अन्य कारक जो आपको संक्रमण की चपेट में ले सकते हैं उनमें शामिल हैं:
पायलोनफ्राइटिस का निदान (Diagnosis of Pyelonephritis)
आपके लक्षणों के देखते हुए डॉक्टर आपको यूरिन टेस्ट की सलाह दे सकते हैं, ताकि आपके गुर्दे तक तो इंफेक्शन नहीं पहुंचा यह जानने के लिए। यूरिन में श्वेत रक्त कोशिकाओं और बैक्टीरिया की उपस्थिति, दोनों की इसके इंफेक्शन का संकेत है। डॉक्टर आपको यूरिन की बैक्टीरियल क्लचर की जांच के लिए भी बोल सकते हैं।
प्रेग्नेंसी में एक्यूट पायलोनेफ्राइटिस का इलाज (Treatment for Pyelonephritis)
प्रेग्नेंसी में एक्यूट पायलोनेफ्राइटिस (Acute Pyelonephritis in Pregnancy) की समस्या विकसित होने पर, कुछ गंभीर मामलों में डॉक्टर अस्पताल में भर्ती होने की सलाह देते हैं। इसके अलावा डाॅक्टर कुछ जरूरी एंटीबायोटिक्स दे सकते हैं , जैसे कि सेफालोस्पोरिन ड्रग्स जैसे कि सेफाजाेलिन (एएनएफईएस) cefazolin (Ancef)या ceftriaxone (Rocephin) ।
यदि आपके लक्षणों में सुधार नहीं होता है, तो हो सकता है, तो वो आपके उपचार के लिए में हैवी पॉवर वाली एंटीबायोटिक (Antibiotic), जेंटामाइसिन (गैरामाइसिन) (Garamycin) की भी सलाह दे सकते हैं। इसके अलावा डॉक्टर आपको कुछ और भी मेडिकेशन दे सकते हैं। यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपके शरीर में इंफेक्शन कितना फैला है और इसका प्रभाव कहीं बच्चे पर तो नहीं पड़ रहा है। ऐसी स्थिति में डॉक्टर आपको अस्पताल में भर्ती करने की ही सलाह देंगे। फिर आईवी और ड्रीप द्वारा एंटीबॉयोटिक्स देंगे।
समय-समय पर ब्लड टेस्ट के अलावा डॉक्टर स्थिति को देखने के लिए एक्स रे भी करवा सकते हैं। जब आपकी स्थिति में सुधार आ जाएगा तो डॉक्टर कुछ ओरल एंटी बाॅयोटिक्स, जैसे कि ट्राइमेथोप्रिम-सल्फामेथोक्साज़ोल (Trimethoprim-sulfamethoxazole ) या नाइट्रोफ्यूरेंटाइन (Nitrofurantoin) जैसे ड्रग्स देकर 7 से 10 दिन पर फिर चैकअप के लिए बुला सकते हैं।
इस समस्या से बचने के लिए साथ में इन बातों का भी ध्यान रखें, जैसे कि:
- अपने मन से कोई भी दवाई न लें
- दिन भर में तीन से चार लीटर पानी जरूरी पीएं
- लक्षणों के दिखने पर तुंरत डॉक्टर से मिलें
- सोडियम की मात्रा कम लें डायट में
- हायजीन का पूरा ध्यान रखें
- डॉक्टर से फॉलोअप समय-समय पर करते रहें
प्रेग्नेंसी में एक्यूट पायलोनेफ्राइटिस की बात करें, तो प्रेग्नेंसी के दौरान सभी के लिए अलग-अलग स्थिति हो सकती है। आप इसे काेई उपचार न मानें, ऊपर दिए गए लक्षणों के दिखने पर आपकाे तुरंत डाॅक्टर से मिलना चाहिए, नहीं तो मां और बच्चे दोनों के लिए खतरा हो सकता है। इसी के साथ अपने मन से किसी भी प्रकार की दवाइयाें का सेवन करने की गलती न करें। इसके अलावा अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।