जेस्टेशनल हायपरटेंशन डायट (Gestational hypertension diet) के अंतर्गत रंगीन फलों का एक अहम रोल माना जाता है। इसमें विशेष रूप से संतरा, जामुन और आम जैसे फलों का समावेश होता है। यह सभी फल पोटेशियम, विटामिन और खनिज से भरपूर होते हैं, जो जेस्टेशनल हायपरटेंशन (Gestational hypertension) की स्थिति में आपकी मदद करते हैं। रोजाना इन फलों को अपने आहार में शामिल करके आप हाय ब्लड प्रेशर की समस्या को सामान्य बनाए रख सकते हैं। साथ ही साथ यह पोटेशियम का अच्छा स्त्रोत माने जाते हैं, जो सोडियम के स्तर को सामान्य बनाए रखते हैं। यदि आपको जेस्टेशनल हायपरटेंशन के साथ-साथ डायबिटीज की भी समस्या हो, तो आपको इन फलों का सेवन डॉक्टर की सलाह के बाद करना चाहिए। इन फलों में नैचुरल शुगर पाई जाती है, जो डायबिटीज की समस्या में आपके ब्लड ग्लूकोज को बढ़ा सकती है। इसलिए डॉक्टर की सलाह के बाद इन फलों को सीमित मात्रा में अपने आहार में शामिल करना चाहिए।
जेस्टेशनल हायपरटेंशन डायट : फिश और लीन चिकन (Fish and Lean Chicken)
यदि आप नॉन वेजिटेरियन हैं, तो आपको मछली और लीन चिकन का इस्तेमाल करना चाहिए। मछली में भरपूर मात्रा में ओमेगा 3 फैटी एसिड पाए जाते हैं। इसके अलावा इसमें विटामिन और मिनरल्स भरपूर मात्रा में होते हैं, जो आपके जेस्टेशनल हायपरटेंशन (Gestational hypertension) को कंट्रोल में रखते हैं। इसके साथ-साथ ओमेगा 3 फैटी एसिड शरीर में हो रहे इन्फ्लेमेशन को भी कम करने में मदद करते हैं। वहीं चिकन, प्रोटीन का एक बेहतरीन स्रोत माना जाता है, जो आपको वजन को सामान्य बनाए रखने में मदद करता है। इसके साथ-साथ यह अन्य पोषक तत्वों से भी भरपूर होता है, जो गर्भावस्था में आपकी स्थिति को बेहतर बना सकता है। इसलिए जेस्टेशनल हायपरटेंशन डायट (Gestational hypertension diet) के अंतर्गत नॉनवेज डायट में आप इन दोनों का समावेश कर सकते हैं।
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जेस्टेशनल हायपरटेंशन डायट : अलसी के बीज (Flax seeds)
अलसी के बीज, जिन्हें फ्लैक्सीड का नाम दिया गया है, जेस्टेशनल हायपरटेंशन (Gestational hypertension) की स्थिति में खाए जा सकते हैं। इन्हें सुखा कर, भून कर या इसका चूर्ण बनाकर भी इस का सेवन कर सकते हैं। यदि आप जेस्टेशनल हायपरटेंशन की स्थिति से गुजर रही हैं, तो आपके लिए अलसी के बीज फायदेमंद साबित हो सकते हैं। लेकिन कई बार अलसी के बीज नमक के साथ भूने जाते हैं, ऐसे भुने हुए बीजों को खाने से हायपरटेंशन की स्थिति और भी बिगड़ सकती है। इसलिए बिना नमक के इन अलसी के बीजों का सेवन करना चाहिए। जेस्टेशनल हायपरटेंशन डायट (Gestational hypertension diet) के अंतर्गत अलसी के बीजों का सेवन सोच समझ कर करना चाहिए और इसे सीमित मात्रा में ही लिया जाना चाहिए, जिससे आपके शरीर पर इसका पॉजिटिव प्रभाव हो।
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जेस्टेशनल हायपरटेंशन (Gestational hypertension) में डायट का ख्याल रखना बेहद जरूरी माना जाता है। यह ना सिर्फ हाय ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में रखता है, बल्कि आपके शरीर को पूरा पोषण देने के लिए भी जाना जाता है। लेकिन गर्भावस्था के दौरान अपने आहार में किसी भी नई तरह की डायट फॉलो करने से पहले आपको डॉक्टर या डायटिशियन से सलाह जरूर लेनी चाहिए। ऐसा ना करने पर आपकी सेहत और शिशु को नुकसान पहुंच सकता है। इसलिए समय पर डॉक्टर द्वारा प्रिस्क्राइब की हुई दवाओं के साथ-साथ जेस्टेशनल हायपरटेंशन डायट (Gestational hypertension diet) को फॉलो करना चाहिए। जिससे आपका स्वास्थ्य बेहतर हो और शिशु को कोई नुकसान ना पहुंचे।