आपकी आंखों में कई छोटी ट्यूब के माध्यम से नली निकलती हैं, जिन्हें आंसू नली कहते हैं। ये नली नाक में जाकर खुलती है। किसी कारण से जब आंसू नली में अवरोध हो जाता है तो आंखें ठीक से आंसू नहीं निकाल पातीं, नतीजतन आंखों में तरल अधिक जमा हो जाता है, जिससे इंफेक्शन का खतरा रहता है। इस आर्टकिल में हम आपको बता रहे हैं आंसू नली में अवरोध क्या है और इसे कैसे दूर किया जा सकता है।
आंसुओं की जरूरत सिर्फ रोने के लिए ही नहीं होती, यह आपकी आंखों को स्वस्थ रखने के लिए भी जरूरी है। आंसू आंखों की सतह को साफ रखता है और इसकी नमी बनाए रखता है। इसके बाद ये आपकी आंखों से एक ट्यूब (नली) के माध्यम से निकल जाते हैं, जो नाक में खुलती है। कई बार आंसू नली में अवरोध आ जाता है या ये सिकुड़ जाती हैं, जिसकी वजह से आंसू आंखों से बाहर नहीं आ पाते यानी आपकी आंखों में अतिरिक्त तरल जमा होने लगता है। यदि आपकी आंखों में पानी भरा रहता है और इरिटेशन (खुजली) होती है, तो तुरंत जांच करवाएं हो सकता है आपकी आंसू नली में अवरोध हो। यदि ऐसा होता है तो डॉक्टर आपकी आंसू नली में अवरोध को दूर करेगा जिससे आंसू सामान्य रूप से निकल सके। आंसू नली का वह हिस्सा जो नाक की हड्डी में है, में अवरोध होने पर टियर सैक (tear sac) का गंभीर संक्रमण हो सकता है जिसे डायक्राइसिस्टाइटिस (dacryocystitis) कहते हैं।
टियर डक्ट या आंसू नली छोटी-छोटी नलिकाएं हैं जिसके जरिए आंसू निकलते हैं। यह ड्रेनेज सिस्टम का हिस्सा है जो आंखों से गले में जाता है। आपकी पलकों के अंदर की ग्रंथि (ग्लैंड) और आंखों का सफेद हिस्सा लगातार आंखों में आंसू का स्राव करता है। जब आप पलक झपकाते हैं यह बाहर निकलता है।
कई बार जन्म से ही बच्चे की आंसू नली में अवरोध होता है। ऐसा इसलिए होता है कि नली को ढंकने वाली टिशू जन्म के समय तक पूरी तरह खुल नहीं पाती है, जैसा उसे खुलना चाहिए। आमतौर पर कुछ महीनों के अंदर यह अपने आप खुल जाती हैं।
बहुत कम लेकिन कुछ मामलों में आंसू नली में अवरोध इसलिए होता है क्योंकि गर्भ में बच्चे की आंखों का ड्रेनेज सिस्टम ठीक तरह से बन नहीं पाता।
वयस्कों में आंसू नली में अवरोध कई कारणों से हो सकता है, जिसमें शामिल हैः
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आंसू नली में अवरोध का इलाज कई तरीकों से किया जा सकता है, इसमें शामिल हैः
मसाज करना- अपने या बच्चे के आंख के किनारों दिन में दो बार का मसाज करने से अतिरिक्त तरल पदार्थ का स्राव होता है और आंसू की नली में अवरोध पैदा करने वाले टिशू खुल जाते हैं।
आंसू की नली की जांच- यदि बच्चे के पहले बर्थडे से पहले आंसू की नली का अवरोध नहीं हटता है, तो डॉक्टर कोई पतली सी चीज डालकर नली में रुकावट बनने वाले टिशू को खोलता है।
बलून कैथेटर डायलेशन- डॉक्टर आंसू की नली में एक पतली ट्यूब जिसे कैथेटर कहते हैं डालता है। एक पंप ट्यूब के अंत में बलून को फुलाता है, जिससे नलिका चौड़ी हो जाती है।
इंटुबैशन- एक छोटी ट्यूब आंसू की नली के माध्यम से नाक के अंदर डाली जाती है। जहां वह नलिका को खोलने के लिए 3 से 6 महीने तक रहती है और आंसू को बहने देती है।
सर्जरी- Dacryocystorhinostomy एक प्रकार की सर्जरी है जो व्यस्कों में आंसू की नली के अवरोध को हटाने के लिए की जाती है, यदि अन्य उपचार से मदद नहीं मिलती है। इसमें आंसू को निकलने के लिए आंख में नई नली बनाई जाती है।
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बच्चों की आंसू की नली में अवरोध समय के साथ अपने आप हट सकता है, इसके लिए आप कुछ घरेलू उपाय भी कर सकते हैः
हर कुछ घंटे के बाद जब ड्रेनेज का निर्माण होता है तो एक मुलायम, साफ कपड़े या कॉटन बॉल को गर्म पानी में भिगोकर धीरे से आंख को साफ करें। आप आंसू की नली पर हल्का दबाव दे सकते हैं, फिर आंख को अंदर और बाहर से पोंछ ले। नली निचली पलकों और नाक के बीच स्थित होती है।
आप टियर डक्ट का मसाज भी कर सकते हैं। आप हल्का प्रेशर देकर नली को खोलने के लिए ऊपरी नाक के साथ निचली पलकों के साथ मसाज करें। मसाज कैसे करना है इसके लिए आप डॉक्टर से डेमो के लिए कह सकते हैं।
यदि आंसू की नली में संक्रमण हो गया है तो डॉक्टर एंटीबायोटिक ड्रॉप या मलहम लगाने के लिए जे सकता है। इससे इंफेक्शन ठीक हो जाएगा।
अधिकांश मामलों में बच्चों की आंसू नली में अवरोध उसके एक साल के होने पर अपने आप ठीक हो जाता है। लेकिन यदि एक साल के बाद भी समस्या बनी रहे तो डॉक्टर के पास जाएं।
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लंबे समय तक आंसू की नली में अवरोध खतरनाक हो सकता है। इससे आंखों में बेवजह पानी बना रहता है और व्यक्ति बार-बार आंखों के इंफेक्शन का शिकार होता रहता है। ऐसे लोगों की आंखों की दृष्टि पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है क्योंकि लोग खुजली, जलन आदि होने पर आंखों को मलते रहते हैं।
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