दूसरी तिमाही और तीसरी तिमाही में प्रेग्नेंसी में कंधे में दर्द की एक वजह प्रीएक्लैम्पसिया (preeclampsia) भी हो सकता है। यह एक गंभीर स्थिति है जिसमें प्रेग्नेंट महिला को प्रेग्नेंसी के दौरान या डिलिवरी के बाद हाई ब्लड प्रेशर (high blood pressure) या अन्य जटिलताएं होती हैं। इसके लक्षण आमतौर पर गर्भावस्था के 20 हफ्ते बाद दिखते हैं, लेकिन कई बार यह जल्दी भी दिख सकते हैं। कंधे में दर्द के अलावा प्रीएक्लैम्पसिया (preeclampsia के अन्य लक्षणों में शामिल है-
- चेहरे पर सूजन (face swelling)
- हाथों में सूजन (swelling of the hands)
- सिरदर्द (headache pain)
- दृष्टि में बदलाव (changes in vision)
- धुंधला दिखना (blurred vision)
- प्रकाश से संवेदनशीलता (sensitivity to light)
- गहरी सांस (deep breathing) लेने पर दर्द
- पेट के ऊपरी हिस्से (upper abdomen) में दर्द
- पेट के ऊपरी हिस्से में दाहिनी तरफ दर्द
- मितली और उल्टी (nausea and vomiting)
- सांस लेने में दिक्कत (difficulty breathing)
प्रीएक्लैम्पसिया (preeclampsia) का समय पर उपचार जरूरी है, वरना यह मां और बच्चे दोनों के लिए खतरनाक हो सकता है। यदि किसी महिला को सामान्य प्रीएक्लैम्पसिया (preeclampsia) है तो डॉक्टर रेग्युलर चेकअप के लिए बुला सकता है और दिन में कई बार उनका ब्लड प्रेशर चेक किया जाता है। ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने के लिए उन्हें दवा के साथ ही, लो सोडियम डायट (low-sodium diet) और बेड रेस्ट की भी सलाह दी जाती है। यदि प्रीएक्लैम्पसिया (preeclampsia) की स्थिति में सुधार नहीं होता है तो डॉक्टर समय से पहले बच्चे की डिलिवरी की सलाह दे सकता है, क्योंकि आमतौर पर डिलिवरी के बाद यह समस्या ठीक हो जाती है या जल्दी रिकवर हो जाती हैं।
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प्रेग्नेंसी के दौरान कंधे के सामान्य दर्द से राहत पाने के उपाय (Treatment for shoulder pain during pregnancy)

यदि प्रेग्नेंसी के दौरान कंधे में दर्द (सामान्य दर्द) से राहत पाने के लिए आप कुछ आसान तरीके आजमा सकती हैं-
- सामान्य स्ट्रेचिंग (stretching) करें
- प्रशिक्षित प्रोफेशनल से मसाज करवाएं
- हल्के गर्म पानी से नहाएं
- वॉर्म या कोल्ड कंप्रेसेस का इस्तेमाल (warm or cold compresses)
- पोश्चर सपोर्ट (posture support)
- तकिया का सहारा लेकर सोना
डॉक्टर की सलाह पर पेन किलर ले सकती हैं। कंधे के दर्द के गंभीर कारणों जैसे एक्टोपिक (ectopic), पित्ताशय की पत्थरी (gallstones) और प्रीएक्लैम्पसिया (preeclampsia) होने पर आपको मेडिकल ट्रीटमेंट की जरूरत है।
प्रेग्नेंसी के दौरान कंधे में दर्द से बचाव (Prevention of shoulder pain in pregnancy)
आमतौर पर प्रेग्नेंसी के दौरान कंधे में दर्द से बचाव नहीं किया जा सकता, क्योंकि इसका सटीक कारण पता नहीं होता, लेकिन हां, आप इसे गंभीर होने से जरूर बचा सकती हैं। इसके लिए डॉक्टर से सलाह लें और उनसे पूछें की इस दौरान आप अपने ब्लड प्रेशर (blood pressure) को कैसे नियंत्रित कर सकती हैं।
प्रेग्नेंसी के दौरान ब्लड प्रेशर (blood pressure during pregnancy) को नियंत्रित रखने के लिए इन बातों का ध्यान रखें-
- पूरे दिन में पर्याप्त पानी पीएं
- खाने में नमक की मात्रा सीमित करें
- डायट में प्रोटीन (protein) की मात्रा बढ़ाएं
- जब भी संभव हो पैर ऊपर रखें
- ज्यादा देर तक खड़ी न रहें
- रोजाना हल्की-फुल्की एक्सरासइज (light exercise) करें
- फास्ट फूड (fast food) परहेज करें
- तली चीजों (fried food) से परहेज करें
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प्रेग्नेंसी के दौरान कुछ दर्द ऐसे होते हैं जिसे कंट्रोल नहीं किया जा सकता, लेकिन हेल्दी लाइफस्टाइल (healthy lifestyle) अपनाकर प्रेग्नेंसी के दौरान (during pregnancy) होने वाली जटिलताओं को जरूर थोड़ा कम किया जा सकता है। इसलिए डायट से लेकर एक्सरसाइज और एहतियाहत बरतने के बारे में डॉक्टर से सलाह जरूर लें। प्रेग्नेंसी में किसी भी महिला को अपना दोहरा ख्याल रखना होता है, क्योंकि उसकी सेहत से ही बच्चे की सेहत जुड़ी होती है।