प्रेग्नेंसी में एक्यूट पायलोनेफ्राइटिस की बात करें, तो यह किड्नी में होने वाला एक बैक्टीरियल इंफेक्शन है, जो प्रेग्नेंसी के दाैरान महिलाओं को प्रभावित करता है। अधिकतर मामलों में यह इंफेक्शन सबसे पहले लोअर यूरिनरी ट्रेक्ट (lower urinary tract) में विकसित होता है। यदि समय रहते इसका इलाज न हो पाए, तो यह जननांग क्षेत्र से मूत्राशय (bladder) तक और फिर किड्नी (Kidney) तक फैल जाता है।
यूनिर्वसिटी ऑफ कैलिफोर्निया,इरविन, स्कूल ऑफ मेडेसिन के स्त्री रोग और प्रसूति विभाग (Department of Obstetrics and
Gynecology, University of California, Irvine, School of Medicine) की रिसर्च के अनुसार महिलाओं की तुलना में प्रेग्नेंट विमेन में इसके होने का खतरा ज्यादा होता है। ऐसा उनमें होने वाले शारीरिक परिर्वतन के कारण होता है। आम तौर पर, मूत्रमार्ग के माध्यम से यूरिन शरीर से बहार निकलता है। प्रेग्नेसी के दाैरान प्रोजेस्टेरोन (progesterone) हॉर्मोन का लेवल शरीर में बढ़ जाता है, जो नलिकाओं के संकुचन को रोक सकती है। यह मूत्रवाहिनी को संकुचित (compress the ureters) कर सकता है।
इस कारण मूत्राशय में बैक्टीरिया बाहर निकालने के बजाय गुर्दे को प्रभावित करने लगते हैं। (Escherichia) बैक्टीरिया इसके होने का सबसे बड़ा कारण है। इसके अलावा अन्य बैक्टीरिया, जैसे क्लेबसिएला निमोनिया (Klebsiella pneumoniae), प्रोटीस स्पाइस (Proteus species), और स्टैफिलोकोकस Staphylococcus, भी गुर्दे के संक्रमण का कारण बन सकते हैं।
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एक्यूट पायलोनेफ्राइटिस के लक्षण (Symptoms of Pyelonephritis)
प्रेग्नेंसी में एक्यूट पायलोनेफ्राइटिस की समस्या होने पर इस तरह के कुछ लक्षण नजर आ सकते हैं, जैसे कि:
- 102 ° F (38.9 ° C) से अधिक बुखार (fever greater than 102°F (38.9°C)
पेट, पीठ, बाजू या कमर में दर्द (pain in the abdomen, back, side, or groin)
- दर्द और जलन के साथ यूरिन होना (painful or burning urination)
- यूरिन के रंग में बदलाव (cloudy urine)
- यूरिन से ब्लड और पस आना (pus or blood in the urine)
- बहुत जल्दी-जल्दी पेशाब आना (urgent or frequent urination)
- पेशाब से मछली जैसी बदबू आना (fishy-smelling urine)