बाईं ओर हार्ट फेलियर के लक्षण दिखाई देने के बाद डॉक्टर कुछ टेस्ट के जरिए इस समस्या का निदान कर सकते हैं और इसके बाद बारी आती है बाईं ओर हार्ट फेलियर (Left-sided heart failure) के ट्रीटमेंट की। इस स्थिति में डॉक्टर न सिर्फ मेडिकेशन शुरू करते हैं, बल्कि कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) को कम करने के लिए दवाओं के साथ ही डायट में कोलेस्ट्रॉल युक्त खाना खाने से परहेज की सलाह भी देते हैं। इसके साथ-साथ आपको आपके लाइफस्टाइल में बड़े बदलाव करने की जरूरत पड़ती है, जिसमें सही खानपान के साथ-साथ रोजाना एक्सरसाइज़ की भी जरूरत पड़ती है। यदि इसके बाद भी आपको इस समस्या में राहत नहीं मिलती, तो आपको सर्जरी करवाने की जरूरत पड़ सकती है।
इन सर्जरी में डिवाइज इंप्लांट, हार्ट रिपेयर या फिर हार्ट ट्रांसप्लांट (Device implant, heart repair or heart transplant) जैसी सर्जरीज का समावेश होता है। इसके अलावा कुछ केस में पेसमेकर का भी इस्तेमाल किया जा सकता है, जिससे लेफ्ट वेंट्रीकल सामान्य रूप से कॉन्ट्रैक्ट हो सके।
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यदि आप अपने शरीर में हो रहे बदलावों पर ध्यान दें, तो आप बाईं ओर हार्ट फेलियर (Left-sided heart failure) के लक्षणों को पहचान सकते हैं। जल्द से जल्द इन लक्षणों को पहचान कर यदि इसका ट्रीटमेंट शुरू करवाया जाए, तो व्यक्ति गंभीर रूप से बीमार होने से बच सकता है। इसके अलावा लाइफस्टाइल (Lifestyle) में सुधार और डॉक्टर द्वारा प्रिसक्राइब मेडिसिन सलाह के अनुसार लिए जाने पर बाईं ओर हार्ट फेलियर की समस्या में मदद मिल सकती है।