हार्मोनल परिवर्तन
प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं के हॉर्मोन में तेजी से बदलाव आता है। इससे शरीर की रासायनिक सरंचना बदलती है और यह माउथ अल्सर यानी मुंह में छाले का कारण बनता है।
तनाव
गर्भावस्था में मुंह के छाले का एक कारण तनाव भी होता है। जो गर्भवती ज्यादा तनाव लेती हैं, उनमें माउथ अल्सर का खतरा ज्यादा रहता है।
आहार
अगर कोई महिला प्रेग्नेंसी के दौरान असंतुलित आहार का सेवन करती है, तो उसे भी माउथ अल्सर होने का खतरा अधिक रहता है। आहार में विटामिन और खनिजों की पर्याप्त मात्रा रहनी चाहिए।
विटामिन व जिंक की कमी से
गर्भवती के शरीर में अगर विटामिन-बी- 12 व जिंक की कमी हो जाए तो इससे भी माउथ अल्सर हो सकता है। इसलिए विटामिन-बी 12 का पर्याप्त मात्रा में सेवन करें।
कम नींद
कम नींद भी प्रेग्नेंसी में मुंह के छालों की एक वजह है। दरअसल नींद की कमी से शरीर में हॉर्मोनल और रासायनिक असंतुलन बनता है और इससे मुंह में छाले आ सकते हैं।
कुछ अन्य कारण
माउथ अल्सर कब्ज होने व अधिक स्मोकिंग करने की स्थिति में हो सकता है।
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प्रेग्नेंसी में माउथ अल्सर हो जाए तो किन बातों का ख्याल रखें?
प्रेग्नेंसी में मुंह के छाले होने पर आपको कुछ बातों पर विशेष ध्यान देना चाहिए। हम आपको बता रहे हैं कुछ ऐसे ही उपाय जो आपको सबसे पहले करने चाहिए।
- सुनिश्चित करें कि आप मुंह की सफाई अच्छे तरीके से कर रहे हैं।
- आप ये भी देखें कि आप अपने दांतों को दिन में कम से कम दो बार चिकित्सीय रूप से प्रमाणित किए गए टूथपेस्ट से ही साफ करें।
- इसके अलावा आप माउथ वॉश का भी इस्तेमाल करें।
- अगर टूथब्रश से मसूड़ों व अल्सर में दर्द हो रहा है, तो नरम ब्रिसल्स वाले ब्रश से धीरे-धीरे दांत साफ करें।
- दर्द से राहत पाने के लिए अल्सर पर डालने के लिए डॉक्टर से सलाह लेकर क्रीम या पेस्ट का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
- ऐसा कोई आहार न खाएं, जिससे छाले के बढ़ने की आशंका हो।
- अगर अल्सर 2 हफ्ते में ठीक न हो तो फौरन डॉक्टर को दिखाएं।
- ठंडा पानी स्ट्रॉ की मदद से ही पिएं।
- नरम, स्वस्थ व संतुलित आहार ही लें।
ये बातें न करें
- अधिक मसालेदार, नमकीन या एसिडिक भोजन न खाएं।
- टोस्ट या चिप्स जैसे ठोस चीजें खाने से भी बचें।
- च्युइंगम भी खाने से बचें। इससे समस्या बढ़ सकती है।
- सोडियम लॉरिल सल्फेट युक्त टूथपेस्ट का इस्तेमाल न करें।
- अनानास, अंगूर, संतरा व नींबू जैसे खट्टे फल का भी सेवन न करें।
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