अगर आपको किडनी की समस्या है, तो डॉक्टर की सलाह के बिना अपनी डायट में पोटैशियम (Potassium) की मात्रा को न बढ़ाएं। यह तो थे लाइफस्टाइल में बदलाव। अब जानिए एसेंशियल हायपरटेंशन (Essential Hypertension) के उपचार में प्रयोग होने वाली दवाइयों के बारे में।
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दवाइयां (Medications)
अगर जीवनशैली में बदलाव से आपके ब्लड प्रेशर लेवल पर अधिक असर नहीं होता है, तो डॉक्टर आपको एक या एक से अधिक एंटीहायपरटेंसिव दवाइयों (Antihypertensive drugs) की सलाह दे सकते हैं। सामान्य ब्लड प्रेशर मेडिकेशन्स इस प्रकार हैं :
एसेंशियल हायपरटेंशन (Essential Hypertension) जैसी बीमारी सही दवाइयों और लाइफस्टाइल में बदलाव से मैनेज हो जाती है। जीवन में अच्छी आदतों का पालन रोगी को पूरी उम्र करना चाहिए। लेकिन, दवाइयां कब तक लेनी यह बात रोगी की स्थिति पर निर्भर करती है। कुछ लोग अनिश्चित समय तक दवा का सेवन करते हैं। लेकिन कुछ मामलों में अगर ब्लड प्रेशर (Blood pressure) कम हो जाता है तो दवाइयां लेना बंद की जा सकती है और हेल्दी आदतों से ब्लड प्रेशर के लो लेवल को बरकरार रखा जा सकता है।
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एसेंशियल हायपरटेंशन से जुड़ी जटिलताएं (Complications of Essential Hypertension)
अगर एसेंशियल हायपरटेंशन (Essential Hypertension) का उपचार नहीं किया जाता है। तो इसके कारण कई गंभीर जटिलताएं हो सकती हैं। इससे हार्ट आर्टरीज और वैस्कुलर सिस्टम को नुकसान हो सकता है। जिसके कारण यह समस्याएं हो सकती हैं:
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गर्भावस्था में एसेंशियल हायपरटेंशन (Essential hypertension in Pregnancy)
एसेंशियल हायपरटेंशन (Essential Hypertension) की परेशानी लगभग एक प्रतिशत प्रेग्नेंसीज में होने की संभावना होती है। एसेंशियल हायपरटेंशन (Essential Hypertension) के रूप में वर्गीकृत होने के लिए, उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure) पहले से मौजूद होना चाहिए और इसका कोई आयडेंटीफायबल कारण (Identifiable Reason) नहीं होना चाहिए। कुछ महिलाओं में गर्भावस्था के दौरान उच्च रक्तचाप होता है। लेकिन, यह एक अलग स्थिति है जिसे गेस्टेशनल हाय ब्लड प्रेशर (Gestational High Blood Pressure) कहा जाता है। गर्भावस्था के दौरान एसेंशियल हायपरटेंशन (Essential Hypertension) से पीड़ित महिलाओं का ब्लड प्रेशर लेवल (Blood Presure Level) स्टेबल रहता है। गर्भावस्था में एसेंशियल हायपरटेशन के कारण निम्नलिखित जटिलताएं हो सकती हैं:
- प्रीक्लेम्पसिया (Preeclampsia)
- प्लेसेंटल एबरप्शन (Placental Abruption)
- प्रीमेच्योर बर्थ (Premature Birth)
गर्भावस्था में इस समस्या से पीड़ित महिला को नियमित रूप से ब्लड प्रेशर की जांच करनी चाहिए। अगर इसका लेवल अधिक होता है। तो प्रोटीन के लिए यूरिन की जांच की जाती है और प्रीक्लेमप्सिया (Preeclampsia) के लक्षणों की जांच की जाती। इसके बाद डॉक्टर प्रभावित महिला का उचित उपचार करते हैं।
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एसेंशियल हायपरटेंशन (Essential Hypertension) की समस्या होने पर कई विभिन्न दवाइयों का प्रयोग करने की सलाह दी जाती है, जब तक रोगी के लिए सही दवा न मिल जाए। रोगी को पूरी उम्र इन दवाइयों का सेवन करना पड़ता है और इसके साथ ही हेल्दी लाइफस्टाइल को मेंटेन रखना होता है। हेल्दी लाइफस्टाइल और दवाइयों के साथ यह बात से ही यह हायपरटेंशन कंट्रोल हो जाता है। अगर आपको हाय ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure) की समस्या है, तो अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क अवश्य करें। इस बीमारी का निदान केवल रेगुलर चेकअप के दौरान ही संभव होता है। ऐसे में नियमित रूप से अपने ब्लड प्रेशर के साथ ही पूरे शरीर की जांच कराएं। ताकि केवल एसेंशियल हायपरटेंशन (Essential Hypertension) ही नहीं, बल्कि अगर आपको अन्य कोई समस्या है तो उसका निदान भी सही समय पर संभव हो सके।