एनसीबीआई (NCBI) में प्रकाशित रिपोर्ट की मानें, तो ट्रान्सेंडैंटल मेडिटेशन (Transcendental Meditation) को अगर रोजाना किया जाए, तो हाय बीपी वाले पेशेंट में बेहतर परिणाम देखने को मिलते हैं। ट्रान्सेंडैंटल मेडिटेशन में आराम से बैठना और आंखों को करीब 20 मिनट तक बंद करना शामिल है। इसे दिन में दो बार किया जा सकता है। अगर इसे रेगुलर अपनाया जाए, तो शरीर में जीन स्टिमुलेट होता है और जो टेलोमेरेज उत्पन्न होता है, जो बीपी को लो करने के साथ ही मृत्यु दर को कम करने का काम भी काम करता है। प्री हायपरटेंशिव और हायपरटेंशिव व्यक्तियों में (Pre-hypertensive and hypertensive individuals) मेडिटेशन के फायदे अधिक देखने को मिल सकते हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि दो-तिहाई हाय ब्लड प्रेशर से ग्रस्त व्यक्तियों के बीपी लेवल को नियंत्रित नहीं किया जा सकता है। इसके अलावा, लगभग 30% वयस्क अपने उच्च रक्तचाप से अनजान रहते हैं, और उच्च रक्तचाप वाले 40% से अधिक लोग ट्रीटमेंट प्राप्त नहीं कर रहे हैं
हाय बीपी के लिए मेडिटेशन (Meditation for high BP) के बारे में जानने से पहले आपको मेडिटेशन के बारे में समझना जरूरी है। मेडिटेशन टेक्नीक तेजी से पॉपुलर प्रैक्टिस बन रही है। ये टेक्नीक हाय बीपी को कम करने का काम करती है। इस संबंध में कई स्टडीज हो चुकी हैं। अगर आपको हाय बीपी की समस्या है, तो आप दवाओं के सेवन के साथ ही मेडिटेशन भी कर सकते हैं। पब्लिश लाइब्रेरी ऑफ साइंस जर्नल ( PLOS journal) में प्रकाशित खबर के मुताबिक माइंडफुलनेस प्रैक्टिस आपके हाय बीपी को कंट्रोल करने में अहम भूमिका निभाता है। ये सायकोलॉजिकल वरी को कम करने के साथ ही स्ट्रेस को भी दूर करने में मदद करता है। माइंडफुलनेस क्रॉनिक कंडीशन जैसे कि हायपरटेंशन या हाय ब्लड प्रेशर के पेशेंट के अच्छे परिणाम देता है।
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हाय बीपी के लिए मेडिटेशन: माइंडफुलनेस (Mindfulness) क्या है?
माइंडफुलनेस (Mindfulness) की परिभाषा क्या होती है, इसके बारे में जानकारी होना बहुत जरूरी है। एक लाइन में कहा जाए हमेशा खुश रहने का तरीका माइंडफुलनेस होता है। हमारे आसपास बहुत सी घटनाएं घटती हैं। कुछ लोग आसानी से चीजों को समझते हुए डिसीजन लेते हैं, वहीं कुछ लोग जरा सी बात में घबरा जाते हैं और स्ट्रेस लेने लगते हैं। ऐसे में माइंडफुलनेस (Mindfulness) थेरिपी के जरिए खुद के माइंड को स्थिर रखा जा सकता है। जो लोग ध्यान करते हैं, उनका माइंड स्थिर रहता है और वो किसी भी घटना को हैंडल करने का बेहतर तरीका सीख जाते हैं। ऐसे लोग घबराते नहीं है।
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