हाइपरटेंशन दिन-प्रतिदिन देश-दुनिया में सबसे तेजी से फैलने वाली बीमारी बनती जा रही है। हाई ब्लड प्रेशर की इस बीमारी से युवा भी अछूते नहीं रह गए हैं। इसका मुख्य कारण खराब खान-पान और जीवनशैली है। इसलिए हाइपरटेंशन के लिए डैश डायट को अपनाकर आप हाई ब्लड प्रेशर से दूर रह सकते हैं या इसे कंट्रोल में रख सकते हैं। आइए जानते हैं कि आखिरकार हाइपरटेंशन के लिए डैश डायट क्या है?
हाइपरटेंशन के लिए डैश डायट क्या है?
हाइपरटेंशन को दवा के बगैर यदि आप ठीक करना चाहते हैं तो हाइपरटेंशन के लिए डैश डायट के फायदे दुनिया भर में लोकप्रिय हैं। हाइपरटेंशन के लिए डैश डायट का अर्थ है शुगर, फैट और जंक फूड की मात्रा को नियंत्रित रखना। डैश DASH (Dietary Approaches to Stop Hypertension) डायट में फल, सब्जियां, नट्स, कम फैट वाले डेयरी पदार्थ, मछली, मीट, बीन्स आदि का सेवन होता है। हाइपरटेंशन के लिए डैश डायट में ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में रखने के लिए नमक और तेल को खाने में कम ही उपयोग में लाया जाता है। अमेरिकन जर्नल ऑफ प्रिवेंटिव मेडिसिन(American Journal of Preventive Medicine) द्वारा प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि 75 से कम उम्र के पुरुषों और महिलाओं ने डैश डायट का पालन किया तो उनके हार्ट फेलियर का रिस्क डैश डायट ना फॉलो करने वालों के मुकाबले कम हो गया।
हाइपरटेंशन के लिए डैश डायट कैंसर के जोखिम को कम करता है
विशेषज्ञों के अनुसार हाइपरटेंशन कम करने के लिए डैश डायट को अपनाने वाले लोगों में कई सारे कैंसर का जोखिम कम हो सकता है। इसमें कोलोरेक्टल(Colorectal) और स्तन कैंसर की समस्या(Breast Cancer) शामिल हैं।
हाइपरटेंशन के लिए डैश डायट मेटाबोलिक सिंड्रोम के जोखिम को कम करती है
कुछ अध्ययनों के अनुसार हाइपरटेंशन कम करने के लिए डैश डायट चयापचय विकार(Metabolic Syndrome) को 81 प्रतिशत तक कम करने की क्षमता रखती है।
हाइपरटेंशन के लिए डैश डायट डायबिटीज के खतरे को कम करती है
डैश डायट डायबिटीज टाइप 2 के जोखिम को कम करने के साथ ही इंसुलिन प्रतिरोध में सुधार कर सकती है।
हाइपरटेंशन के लिए डैश डायट हृदय रोग के जोखिम को कम करती है
महिलाओं पर किए गए एक अध्ययन में देखा गया कि यह आहार अपनाने वाली महिलाओं में हृदय रोग का खतरा 20 प्रतिशत और स्ट्रोक का खतरा 29 प्रतिशत तक कम हो गया।
हाई ब्लड प्रेशर डायट: हाइपरटेंशन के लिए डैश डायट चार्ट
आहार
कितनी बार खाएं
कितना खाएं
अनाज
7—8
अनाज में गेहूं, मक्का, बाजरा, दलिया, ओट्स, रागी, चावल आदि को शामिल करें। अनाज में फाइबर और पोषक तत्व होते हैं। इसलिए इन्हें आहार में शामिल करना बहुत जरूरी है। परिष्कृत के बजाए साबुत अनाज का उपयोग अधिक फायदेमंद रहता है। दूसरी जरूरी बात यह कि अनाज लो फैट फूड्स होते हैं तो इन्हें घी, मखन आदि लगाकर फैटी बनाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। चाहें तो गेहूं की रोटी, मक्के की रोटी, बाजरे की रोटी या खिचड़ी आदि देसी भोजन बनाएं। यदि पास्ता आदि खाने की इच्छा हो तो वहीं प्रोडक्ट रखीदें जिनमें 100 प्रतिशत होल ग्रेन या 100 प्रतिशत होल व्हीट लिखा हो। अनाज स्वाभाविक रूप से वसा में कम है। मक्खन, क्रीम और पनीर सॉस से परहेज करके उन्हें इस तरह रखें।
सब्जियां
4—5
टमाटर, गाजर, ब्रोकोली, शकरकंद, हरी पत्ते वाली सब्जियां आदि फाइबर, विटामिन और पोटेशियम और मैग्नीशियम जैसे खनिजों से भरी हुई होती हैं। चाहें तो एक कप कच्ची पत्तेदार हरी सब्जियां, 1/2 कप पक्की हुई सब्जियां और 180 मिलीलीटर तक ही सब्जियों का जूस उपयोग करें। सब्जियों का उपयोग सुबह के नाश्ते में पोहा, उपमा या चिला बनाते हुए कर सकते हैं। दोपहर और रात के खाने में भी सब्जी बनाएं। कई सारी सब्जियों को आप सलाद के तौर पर भी खा सकते हैं। ताजा सब्जियां ज्यादा फायदेमंद होती हैं। यदि आप डिब्बा बंद सब्जियां खरीद रहे हैं तो कोशिश करें कि उनमें सोडियम की मात्रा कम हो।
फल
4—5
सब्जियों की तरह फल भी फाइबर, पोटेशियम और मैग्नीशियम युक्त होते हैं। दिन भर के अपने डायट में फल को शामिल करना जरूरी है जिसे आमतौर पर लोग नजरअंदाज करते हैं। फलों को नाश्ते, मिड डे मील, इवनिंग स्नैक में उपयोग कर सकते हैं। फलों को रायता, हलवा या जूस, स्मूदी या साबुत खाया जा सकता है। याद रखें कि खट्टे फल कुछ दवाओं के साथ रिएक्ट कर सकते हैं। इसलिए डॉक्टर की सलाह लेना भी उचित हो सकता है।
डेयरी
2—3
दूध, दही, पनीर और अन्य डेयरी उत्पाद कैल्शियम, विटामिन डी और प्रोटीन के प्रमुख स्रोत हैं। कोशिश करें कि लो फैट या फैट फ्री डेयरी प्रोडक्ट का उपयोग करें।
यदि आपको डेयरी उत्पादों को पचाने में परेशानी होती है तो लैक्टोज फ्री उत्पादों का चयन करें। यह जरूरी नहीं है कि आप दूध ही पीएं, दही, छांछ आदि ऐसे डेयरी प्रोडक्ट हैं तो आपकी पाचन—क्रिया के लिए भी फायदेमंद हैं। ताजा दूध—दही ना उपलब्ध हो तो बाजार से चीनी व नमक वाला दूध—दही ना खरीदें। यह आपके मोटापे के बढ़ाने के काम आएगा।
मीट, पॉल्टरी व मछली
2 या कम
मांस प्रोटीन, विटामिन—बी, आयरन और जिंक से भरपूर होता है। मांस को बनाते समय या खाते समय स्किन या फैट वाले पार्ट को ना खाएं। मांस—मछली बनाते समय भी कम तेल आदि का इस्तेमाल करें। मांस या मछली में ऐसी वैराइटी आती है जो दिल व स्वास्थ्य के लिए बेहतर होती है, उन्हीं का चुनाव करें।
नट्स, बीज आदि
4—5
नट्स में स्वस्थ वसा जैसे मोनोअनसैचुरेटेड फैट और ओमेगा-3 फैटी एसिड आदि होते हैं। नट्स कैलोरी से भरपूर होते हैं। इसलिए इन्हें बहुत अधिक मात्रा में नहीं खाना चाहिए।
फैट व ऑयल
2—3
फैट शरीर को आवश्यक विटामिन एब्जोर्ब करने में मदद करता है। फैट शरीर के इम्युन सिस्टम को भी मदद पहुंचाता है। याद रखें कि बहुत अधिक फैट का सेवन हृदय रोग, मधुमेह और मोटापे के जोखिम को बढ़ाता है। इसलिए इसे भी कम मात्रा में ही इस्तेमाल करें।
मीठा
5 सप्ताह अनुसार
हाइपरटेंशन के लिए डैश डायट को फॉलो करने पर आप मीठे से बिल्कुल दूरी बना लें ऐसा नहीं है। हां यह याद रखें कि लो फैट या कम मीठी चीजों का ही सेवन करें। मीठे का कम मात्रा में सेवन हर किसी के लिए फायदेमंद होता है।
इसका इसी तरह का चार्ट बनाया जा सकता है
हौले-हौले ही करें हाइपरटेंशन के लिए डैश डायट की शुरुआत?
किसी भी नई चीज को करने में शरीर और हमें समय लगता है। ऐसा एक्सरसाइज और आहार दोनों के साथ है। हाइपरटेंशन कम करने के लिए डैश डायट की शुरुआत करना चाहते हैं तो धीरे-धीरे खाने में अंतर लाइए। एकदम से आहार में कम या बढ़ोत्तरी आपके शरीर के लिए नुकसानदायक हो सकती है। अनाज का सेवन, फल, सब्जियों को धीरे-धीरे अपने खाने में बढ़ाएं। हौले-हौले इनका सेवन बढ़ाने से आप डायरिया और पेट में गैस की समस्या या मरोड़ की समस्या से भी बचेंगे। चूंकि शरीर को एक साथ इस तरह के पदार्थ खाने की आदत नहीं होती तो वह इन्हें आसानी से पचा नहीं पाता।
सिर्फ खाना बदलने या सिर्फ एक्सरसाइज करने से बात नहीं बनती। हाई ब्लड प्रेशर हो या अन्य कोई भी बीमारी अच्छी नींद से लेकर डायट और एक्सरसाइज को नियमित रूप से फॉलो करना ही लक्ष्य की प्राप्ती में मददगार होती है। इसलिए दिल को स्वस्थ रखने वाले हाइपरटेंशन कम करने के लिए डैश डायट के साथ दिल की देखभाल करने वाली एक्सरसाइज या अन्य फिजिकल एक्टीविटी को भी बढ़ाएं।
विशेषज्ञ की सलाह लें
यदि आप किसी प्रकार की अन्य शारीरिक समस्या से गुजर रहे हैं तो विशेषज्ञ की मदद से अपनी डायट और एक्टीविटी निर्धारित कर सकते हैं।
हाई ब्लड प्रेशर डायट: हाई ब्लड प्रेशर को बढ़ाने वाली आदतों से दूर रहें
एल्कोहॉल व स्मोकिंग और कैफीन तीनों ही चीजें हाइपरटेंशन को बढ़ावा देती हैं। इसलिए इन चीजों से जितना दूर रहेंगे उतना ही आपके लिए फायदेमंद होगा।
हाइपरटेंशन में डैश डायट के अनेक फायदे हैं और इसे फॉलो करना इतना भी मुश्किल नहीं है। बस जरूरत है इच्छा शक्ति की। हाइपरटेंशन कम करने के लिए डैश डायट को अपनाकर आप आपने ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में रख सकते हैं।
उपरोक्त दी गई जानकारी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए आप अपने डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।
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