एयर पॉल्यूशन से हार्ट डिजीज का रिस्क कब बढ़ जाता है? (When does air pollution increase the risk of heart disease?)
एयर पॉल्यूशन का समाना कोई भी कभी भी कर सकता है, लेकिन जो सड़कों या फैक्ट्रीज के पास रहते हैं या जिनके घर के आसपास डायरेक्ट ट्रैफिक होता है उनमें एयर पॉल्यूशन से हार्ट डिजीज (Air Pollution and heart disease) का रिस्क बढ़ जाता है। हमेशा इस प्रकार के वातावरण में सांस लेना परेशानी को बढ़ा सकता है। 2004 में अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन ने एक साइंटफिक स्टेटमेंट जारी किया था जिसमें बताया गया था एयर पॉल्यूशन का एक्सपोजर कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों और डेथ में योगदान देता है।शॉर्ट टर्म एक्सपोजर हार्ट अटैक, स्ट्रोक, एरिथमिया और हार्ट फेलियर के रिस्क को बढ़ा देता है। खासकर उन लोगों में जो बुजुर्ग हैं या जिनकी पहले से कुछ मेडिकल कंडिशन्स हैं।
लंबी अवधि के एक्सपोजर से मृत्यु का जोखिम अधिक होता है। वर्तमान विज्ञान से पता चलता है कि वायु प्रदूषण एथेरोस्क्लेरोसिस के विकास और प्रगति में योगदान देते हैं। यह उच्च रक्तचाप, दिल की विफलता और मधुमेह में भी भूमिका निभा सकता है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन की एक रिपोर्ट के अनुसार 20% से अधिक काडियोवैस्कुलर डिजीज डेथ (Cardiovascular disease deaths) का कारण एयर पॉल्यूशन होता है। एयर पॉल्यूशन और हार्ट डिजीज के बीच संबंध आप समझ चुके हैं अब इससे बचने के कारण भी जान लीजिए।
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एयर पॉल्यूशन से हार्ट डिजीज का खतरा ऐसे हो सकता है कम (Air pollution can reduce the risk of heart disease in this way)
एयर पॉल्यूशन से हार्ट डिजीज (Air Pollution and heart disease) ना हो इसके लिए जरूरी है कि आप फोरकास्ट रिपोर्ट देखें और अगर आप शहर में पॉल्यूशन ज्यादा है तो आउटडोर एक्सरसाइज से बचें। इसकी जगह आप इंडोर जिम या घर में एक्सरसाइज मशीन का उपयोग कर सकते हैं। अगर एयर क्वालिटी अच्छी नहीं है तो ऐसे में बच्चों को भी बाहर खेलने के लिए ना भेजें। साथ ही निम्न टिप्स भी अपनाएं।