कार्डियक मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग से दिल का साइज, शेप और स्ट्रक्चर का पता चलता है। यह टेस्ट हार्ट मसल में सूजन के लक्षणों को भी बताता है।
इकोकार्डियोग्राम (Echocardiogram)
इस टेस्ट में साउंड वेव्स (Sound Waves) द्वारा बीटिंग हार्ट की मूविंग इमेज बनाई जाती है। इस टेस्ट से हार्ट की एंलार्जेमेंट, पुअर पम्पिंग फंक्शन, वॉल्व प्रॉब्लम्स, हार्ट में क्लॉट या हार्ट के आसपास फ्लूइड आदि का भी पता चलता है।
नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन (National Center for Biotechnology Information) के अनुसार लेफ्ट वेंट्रिकुलर फंक्शन (Left Ventricular Function) के बारे में जानने के लिए एकोकार्डिओग्राफी जरूरी है। ताकि हार्ट फेलियर के कारणों को दूर किया जा सके जैसे वैलव्युलर (Valvular), कॉन्जेनिटल (Congenital) या एमिलॉयडोसिस हार्ट डिजीज (Amyloid Heart Disease) आदि।
ब्लड टेस्ट्स (Blood tests)
ब्लड टेस्ट्स से व्हाइट और रेड ब्लड सेल काउंट्स के साथ ही कुछ खास एंजाइम के बारे में पता चलता है जो इस बात की तरफ इशारा करते हैं कि आपके हार्ट मसल को नुकसान हुआ है या नहीं। इसके साथ ही वायरस के अगेंस्ट एंटीबाडीज के बारे में भी इससे पता चलता है। अब जानते हैं वायरल मायोकार्डिटिस ट्रीटमेंट (Viral Myocarditis Treatment) के बारे में।
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वायरल मायोकार्डिटिस ट्रीटमेंट किस तरह से संभव है? (Treatment of Viral Myocarditis)
कई मामलों में वायरल मायोकार्डिटिस की समस्या खुद ही ठीक हो जाती है। वायरल मायोकार्डिटिस ट्रीटमेंट (Viral Myocarditis Treatment) इसके कारणों और लक्षणों पर निर्भर करता है। मायोकार्डिटिस की समस्या अगर बैक्टीरिया के कारण है, तो एंटीबायोटिक्स और पर्याप्त आराम से आपका उपचार संभव है। वायरल मायोकार्डिटिस की स्थिति में एंटीवायरल मेडिकेशन्स भी उपलब्ध हैं। लेकिन यह उपचार इस समस्या के अधिकतर मामलों में प्रभावी साबित नहीं होते हैं। कुछ खास दुर्लभ वायरल मायोकार्डिटिस जैसे जायंट सेल और इओसिनोफिलिया मायोकार्डिटिस (Eosinophilic Myocarditis) की स्थिति में इम्युनिटी को सप्रेस के लिए कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स या अन्य दवाओं के लिए रिस्पॉन्ड करते हैं। कुछ मामलों में क्रोनिक बीमारियों, जैसे ल्यूपस के कारण, उपचार अंडरलायिंग डिजीज पर निर्देशित होता है।

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दवाईयां
वायरल मायोकार्डिटिस के कारण हार्ट फेलियर और एरिथमिया (Arrhythmias) की समस्या हो सकती है, इस स्थिति में दवाईयों और अन्य उपचारों की जरूरत हो सकती है। कुछ खास एब्नार्मल हार्ट रिदम (Abnormal Heart Rhythm) या गंभीर हार्ट फेलियर में रोगी को हार्ट में ब्लड क्लॉट (Blood clots) के जोखिम को कम करने में लिए दवाईयां दी जा सकती हैं। वायरल मायोकार्डिटिस ट्रीटमेंट (Viral Myocarditis Treatment) के लिए दवाईयां इस प्रकार हैं:
- अगर रोगी का हार्ट कमजोर है तो डॉक्टर आपको कुछ दवाईयों की सलाह दे सकते हैं ताकि हार्ट का वर्कलोड कम हो सके और एक्सेस फ्लूइड को कम किया जा सके। इन दवाईयों में एंजियोटेंसिन कंवर्टिंग एंजाइम इन्हिबिटर्स (Angiotensin-Converting Enzyme Inhibitors) शामिल हैं यह दवाईयां हैं इनालाप्रिल (Enalapril), कैप्टोप्रिल ( captopril), लिसिनोप्रिल ( lisinopril), जो हार्ट में ब्लड वेसल को रिलैक्स करने में मदद करती है और ब्लड को फ्लो करने में आसानी होती है।
- बीटा ब्लॉकर्स (Beta Blockers) : बीटा ब्लॉकर्स जैसे मेटोप्रोलोल (Metoprolol), बिसोप्रोलोल (Bisoprolol) जो हार्ट फेलियर का उपचार करती हैं।
- डायूरेटिक्स (Diuretics) :डायूरेटिक्स जैसे फ्यूरोसेमाइड (Furosemide) सोडियम और फ्लूइड रिटेंशन से आराम पहुंचाते हैं
गंभीर मामलों में वायरल मायोकार्डिटिस ट्रीटमेंट (Viral Myocarditis Treatment) के लिए यह तरीके अपनाएं जाते हैं:
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वायरल मायोकार्डिटिस से कैसे बचें? (Prevention of Viral Myocarditis)
वायरल मायोकार्डिटिस से बचना वैसे संभव नहीं है, लेकिन कुछ टिप्स को अपना कर आप इंफेक्शन की संभावनाओं को कम कर सकते हैं। यह तरीके इस प्रकार हैं:
- जिन लोगों को वायरल या फ्लू जैसी बीमारी है उन लोगों के सम्पर्क में आने से तब तक बचें, जब तक वो पूरी तरह से ठीक न हो जाए। अगर आपको वायरल के लक्षण हैं तो आप अन्य लोगों से दूर रहें।
- नियमित हैंड वाश से भी बीमारियां फैलने की संभावना कम होती है। ऐसे में साफ़-सफाई और हायजीन का खास ध्यान रखें।
- वायरस के सम्पर्क में आने से बचने के लिए टिक्स से बचें। इसके लिए आप बाहर जाते हुए पूरे कपड़े पहनें और टिक या इन्सेक्ट रीपेलेंट्स का प्रयोग करें।
- वैक्सीन कराएं। रूबेला और इन्फ्लुएंजा से बचने के लिए डॉक्टर की सलाह के अनुसार वैक्सीन लें।
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यह तो थी वायरल मायोकार्डिटिस ट्रीटमेंट (Viral Myocarditis Treatment) के बारे में जानकारी। इसके साथ ही इस समस्या से रिकवर होने के लिए आराम बहुत जरूरी है। डॉक्टर जल्दी रिकवर होने के लिए आपको सही व्यायाम और आहार के बारे में भी पूरी जानकारी देंगे। अगर आप हार्ट डैमेज से बचन चाहते हैं तो अपने आहार में नमक की मात्रा कम रखें, स्मोकिंग न करें और एल्कोहॉल का सेवन करने से भी बचें। इसके साथ ही डॉक्टर से यह भी जानें कि आपको कौन से फ्लूइड का सेवन करना चाहिए और कितनी मात्रा में नमक लेना आपके लिए सही है। अगर आपको इसके कोई भी लक्षण नजर आते हैं, तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लेना जरुरी है