11 हफ्ते में डॉक्टर आपको न्यूक्ल ट्रांसलुसेंसी (Nuchal Translucency) स्कैन कराने को भी कहेंगे जो एक अल्ट्रासाउंड है। इससे यह पता चल सकता है कि कहीं आपका शिशु डाउन सिंड्रोम नामक एक आनुवंशिक विकार का शिकार तो नहीं है।
इस प्रेग्नेंसी के पड़ाव के दौरान डायट (Diet during Stages of Pregnancy) कैसी होनी चाहिए?
आपको गर्भावस्था में कैलोरी के साथ-साथ भरपूर प्रोटीन (Protin), विटामिन (Vitamin), कैल्शियम (Calcium) आदि की जरूरत होती है। जानिए, कैसी होनी चाहिए पहली तिमाही (first trimester) के दौरान डायट :
- गर्भावस्था की शुरुआत में ही हेल्दी खाने की आदत ड़ाल लें। अपने आहार में सब्जियों जैसे पालक, ब्रोकली, शिमला मिर्च, मटर, शकरकंदी आदि को अवश्य शामिल करें।
- खट्टे फल फोलिक एसिड का एक अच्छा स्रोत हैं, इसलिए नियमित रूप से अंगूर, संतरे, और अन्य फलों खाने की कोशिश करें।
- डेयरी उत्पाद प्रोटीन और कैल्शियम का अच्छा स्त्रोत हैं। दही, कम वसा वाले दूध और पनीर आदि को अपने आहार में शामिल अवश्य करें।
- साबुत गेहूं, जई, जौ, मक्का, बाजरा और साबुत अनाज आपके पहले ट्राइमेस्टर में जरूरी हैं। यह बच्चे को ऊर्जा प्रदान करते हैं और गर्भनाल के विकास के लिए आवश्यक हैं।
- अदरक और नींबू जैसे खाद्य पदार्थ आपको मतली और मॉर्निंग सिक्नेस जैसी परेशानियों से राहत दिला सकते हैं, जो इस प्रेग्नेंसी के पड़ाव (Stages of Pregnancy) में होना सामान्य है।
- इस गर्भावस्था के चरण (Stages of Pregnancy) में जितना हो सके, अधिक पानी और अन्य तरल पदाथों का सेवन करना न भूलें।
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इस दौरान किन चीजों का सेवन न करें
गर्भावस्था की पहली तिमाही (First Trimester) में आपको इन चीजों का सेवन कम या बिलकुल भी नहीं करना चाहिए:
- अल्कोहल
- कैफीन
- कच्ची मच्छली, मांस और अंडे
- कच्चे स्प्राउट
- अनपाश्चराइज्ड दूध या अन्य डेयरी उत्पाद
इस बारे में शहानी हॉस्पिटल की डायरेक्टर की डाॅक्टर संतोष शहानी का कहना है कि प्रसव के दौरान, धीरे-धीरे और गहरी सांस लेने से आपको आराम करने में मदद मिलती है और यह आपकी मांसपेशियों में होने वाले तनाव को भी रोकता है, जिससे आपके गर्भाशय ग्रीवा का विस्तार होता है। प्रेग्नेंसी के दौरान कई महिलाओं को सांस फूलने की तकलीफ होती है। तो ऐसे में ब्रीदिंग एक्सरसाइज करने से आपको डिलीवरी के समय काफी आसानी होगी। सांस की समस्या से बचने के लिए प्रेग्नेंसी के दौरान आप इस तरह से खुद को सक्रिए रखें।
इस प्रेग्नेंसी के पड़ाव (Stages of Pregnancy) में कौन से व्यायाम करने चाहिए
इस प्रेग्नेंसी के पड़ाव (Stages of Pregnancy) यानी पहली तिमाही (First Trimester) में आपको निम्नलिखित व्यायाम करने चाहिए:
- वाकिंग और रनिंग
- स्विमिंग
- डांसिंग
- योग
- पिलाटे
इस दौरान आपको एक्सरसाइज करने की आदत डालनी चाहिए। हालांकि, आपको कौन सी और कितनी देर एक्सरसाइज करनी चाहिए, इसकी सलाह अपने डॉक्टर से अवश्य लें।
प्रेग्नेंसी की दूसरी तिमाही (Second Trimester of Pregnancy)
अब बात करते हैं दूसरे प्रेग्नेंसी के पड़ाव (Stages of Pregnancy) की, जो 13 to 28वें हफ्ते का समय होता है। इस दौरान आप पहली बार अपने बेबी को हिलते हुए भी देख सकते हैं। दूसरी तिमाही (Second Trimester) की अच्छी बात यह है कि इसमें आपकी थकावट और मॉर्निंग सिकनेस की समस्या दूर हो जाएगी। लेकिन, आप कुछ अन्य समस्याओं का अनुभव कर सकते हैं।
दूसरी तिमाही (Second Trimester) में महिला के शरीर में कौन से परिवर्तन आ सकते हैं?
इसके साथ ही आपको सिर चकराना, बार-बार मूत्र त्याग, सिरदर्द जैसी परेशानियां भी हो सकती हैं।
इस प्रेग्नेंसी के पड़ाव (Stages of Pregnancy) का भ्रूण में क्या बदलाव आता है?
दूसरी तिमाही (Second Trimester) के दौरान शिशु के अंग पूरी तरह से विकसित हो जाते हैं। शिशु सुनना और निगलना भी शुरू कर सकता है। दूसरी तिमाही (Second Trimester) के अंत में, शिशु घूमना शुरू कर देगा जिसे मां महसूस कर सकती है। दूसरी तिमाही (Second Trimester) के अंत तक शिशु की लंबाई लगभग 14 इंच होगी और उसका वजन 900 ग्राम से थोड़ा अधिक होगा।
प्रेग्नेंसी में टीकाकरण की क्यों होती है जरूरत ?