1.एच7 (H7)
हायपरटेंशन में एक्यूप्रेशर पॉइंट्स (Acupressure points for hypertension) में H7 को हार्ट 7 कहा गया है। यह पॉइंट हार्ट डिजीज के सभी लक्षणों को फायदा पहुंचाता है। यह कलाई के बीचों बीच लेफ्ट साइड में छोटी उंगली के नीचे स्थित होता है। इस पॉइंट को दोनों हाथों से एक्टिवेट किया जा सकता है। इसके लिए पॉइंट पर 1 मिनट के लिए लगातार जोर से दबाना होगा। इस दौरान आपको रिलैक्स रहना पड़ता है। यह पॉइंट हार्ट से जुड़ी कई स्थितियों जैसे हार्ट डिजीज और सिंड्रोम्स (Heart diseases and syndromes), हार्ट पल्पिटेशन (Heart palpitations), हायपरटेंशन और एरिदमिया में फायदेमंद है। इस पॉइंट को स्पिरिट गेट भी कहा जाता है।
LI4 (एलआई 4)
इस पॉइंट को लार्ज इंस्टेटाइन 4 या LI4 कहा जाता है। यह इंडेक्स फिंगर और अंगूठे के बीच स्थित होता है। इस पॉइंट पर प्रेशर डालने पर यह ब्लड प्रेशर को कम करने के साथ ही क्रोनिक दर्द से राहत दिलाता है। इस पॉइंट पर प्रेशर डालने से दांत दर्द, साइनस और स्किन प्रॉब्लम्स में भी राहत मिलती है।
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एलआई 11 (LI 11)
हायपरटेंशन में एक्यूप्रेशर पॉइंट्स (Acupressure points for hypertension) में एलआई 11 (LI11) का विशेष महत्व है। इसे लार्ज इंटेस्टाइन 11 कहा जाता है। यह कार्डियोवैस्कुलर डिसऑर्डर का कारण बनने वाले हाय ब्लड प्रेशर या हायपरटेंशन को कम करने में मदद करता है। यह पॉइंट कोहनी की क्रीज के शीर्ष पर, जॉइंट के किनारे पर स्थित होता है। इसे 1 मिनट के लिए अंगूठे का उपयोग करके बिंदुओं पर दबाव डालकर दोनों कोहनी में सक्रिय किया जा सकता है। यह नसों और धमनियों के माध्यम से एनर्जी और रक्त प्रवाह आसान बनाता है और उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करता है।
जीबी 20 GB20
हायपरटेंशन में एक्यूप्रेशर (Acupressure for hypertension) की मदद लेना चाहते हैं तो जीबी 20 पॉइंट को भी ट्राय कर सकते हैं। इस पॉइंट को गालब्लैडर 20 या जीबी 20 कहा जाता है। यह खोपड़ी के आधार पर दो बिंदुओं पर पाया जाता है। अपने हाथों को वर्टिब्रे (Vertebrae) के दोनों किनारों पर रखें और अपने अंगूठे के साथ सिर के पीछे एक मिनट के लिए दवाब डालें।
पी4 (P4)
हायपरटेंशन में एक्यूप्रेशर (Acupressure for hypertension) की मदद लेना चाहते हैं, तो P4 या पेरिकार्डियम 4 एक और इफेक्टिव प्रेशर पॉइंट साबित हो सकता है। यह कई प्रकार के हार्ट प्रॉब्लम के लक्षणों को ठीक करने में उपयोगी माना जाता है। यह कोहनी और कलाई के बीच में रहता है और बीच की उंगली की सीध में होता है। इस पॉइंट को दोनों हाथों से एक्टिवेट किया जा सकता है। इसके लिए पॉइंट पर 1 मिनट के लिए लगातार जोर से दबाना होगा। इस दौरान रिलैक्स रहे। यह एंजाइना पेक्टोरिस, चेस्ट और हार्ट पेन, फास्ट हार्ट बीट आदि में भी प्रभावी है।
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हायपरटेंशन में एक्यूप्रेशर (Acupressure for hypertension) की मदद लेते वक्त ध्यान रखें ये बातें
हायपरटेंशन में एक्यूप्रेशर (Acupressure for hypertension) पॉइंट्स को स्टिमयूलेट कर रहे हैं, तो कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। एक्यूप्रेशर को कभी पेनफुल नहीं होना चाहिए। इसे तकनीक को एक्यूप्रेशर प्रशिक्षित की मदद से अपनाना चाहिए। इसे अच्छी तरह सीखे बिना घर में खुद पर या किसी दूसरे व्यक्ति पर ट्राय नहीं करना चाहिए। अगर आपको इस दौरान दर्द का अनुभव होता है तो तुरंत थेरिपिस्ट को इसके बारे में बताएं। एक्यूप्रेशर सेशन के बाद कई लोगों को एक्यूप्रेशर पॉइंट्स पर दर्द या नील पड़ना जैसे अनुभव हो सकते हैं। जो कि सामान्य है। साथ ही घाव, सूजन या किसी जगह पर चोट लगे होने पर ही यह तकनीक नई अपनाई जा सकती है। प्रेग्नेंट महिलाओं को एक्यूप्रेशर सेशन लेने से पहले डॉक्टर से इसके बारे में सलाह लेना चाहिए। प्रेग्नेंसी के दौरान कमर, पैर और पेट के नीचे एक्यूप्रेशर नहीं दिया जा सकता।