5. सिरदर्द
अगर स्ट्रोक के कारण मस्तिष्क में सूजन होती है तो सिरदर्द की समस्या हो सकती है। इसके अलावा ब्रेन स्ट्रोक के उपचार के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवाओं के साइड इफेक्ट के कारण भी सिरदर्द की समस्या हो सकती है। साथ ही, हाई ब्लड प्रेशर को कम करने वाली दवाओं या खून को पतला करने वाली दवाओं के कारण भी सिरदर्द की समस्या हो सकती है।
यह भी पढ़ेंः हैंगओवर के कारण होती हैं उल्टियां और सिर दर्द? जानिए इसके घरेलू उपाय
6. दृष्टि के साथ समस्या
अगर ब्रेन स्ट्रोक के कारण मस्तिष्क का वह हिस्सा जो आंखों की सूचनाओं को नियंत्रित और प्राप्त करता है, प्रभावित होता है, तो दृष्टि के साथ समस्या पैदा कर सकता है। इसके कारण मोतियाबिंद या ग्लूकोमा की समस्या, धुंधला दिखाई देने की समस्या, एक या दोनों आंखों से दिखाई देना बंद हो सकता है।
ब्रेन स्ट्रोक के कारण आंखों को 4 तरह से नुकासन हो सकता हैः
- विजन लॉस होना- यह स्थिति अंधापन का कारण हो सकती है।
- आंखों की गति से जुड़ी समस्या – ब्रेन स्ट्रोक के कारण आंखों के कार्य को नियंत्रित करने वाली नसें प्रभावित हो सकती है। इसके कारण आंखों की गति धीमी या तेज हो सकती है। यानी एक वस्तु को देखने के बाद दूसरे वस्तु के देखने में परेशानी हो सकती है या उसके देखने की गति धीमी हो सकती है। इसे निस्टागमस (nystagmus) कहा जाता है।
- विजुअल प्रोशेसिंग प्रॉब्लम- यानी आपकी आंखें एक समय में सिर्फ एक ही वस्तु या दिशा को देख पाने में सक्षम होगी। मान लीजिए आप सीधी दिशा में देख रहे हैं, तो आपके अपने अगल-बगल के दृश्य नहीं दिखाई दे सकते हैं।
- प्रकाश से परेशानी- यानी आपको सूर्य की रोशनी या अन्य प्रकाश में देखने से जुड़ी समस्या हो सकती है।
7. लकवा
ब्रेन स्ट्रोक के कारण शरीर के एक तरफ का हिस्सा पूरी तरह के डैमेज हो सकता है, जिसे लकवा कहा जाता है। अगर स्ट्रोक ब्रेन के दाईं तरफ आया होगा, तो शरीर के बाएं भाग में लकवा होगा।
8. बोल-चाल की परेशानी
स्ट्रोक के बाद शारीरिक बदलाव में बोल-चाल की परेशानी होना भी आम स्थिति हो सकती है। इसके कारण बोलने या किसी की बात समझने में परेशानी होना या बोलना भी बंद हो सकता है। जिसे दो सामान्य श्रेणियों में बांटा गया हैः
- बोलना बंद होना- अगर ब्रेन स्ट्रोक के कारण मस्तिष्क के बाईं ओर की नसे डैमेज होती है, तो संचार करने की क्षमता को नुकसान होता है। इसके कारण पढ़ने, लिखने और बोलने की क्षमता प्रभावित हो सकती है।
- मोटर स्पीच डिसऑर्डर- स्ट्रोक के कारण मांसपेशियों की कमजोरी या असंगति (डिसरथ्रिया) के कारण बोलेन की क्षमता धीमी या विकृत हो सकती है।
यह भी पढ़ेंः कभी आपने अपने बच्चे की जीभ के नीचे देखा? कहीं वो ऐसी तो नहीं?